- आदिवासी कोल राजाओं के शान का प्रतीक है कोलगढ़ी
- विधायक, कमिश्नर तथा एडीजीपी ने मुख्यमंत्री की दौरे की तैयारियों का लिया जायजा
रीवा(त्योंथर): मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 9 जून को रीवा जिले के त्योंथर में कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार का भूमि पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री त्योंथर सिंचाई परियोजना का शिलान्यास तथा स्वामित्व योजना से भू-अधिकार पत्र का वितरण भी करेंगे। कार्यक्रम के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।
विधायक त्योंथर श्यामलाल द्विवेदी, रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी तथा एडीजीपी केपी वेंकटेश्वर राव ने कार्यक्रम स्थल, हेलीपैड एवं कोलगढ़ी का दौरा करके की जा रही तैयारियों का जायजा लिया।
कमिश्नर ने कहा कि तीनों कार्यक्रम स्थलो में सुरक्षा के उचित प्रबंध करें। कार्यक्रम मुख्य बस्ती में होने के कारण मार्ग संकीर्ण हैं। वाहनों के आवागमन तथा पार्किंग के लिए उचित व्यवस्था करें।
मुख्यमंत्री का आगमन दोपहर में हो रहा है। वाहनों का रूट इस तरह से निर्धारित करें कि समारोह में शामिल होने वालों को किसी तरह की परेशानी न हो। समारोह में स्वामित्व योजना से बड़ी संख्या में हितग्राहियों को अधिकार पत्र प्रदान किए जाएंगे। इनके कार्यक्रम स्थल में बैठने की व्यवस्था करें। सभी अधिकारी सौंपे गए उत्तरदायित्व के अनुसार समारोह स्थल में आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
एडीजीपी राव ने अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था तथा यातायात प्रबंधन के संबंध में निर्देश दिए।
मौके पर उपस्थित कलेक्टर प्रतिभा पाल ने समारोह के लिए की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे, संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेय, एसडीएम पीके पाण्डेय तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
कोलगढ़ी का इतिहास: ऐतिहासिक धरोहर
कोलगढ़ी: आदिवासी कोल राजाओं के शान का प्रतीक है
विन्ध्य क्षेत्र में लंबे समय से गुजरात के चालुक्य शाखा के बघेल राजाओं का शासन रहा। इनका राज्य बहुत विस्तृत था। इस राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई छोटे राजाओं ने शासन किया। इनके रीवा में राजाओं से मित्रवत संबंध रहे। इसी तरह का राज्य त्योंथर में था। बघेली बोली में गढ़ी छोटे किले को कहा जाता है। कोलगढ़ी से स्पष्ट है कि यह कोल राजाओं का किला है। कोलगढ़ी रीवा जिले के त्योंथर कस्बे में ऊँचे टीले पर टमस नदी के किनारे स्थित है। पुराविदों ने इसे लगभग 200 वर्ष पुराना बताया है। वर्तमान में कोलगढ़ी जीर्ण-शीर्ण भवन है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके जीर्णोद्धार की घोषणा की है। इसके लिए 324.70 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। मुख्यमंत्री चौहान 9 जून को कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार कार्य का भूमिपूजन करेंगे।
कोलगढ़ी आदिवासी कोल राजाओं के वैभवशाली शासन का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार के साथ कोल संस्कृति के संरक्षण के लिए कोल संग्रहालय के निर्माण के भी निर्देश दिए हैं। इस संग्रहालय में कोल समुदाय की संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। कोलगढ़ी को सबके गौरव का प्रतीक बनाया जाएगा।