रीवा: गुलाब नगर में प्रवेश निषेध है! पर क्यों? पढ़िए खबर में
रीवा: नगर निगम रीवा भले ही लाख दावे करता रहे कि शहरवासियों को इतनी सुविधा, सेवाएं देंगे, वगैरह वगैरह पर हकीकत तो कुछ और ही है। सुनने में ये बातें कर्णप्रिय लगती भी है परन्तु जब जमीनी स्तर पर जाइये तो वैसा दिखता नहीं जैसा कि दावा किया जाता है। दरअसल दावों और असल में बड़ा अंतर है।
गौरतलब है कि वार्ड क्रमांक 15 अंतर्गत गुलाब नगर वासियो का मोहल्ले से निकलना दूभर हो गया है। दरअसल हुआ कुछ यूँ है की ठेकेदार ने प्रवेश द्वार पर स्लोप का निर्माण कराया है। निर्माण तो ठीक कराया लेकिन मलवा वही प्रवेश द्वार पर ही छोड़ दिया है। अब उस मलवे के कारण वहा हालात ये है कि मोहल्लेवासी निकल नहीं पा रहे है। उस पर सितम ये कि इस मोहल्ले में एक ही मुख्य मार्ग है जहा से लोग आ-जा सकते है। ऐसे में मोहल्ले में निवासरत करीब आठ सौ लोग किसी तरह अगल बगल से जान जोखिम में डाल कर निकल रहे है। आपको बता दें कि ठेकेदार जाने किसके सरंक्षण में इतना मदमस्त है कि प्रवेश द्वार के सामने पड़े मलवे को हटवाना तो दूर की बात है, उधर झांकने भी नहीं आ रहा है।
स्थानीय जन वार्ड पार्षद और नगर निगम में कई बार शिकायत कर चुके परन्तु वार्ड पार्षद और नगर निगम ने अब तक कुछ भी नहीं किया जबकि करना सिर्फ इतना है कि मलवे को एक ट्रेक्टर में भरवाकर वहा से हटवा देना है ताकि प्रवेश द्वार पूर्णतः खुल जाए और मोहल्लेवासी सुगमता से आ जा सके। कुल मिलाकर विगत दस दिनों से मलवा यूँ ही प्रवेश द्वार पर पड़ा हुआ है और स्थानीय जन गिड़ते पड़ते वहा से निकलने को मजबूर है।
मोहल्लेवासी विनीत मिश्रा बिन्ने, अजय,विजय,रोहन,राजू,सनी,रविराज सिंह,मोंटी,बून, प्रणव, सुशांत,साहिल आदि ने बताया कि लगता है जैसे गुलाब नगर का कोई माई बाप नहीं है। एक नहीं सैकड़ो समस्याएं इस वार्ड और मोहल्ले में है परन्तु सुनने देखने वाला कोई नहीं है। आखिर कहे तो किससे कहे ! यह मलवा हटवाने के लिए लगता है अनशन करना पड़ेगा तब यह हटेगा यहां से। साथ ही उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने जो स्लोप प्रवेश द्वार पर निर्माण कराया है वह भी इंजीनियरिंग का अलग अद्भुत नमूना है। यह स्लोप इतना ऊंचा और दूसरी तरफ इतना नीचा है कि दो पहिया वाले अपनी जान जोखिम में डाल कर ही यहाँ से निकल सकेंगे और वही चार पहिया वाहन विशेषकर छोटी कारे अपना चैम्बर तुड़वाकर यहां से निकलेगी। कुल मिलकार यह स्लोप नहीं छोटी मोटी पहाड़ी है। यहाँ से निकलने में हमे कही पर्वतारोही बनने का प्रशिक्षण न लेना पड़ जाए। पर निकलेंगे इस पहाड़ी स्लोप से होकर तब न जब मलवा हटेगा और प्रवेश द्वार खुलेगा।
सवाल यहाँ यही उठता है कि संभागीय मुख्यालय रीवा में ठीक नेशनल हाईवे के बगल में मलवा एक मोहल्ले के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध किये है और रोज यहाँ से गुजरने वाले किसी भी नेता विधायक ,मंत्री ,अधिकारी आदि का ध्यान नहीं गया कि संज्ञान में लेकर ही हटवा दें। बहरहाल देखने वाली बात यह होगी कि इतने बड़े नगर निगम के एक मोहल्ले की इतनी छोटी सी समस्या जो अब विकराल हो रही है वो आखिर कब तक दूर हो पाती है।
उल्लेखनीय है कि वार्ड पार्षद, ठेकेदार और नगर निगम की इस उपेक्षा से गुलाब नगर वासियों में अब आक्रोश पनप रहा है। आपको बता दें यह समस्या इसलिए भी विकट है क्युकी इस मोहल्ले में प्रवेश और निर्गम द्वार केवल एकमात्र यही है।