कृषि विविधीकरण के लिए धान की जगह दलहन एवं तिलहन फसलों को बढ़ावा दें – कलेक्टर
स्वसहायता समूहों को मुर्गीपालन तथा पशुपालन से जोड़ें
रीवा: कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कृषि, उद्यानिकी, मछली पालन, पशुपालन, दुग्ध संघ एवं सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि रीवा जिले में गेंहू एवं धान का रकवा कम कर किसानों को दलहन एवं तिलहन की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देकर धान की जगह पर किसानों को दलहन एवं तिलहन फसलों के लिए प्रोत्साहित करें। एक एकड़ में धान की फसल की जगह यदि किसान अरहर की फसल लेते हैं तो उन्हें अधिक लाभ होगा।
कलेक्टर ने कहा कि पिछले वर्ष खरीफ सत्र में 2 लाख 79 हजार 77 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बोनी की गई थी। इस वर्ष खरीफ सत्र में धान का रकवा केवल पाँच हजार हेक्टेयर ही कम किया गया है। इसके लिए किसानों एवं ग्राम का चयन एवं उन्हें प्रेरित कर दलहन एवं तिलहन की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। जिन क्षेत्रों में दलहन एवं तिलहन का उत्पादन अधिक लिया जाता है उनका चयन कर ग्रामवार एवं किसानवार चयन करें। कलेक्टर ने कहा कि 5 हजार हेक्टेयर कम करने के प्रस्ताव को परिवर्तित कर और अधिक रकवा बढ़ाया जाए। ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी अपने क्षेत्रों में जाकर कृषकों को प्रेरित करने का काम करें। जिले की कृषि विकास कार्य योजना फिर से तैयार करें।
पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने कहा कि स्वसहायता समूहों को मुर्गीपालन तथा पशुपालन से जोड़ने का प्रयास करें। ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूहों को भी इन गतिविधियों से जोड़ें। इनके प्रशिक्षण तथा बाजार के बैकवर्ड एवं फारवर्ड लिंकेज की व्यवस्था करें। मुर्गीपालन और बकरी पालन जैसे व्यवसाय को गांव में आदर्श के रूप में विकसित करें। उन्होंने कहा कि सभी पूर्ण 110 गौशालाओं का संचालन कराते हुए इनमें गौवंश के रखने की व्यवस्था करें। स्वसहायता समूह को गौशाला गतिविधि से जोड़कर इनके बैंक खाते पशुपालन विभाग से लिंक कराएं। बसामन मामा गौ अभ्यारण्य में जैविक खाद निर्माण तथा अन्य गतिविधियों को तेज करें। गौ अभ्यारण्य में पशुओं के उपचार की समुचित व्यवस्था करें। अभ्यारण्य के सभी शेडों में गौवंश रखने की व्यवस्था करें।
कलेक्टर ने कहा कि मंडियों की गतिविधियाँ तेज कर इसके ट्रांजेक्शन बढ़ाएं। मंडियों में क्रय-विक्रय को प्रोत्साहित करें। सहकारी बैंक की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने जिला महाप्रबंधक सहकारी बैंक को लंबित फसल ऋणों की वसूली के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को आगामी फसल के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करें। यूरिया की अतिरिक्त रैक की तत्काल मांग करें। मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि बड़े तालाबों में मछली पालन बढ़ावा देने के लिए मछुआ सहकारी समिति में पर्याप्त संख्या में सदस्य शामिल करें। मछुआ सहकारी समितियों को जोड़कर इनका एफपीओ बनाएं। कलेक्टर ने गोविंदगढ़ तालाब में केज कल्चर से मछली पालन के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सहायक संचालक उद्यानिकी को कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सब्जी, फल, मसाला तथा पुष्प उत्पादन के लिए किसानों की ग्रामवार सूची तैयार करें। सब्जी प्रोसेसिंग की दो यूनिट स्थापित करने के लिए उद्यमियों का चिन्हांकन करें। सुंदरजा आम के पौधे क्लस्टर आधार पर किसानों को वितरित करें। आम का बगीचा लगाने वाले किसानों को सुंदरजा आम के पौधे वितरित करने में प्राथमिकता दें। बैठक में जिला पंचायत सीईओ सौरभ सोनवड़े, उप संचालक कृषि यूपी बागरी, सहायक संचालक उद्यानिकी योगेश पाठक, सहकारी बैंक के महाप्रबंधक ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, सहायक संचालक मत्स्य अंजना सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।