रीवा: देवतालाब मंदिर हादसा…आखिर दोषी कौन ?
रीवा के देवतालाब मंदिर में बड़ा हादसा II हाई टेंशन तार गिरने से फैला करंट II क्या है घटना का कारण पढ़ें इस खबर में…
रीवा: गतदिवस देवतालाब मंदिर में दिल को दहला देने वाली घटना घटित हुई जहा करंट की चपेट में आने से आधा सैकड़ा से भी ज्यादा लोग घायल हुए। गनीमत रही कि भोलेनाथ की कृपा से कोई हताहत नहीं हुआ वर्ना न जाने क्या हो सकता था। लाशों के ढेर लग सकते थे। और यह सब होता जिम्मेवारों की लापरवाही और गैर जिम्मेवारना रवैये के कारन।
गौरतलब है कि घटना घटित होते ही हड़कंप मच गया और आनन् फानन में घायलों को अलग अलग अस्पताल में भर्ती किया गया क्युकी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड और डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं थी।
यह घटना कैसे घटित हुई और इसके पीछे असल वजह क्या है, यह हम आपको बतायेगे आने वाली पंक्तियों में…
सावन में लगती है भक्तों की भीड़:
देवतालाब मंदिर रीवा जिले का जाना माना मंदिर है यहां प्रत्येक दिन भक्तो की भीड़ होती है, सावन के चलते यहां सोमवार के दिन काफी श्रद्धालु पहुंचे ! मंदिर की व्यवस्थाओं का जायजा बीच-बीच में प्रशासन को लेते रहना चाहिए और मरम्मत का कार्य भी समय समय पर होते रहना चाहिए ! मंदिर परिसर में लगाए गए बैरिगेड में हाई टेंशन तार गिरा जिसकी वह से करंट फ़ैल गया और, 50 से ज्यादा लोग करंट की चपेट में आ गए अच्छा यह हुआ की किसी को भी ज्यादा नुक्सान नहीं हुआ, हादसे के दौरान मंदिर में भगदड़ मच गई !
मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी:
घटना की सूचना लगते ही मौके पर पुलिस प्रशासन के साथ- साथ कलेक्टर प्रतिभा पाल व एसपी विवेक सिंह भी पहुंचे, हालात यह थे की परिजन अपने बच्चों को गोद में लेकर भागते नजर आये, एम्बुलेंस के मौके पर न पहुँचने से स्थिति ख़राब दिखी लेकिन फिर प्राइवेट वाहनों से ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया ! कलेक्टर,एसपी के साथ-साथ मऊगंज एडिशनल एसपी विवेक कुमार लाल, मनगवां एसडीएम पीएस त्रिपाठी, ,मनगवां एसडीओपी केएएस द्विवेदी, मऊगंज एसडीओपी नवीन दुबे, लौर थाना प्रभारी केपी त्रिपाठी, नईगढ़ी थानाप्रभारी जगदीश ठाकुर आदि मौके पर पहुंचे।
अलग-अलग अस्पतालों में किया भर्ती:
57 से भी ज्यादा लोग घायल हुए, घायलों को अलग अलग अस्पताल में भर्ती किया गया, इसका कारण यह था की अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड और डॉक्टरों की व्यवस्था नहीं है, विकास के दावे करने वाले क्षेत्रीय विधायक गिरीश गौतम जो की वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष भी हैं, अपने क्षेत्र में इतनी सुविधाएं भी नहीं दे पा रहे हैं की जनता का इलाज भी को हो सके। श्रद्धालुओं को तीन अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती किया गया, 10 घायलों को रीवा के संजय गाँधी अस्पताल भेजा गया जबकि 38 को मऊगंज सिविल अस्पताल,7 को देवतालाब और 11 को नईगढ़ी अस्पताल उपचार के लिए भर्ती किया गया।
कई बार की गई तार बदलने की मांग:
स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया की कई वर्षों से यहाँ के तार ख़राब हैं, जिसके लिए प्रशासन से लेकर विधायक तक गुहार लगाईं गई लेकिन किसी ने एक्शन नहीं लिया, प्रशासन हादसों के इंतजार करता है जब तक कोई हादसा या बड़ी घटना न हो गहरी नींद में रहता है। आज से 16 साल पहले भी ऐसी ही घटना देवतालाब में सामने आ चुकी है। खैर देखना ये है की इस घटना में बाद प्रशासन जागता है या फिर कुम्भकर्ण की भाँती, आराम करता है।