रीवा में हर दिन इतने बच्चे हो रहे पैदा, तेजी से बढ़ रहा जनसँख्या ग्राफ
रीवा में तेजी से बढ़ रहा जनसंख्या ग्राफ 145 बच्चे पैदा हो रहे हर रोज पिछले पांच साल में पौने तीन लाख बच्चे हुए पैदा जबकि 85 हजार लोगों की हुई मौत
रीवा: भारत की जनसँख्या की रफ़्तार तेजी से बढ़ रही है। हालिया आकड़े बता रहे है कि जनसँख्या के मामले में हमने चीन को पछाड़ दिया है और अब हम दुनिया में जनसँख्या के मामले में पहले नंबर पर है। भारत की जनसँख्या 140 करोड़ के आकड़े को पार कर गयी है।
आज हम आपको रीवा की जनसँख्या आकड़ो के हिसाब से समझाने वाले है, बस अंत तक इस लेख को पढ़िए…
देश के साथ साथ रीवा जिले की जनसँख्या भी काफी तेजी से बढ़ रही है। आकड़ो को आधार माने तो बीते पांच साल में जिले में पौने तीन लाख बच्चे पैदा हुए है। जिले में औसतन प्रतिदिन 145 बच्चो का जन्म हो रहा है। यह आकड़े सरकार द्वारा जनसँख्या नियंत्रण के तमाम उपायों और दावों की कलई खोलते नजर आते है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है, उसी गति से विकास की रफ्तार भी बढऩा चाहिए। अन्यथा असंतुलन होते ही जिला का विकास काफी पीछे चला जाएगा। दूसरे शब्दों में कहे तो अगर जनसँख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाये गए तो जिले का विकास असंतुलित होगा। जिसका असर जिले में रहने वाले लोगो पर पड़ना तय है।
बीते करीब पांच साल में अगर जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो करीब 2.78 लाख बच्चे पैदा हुए हैं। इसके साथ ही संभागीय मुख्यालय होने की वजह से बड़ी संख्या में यहां पर लोग शिक्षा, रोजगार एवं अन्य कारणों से आ रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से कार्यक्रम तो चलाए जा रहे हैं परन्तु शायद वो नाकाफी है। लोगों में जागरुकता आई है परन्तु जनसंख्या की जो रफ्तार है वह चिंता बढ़ने वाली है।
जनगणना का अकड़ा क्या कहता है ?
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार रीवा की जनसंख्या 23,65,106 जिसमें पुरुषो की संख्या 12,25,100 और महिलाओ की संख्या 11,40,006 है। 2001 की जनगणना के अनुसार इस 2011 की जनगणना में 19.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अब नए सिरे से जनगणना का कायज़् होना है। ऐसे में जनसंख्या वृद्धि की गति और तेज होने का अनुमान है। रीवा जिले में रहने का घनत्व 375 लोग प्रति किलोमीटर वगज़् है जबकि 2001 में यह दर 313 व्यक्ति प्रति किलोमीटर वगज़् था। अनुपात 1000 लड़कों में 926 लड़कियों का अनुपात 2011 में रहा। रीवा में शिक्षित लोगो की प्रतिशत 71.62 हैं।
सरकार के परिवार नियोजन कार्यक्रम रहे फ्लॉप/नाकाफी :
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाये जा रहे थे। परन्तु अब शासन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। जिसके कारन लोगो में जागरूकता की कमी है। जो कि जनसँख्या वृद्धिं का एक प्रमुख कारण है।
जबकि जरूरत है परिवार नियोजन के कार्यक्रम नित्य चलाये जाए एवं लोगो को जागरूक किया जाए अन्यथा आने वाले दिनों में जनसँख्या विस्फोट विकास के लिए घातक सिद्ध होगा !
रीवा जिला… वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 23.65 लाख।
वर्तमान में 26.61 लाख है जनसँख्या, जिसमें महिलाएं 12.77 लाख और 13.83 पुरुष लाख हैं
पांच साल में ऐसे बढ़ी जिले की जनसंख्या :
वर्ष – जन्म – मृत्यु
- 2018 47129 13283
- 2019 51255 14856
- 2020 49139 14782
- 2021 52355 19724
- 2022 53283 16034
- 2023 24952 7229 (30 जून तक)
कुल 278113 82508
जनसँख्या नियंत्रण के लिए करने होंगे ये प्रयास :
- शहरों के साथ गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य की पयाज़्प्त व्यवस्थाएं ताकि बढ़ती जनसंख्या के अनुसार लोगों को सुविधाएं मिल सकें।
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि की जरूरत है, ताकि जीवकोपाजज़्न की समस्या नहीं हो। बढ़ती जनसंख्या की वजह से ही रीवा जिले से करीब पांच लाख से अधिक लोग दूसरे शहरों में रोजगार के लिए गए हैं।
- शहर में आवासीय सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। रीवा में पयाज़्प्त आवासीय कालोनियां नहीं होने की वजह से मकानों का किराया अधिक देना पड़ रहा है।
- पेयजल के संसाधनों में भी जनसंख्या के अनुमान के अनुसार वृद्धि की जरूरत है। हालांकि अमृत योजना के द्वितीय चरण में इसको ध्यान में रखा गया है।
- शहरों में हर तरह के बाजार के विस्तार की जरूरत है। जनसंख्या बढ़ रही है और समय के अनुसार जरूरतें बढ़ रही हैं तो मांग के अनुरूप बाजार का होना जरूरी है।