रीवा: एक चिकित्सक जो बन बैठा भूमाफिया और प्रोफेसर की जमीन का फर्जी सौदा कर हड़प लिए पूरे तीस लाख, पढ़िए आकंठ तक भ्रस्टाचार में डूबे चिकित्सक के जालसाजी की कहानी

रीवा: एक चिकित्सक जो बन बैठा भूमाफिआ और प्रोफेसर की जमीन का फर्जी सौदा कर हड़प लिए पूरे तीस लाख, पढ़िए आकंठ तक भ्रस्टाचार में डूबे चिकित्सक के जालसाजी की कहानी

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की बहू के नाम की जमीन का किया लाखों रुपए में फर्जी एग्रीमेंट

भ्रष्टाचार और भूमाफिया से जुड़ी खबर है जिसे पढ़कर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। आप भी सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि देशभक्ति की बात कर ने वाले किस तरह से मौका मिलते ही किसी भी हद तक गिर सकते हैं।

दरअसल मामला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय ओमकार नाथ खरे के परिवार से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें कि ओंकार नाथ खरे ताम्रपत्र धारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे है, जिनके बेटे अजय खरे मीसाबंदी हैं और आज भी जनहित मुद्दों पर सक्रिय और मुखर रहते है।

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अजय खरे की पत्नी गायत्री खरे अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है। जिनका 60 बाई 40 यानी 2400 वर्ग फुट का प्लाट चोरहटा थाना क्षेत्र में है। चोरहटा थाना से महज चंद कदम दूर बाबूपुर में स्थित है। उक्त खाली पड़े प्लाट पर सीएमओ अलख प्रकाश की नजर पड़ी तो भ्रष्टाचार में पांव से सिर तक डूबे सीएमओ ने साजिश रच डाली।

दरअसल गायत्री खरे के नाम से अरविंद मिश्रा के साथ एक फर्जी एग्रीमेंट कराया गया, एग्रीमेंट की जानकारी उस समय हुई जब उक्त जमीन किसी थर्ड व्यक्ति को बेचने का सौदा किया गया,तीसरे व्यक्ति ने जब भूमि स्वामी गायत्री खाने से सम्पर्क किया तो सुनकर उनके होश उड़ गए। अलख प्रकाश ने 30 लाख रूपए गायत्री खरे के प्लाट पर अरविंद मिश्रा निवासी गोड़हर से एडवांस ले लिया और उक्त जमीन बेचने के फिराक में थे। गनीमत रही कि खरीदार सीधे गायत्री खरे से संपर्क किया और जमीन बच गई।

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जानकारी के बाद गायत्री खरे ने उक्त मामले की शिकायत थाना पुलिस, पुलिस अधीक्षक से लेकर कमिश्नर, कलेक्टर, रजिस्टार और अधिवक्ता संघ में की है।

गौरतलब है कि पूरे मामले को लेकर अरविंद मिश्रा ने बताया कि अलख प्रकाश की सिरमौर चौराहे में क्लीनिक है और वह भी मेडिकल लाइन से जुड़े है। जिनके द्वारा उक्त जमीन बेचने का सौदा किया गया था, जब अरविंद मिश्रा ने भूमिस्वामी से मिलने की बात कही तो अलख प्रताप ने कहा कि वह कैंसर से पीड़ित है और उनसे मुलाकात नहीं हो सकती। इस तरह से 30 लाख एडवांस में ले लिया और 20लाख रुपए की और मांग कर रहा था, इतना ही नहीं फर्जी एग्रीमेंट बनवाकर अरविंद मिश्रा को दे दिया और 30 लाख हजम कर लिया।

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मामला प्रकाश में आने के बाद अरविंद मिश्रा के भी हाथ पांव फूल उठे और अब वह अलख प्रकाश की क्लीनिक और घर के चक्कर लगा रहे है। वही पुलिस में हुई शिकायत से अब उनके ऊपर एफआईआर दर्ज होने की भी तलवार लटक रही है।

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अलख प्रकाश पहले भी हो चुके हैं ट्रैप :
एक चिकित्सक जो लोकायुक्त पुलिस के द्वारा रिश्वत लेते पकड़ा जा चुका है। वह इतनी बड़ी कार्यवाही होने के बाद भी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है। मिले साक्ष्यों के आधार पर अलख प्रताप एक बार फिर सलाखों के पीछे जा सकते हैं।

चिकित्सक के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार के खिलाफ साजिश रच कर उनकी जमीन बेचने की नाकाम कोशिश की गई है। अब एग्रीमेंट कराने वाले और अलख प्रकाश दोनों के ऊपर कानूनी तलवार लटक रही है, तो हाथ पांव मारते नजर आ रहे है।

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बकौल खरे परिवार अगर पुलिस सच्चाई के साथ जांच पड़ताल करती है तो निश्चित तौर पर एक बार फिर अलख प्रताप सलाखों के पीछे जा सकते हैं। जब पूरे मामले को लेकर डॉक्टर अलख प्रकास से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मिलकर बात करने की बात कही और फ़ोन रख दिया।

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बहरहाल सच क्या है यह तो जांच उपरांत ही पता चल सकेगा परन्तु इतना है कि ऐसी घटनाओ के प्रकाश में आने से प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने वाले लोगो का विश्वास जरूर उठता है। सामाजिक रूप से भी देखें तो यह बड़ा ही चिंतनीय विषय है।

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