रीवा : गरीब घर के लड़के ने मारी बाजी,बना रेलवे में jr. स्टेशन मास्टर

सफलता की कहानी
जहाँ चाह वहाँ राह को चरित्रार्थ करती एक गरीब परिवार के बेटे की कहानी
गरीब घर के लड़के ने मारी बाजी , बना रेलवे में jr. स्टेशन मास्टर

रीवा : हम सब ने यूं तो खूब सुना और पढ़ा है कि फला कोचिंग सेंटर में पढ़ के युवक/युवती ने सफलता प्राप्त की ,
इन-उन हाई फाई टीचर्स से ट्यूशन ले के फला एग्जाम क्रैक कर लिया , वगैरह – वगैरह (हालाकि हम यहा किसी की किसी से तुलना नही कर रहे है , की कौन बड़ा कौन छोटा , सफलता सफलता होती और कड़ी मेहनत से ही प्राप्त होती है । खासकर आज के परिवेश में जब एग्जाम देने वाले हद से ज्यादा है जबकि पद अनुमान से भी कम निकाले जाते है । भीड़ मची है ठूसम-ठूसम )
बहरहाल यह सब छोड़ हम सीधे आते है आज की सफलता की कहानी में आज की कहानी पर …

आज की कहानी जिला रीवा से है । शहर के संजय नगर में रहने वाले सुनील वर्मा की सफलता की कहानी है । सुनील तीन भाईयों में सबसे छोटा है । सुनील बेहद गरीब घर का बेटा है , जिसके सर से उसके पिता ( स्व. शंकर प्रसाद वर्मा) का साया कुछ जल्दी ही उठ गया ।
अब क्युकी बच्चे छोटे थे , तो मां पर जिम्मेदारी आ पड़ी।पति पान की गोमती चलाते थे , पर एक महिला पान सिगरेट गुटखा की गोमती में कैसे बैठे और ये नशीले सामान बेचे ,ऐसा करना हर महिला के लिए आसान नहीं होता । पर घर तो चलाना ही था , बच्चों का पालन पोषण करने की जिम्मेदारी अचानक ही घर की अकेली महिला पर आ पड़ी। जैसे तैसे मां ने खुद को संभाला और घर पर ही छोटी सी रोजमर्रा की वस्तुओं वाली दुकान खोल ली।

किसी तरह समय बीता , बच्चे बड़े हो रहे थे। अब बच्चे स्कूल जाने लगे थे, उस छोटी सी दुकान से गुजारा करना मुमकिन नही दिख रहा था,साथ ही उधारी भी बढ़ रही थी ।

ऐसे में घर के बड़े बेटे सुशील वर्मा ने मोर्चा संभाला और अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी और खुद पिता वाली खाली पड़ी गोमती पर बैठने लगा , जैसे तैसे अभावो में जीवन कटा।

सुनील वर्मा ने उन्ही अभावो में कड़ी मेहनत की ,सरकारी स्कूल और कॉलेज में पढ़ा और रेलवे का एग्जाम दिया जिसमे सफलता अर्जित की। सुनील अपनी इस कामयाबी के लिए अपने माँ बाप ,बड़े भाई सुनील और अपनी कड़ी मेहनत को श्रेया देता है।

साथ ही उसने सामाजिक कार्यकर्ता एवं रीवा के प्रसिद्द रक्तदाता आशीष पांडेय (कंचु) का भी आभार माना I उसने बताया की कंचु ने कैसे जरुरत पड़ने पर न केवल उसका हौसला बढ़ाया बल्कि आर्थिक सहायता भी करते रहे है।

बहरहाल सुनील के घर में अब बेटे के इस सफलता से जहा एक और ख़ुशी का माहौल है तो वही दूसरी और संतोष है की अब घर में बेटे की नौकरी लग जाने से उतनी आर्थिक समस्या नहीं रहेगी । बताया गया की सुनील फिलहाल भुसावल में रेलवे की ट्रेनिंग कर रहा है I सफल ट्रैनिग के बाद उसकी पोस्टिंग की जाएगी। सुनील के रेलवे में जाने से उसके मोहल्लेवालों ,दोस्तों और रिस्तेदारो ने उसे शुभकानाए दी है।

by Umesh Shukla @ ‘VIRAT24’ news

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