कहते हैं भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं परंतु इस मामले में ऐसा लगता है जैसे देर ही देर और अंधेर ही अंधेर है। कानून के लंबे हाथ भी इस मामले में अब तक तो बौने ही साबित हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो फिर क्या कारण है कि इतने साल बीत जाने के बाद भी इस मामले में अब तक इंसाफ नहीं मिला। शिकायत पर शिकायत, तारीख पर तारीख चलती रही पर नहीं मिला तो वह है इंसाफ।
भूमि और माफिया यानी भू माफिया से जुड़ा यह एक हैरतअंगेज मामला है जिसमें पीड़ितों ने एक नहीं बल्कि जितने भी उपलब्ध मंच हैं, उस हर मंच पर जांच के लिए शिकायती आवेदन देकर देख लिया परंतु इंसाफ नहीं मिला। मिला तो सिर्फ ये कि जांच इधर उधर गोल गोल घूमती रही और नतीजा सिफर रहा है।
रीवा के वार्ड क्रमांक 15 गुलाब नगर का यह मामला है। पारिवारिक खींचतान और विवाद का यह मामला है जहा आरोप है कि भूमि किसी और की है और विक्रय कोई और ही कर दिया है। परिजनों का आरोप है कि राजस्व अधिकारियों से साठ गाठ और मिलीभगत कर फर्जी कुटरचित पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई गई और फर्जी दस्तावेजों के दम पर कई रजिस्ट्रीयों और जमीनों के क्रय विक्रय का गंदा खेल खेला गया है। जिसके कारण असली भू स्वामी का हक मारा गया, मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा भू स्वामी को और भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
उक्त दावा और आरोप विराट 24 न्यूज संस्था नही बल्कि विनीत,प्रमोद मिश्र परिजन लगा रहे है शिक्षक बृजेश मिश्र पर जो उनके पारिवारिक सदस्य है ,साथ ही उक्त आशय से जुड़ा एक आदेश तहसीलदार कार्यालय द्वारा 2012-13 में जारी किया गया था जिसमे कार्यवाही करने को लेकर जो बाते कही गई वह निम्न है…
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कमिश्नर ने जनसुनवाई के तहत तहसिलदार को कार्यवाही के लिए आदेश जारी किया और तहसीलदार ने अपने कार्यालय से एक आदेश जारी किया जिसमें साफ-साफ लिखा कि, विषय अंतर्गत संदर्भित पत्र के माध्यम से शिकायतकर्ताओं से पूछताछ की जाकर उनके बयान लिए गए जिसमें यह पाया गया कि कलेक्टर महोदय सतर्कता शाखा रीवा व कमिश्नर रीवा संभाग रीवा को जो शिकायत की गई थी वह पूर्णतया सत्य है। बृजेश कुमार मिश्रा द्वारा कुटरचित दस्तावेज तैयार कर राजस्व कर्मचारियों के सहयोग से पूरा फर्जीवाड़ा किया गया है तथा एक शिक्षक के पद की गरिमा व पद का दुरुपयोग कर निर्वाचन कार्य में बीएलओ पद पर कई फर्जी नाम जोड़कर उनका इस्तेमाल रजिस्ट्री में कराया गया है जो शिकायतकर्ताओं के ना तो परिवार के हैं और ना ही ग्राम समान की आराजी क्रमांक 519/1 के रकबे किसी तरह का स्वामित्व था। इस स्थिति में बटवारा नामांतरण कराकर बृजेश कुमार मिश्रा द्वारा अपने नाम अटॉर्नी पावर का गवाह बनकर रजिस्ट्रियां कराई गई तथा तत्कालीन राजस्व कर्मचारी अधिकारी गणों की कृपा से यह फर्जीवाड़ा किया गया। इतना ही नहीं ऐसा प्रतीत होता है कि कई कर्मचारी बृजेश कुमार मिश्रा से प्लाट मकान में रहने की फ्री सुविधा का लाभ लिए हैं तथा उनका मकान किसी अन्य के नाम से इन्हीं भूमियों पर बना हुआ है इसलिए मिश्रा के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुए और संबंधित अधिकारी/कर्मचारी जो इस फर्जी वाले में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से भूमिका का निर्वहन किए हैं उनके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए। इस हेतु प्रतिवेदन प्रेषित है साथ ही सभी मामले की जांच आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से कराना उचित होगा। इसी प्रकार रीवा जिला कलेक्टर को भी 11 जुलाई 2023 को फिर से प्रभावित परिजनों ने शिकायती आवेदन दिया जो की खसरा क्र. 519/3/2 रकवा 0.367 हेक्टेयर का गलत चौहद्दी दर्शाकर विक्रय पत्र निष्पादित किये जाने से सबद्ध था।
परंतु तत्कालीन तहसीलदार कार्यालय से जारी हुए उक्त आदेश में कोई भी संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई अगर कार्यवाही संतोषजनक हुई होती तो पीड़ितों को अब तक न्याय मिल चुका होता। परंतु पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला जिसके फल स्वरुप वह लगातार लड़ाई लड़ते रहे और जुलाई 2023 में कलेक्टर कार्यलय में आवेदन दिया है।
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इतने वर्षों में भी अगर न्याय नही मिला तो आखिर कमी कहा है। संबंधित परिजनो का आरोप है कि आखिर दोषी के कृत्य की जांच क्यू नही हो रही है। किस नेता, अधिकारी, प्रभावशील व्यक्ति, आखिर किसका सरंक्षण है उन पर ? क्या शिक्षक पैसे वाला,रसूखदार व्यक्ति है ,इसलिए विधिवत जांच और कार्यवाही नही हो रही। यहां तक की सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत का भी कही कोई असर नही होता दिखता। विगत कई वर्षों से मामला यूं ही लटका है जिससे संबंधित मिश्र परिजन अब हताश और निराश हो रहे है। ऐसे में सवाल यही है की आखिर इनको न्याय मिलेगा भी या नही या फिर ये यूं ही न्याय के लिए इधर उधर भटकते रहेंगे ???
(डिस्क्लेमर: उक्त खबर में वर्णित जानकारी लेख में वर्णित लोगो द्वारा उपलब्ध कराई गई है, जिसे जैसे को तैसे लिपिबद्ध किया गया है, विराट 24 न्यूज संस्था उक्त ख़बर में अपनी तरफ से कोई दावा नही करता, न ही किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा है और ना ही किसी प्रकार की कोई जिम्मेवारी लेता है।)