येती(हिममानव)…हकीकत या किंवदंती(काल्पनिक)

येती (हिममानव) हकीकत या किंवदंती_
दुनिया के सबसे रहस्यमय प्राणियों में से एक येती (yeti) की कहानी लगभग हजारों साल पुरानी बताई जाती है। कई बार इन्हें देखे जाने की खबरें भी आती-जाती रही हैं। लद्दाख के कुछ बौद्ध मठों ने दावा किया था कि हिममानव उन्होंने देखा है।वहीं शोधकर्ताओं ने येती को मनुष्य नहीं बल्कि ध्रुवीय और भूरे भालू की क्रॉस ब्रीड यानी संकर नस्ल बताया है।कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि येती एक विशालकाय जीव है,जिसकी शक्लोसूरत तो बंदरों जैसी होती है,लेकिन वह इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है। इसे देखे जाने के रोमांचक किस्से अक्सर सुने जाते रहे हैं। हालांकि इसे लेकर वैज्ञानिक भी एकमत नहीं हैं।
येती को ही हिममानव या अबोमिनेबल स्नोमैन कहा जाता है।यह एक पौराणिक प्राणी है जो कि वानर जैसा
क्रिप्टिड है जो कथित तौर पर नेपाल और तिब्बत के हिमालय क्षेत्र में निवास करता है।आम तौर पर उस क्षेत्र
के मूल निवासी यति को मेह तेह अन्य नामों से भी पुकारते हैं और यह उनके इतिहास एवं पौराणिक कथाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा है। येती या यति को कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है जैसे कांग आदमी, मिर्का,जोब्रान, मिगोई,घृणित हिममानव, वनमानुष, स्नोमैन।येती की कहानियों का उद्भव सबसे पहले १९वीं सदी में हुआ था और यह धीरे-धीरे उनकी संस्कृति का लोकप्रिय अभिन्न हिस्सा बन गया।येती एक रहस्यमय प्राणी के रूप में अत्यंत लोकप्रिय है।यति का नाम भारतीयों के इतिहास में भी आता है.पहली बार १९५१ में विशालकाय पैरों के निशान की तस्वीरें छपी थीं,जिन्हे येती के पैरो का निशान बताया गया था।
येती इतना अधिक लोकप्रिय है कि फ़िल्मों, साहित्य, संगीत और वीडियो गेमों में दिखने के बाद यति एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गया है।
अबोमिनेबल स्नोमैन मार्वल कॉमिक्स यूनिवर्स का एक पात्र है और स्नोमैन डीसी कॉमिक्स यूनिवर्स का एक पात्र है।येती को भारतीय कॉमिक्स सुपर कमांडो ध्रुव में दिखाया गया था।
कई फिल्मों जैसे द स्नो क्रिएचर (1954),द अबोमिनेबल स्नोमैन (1957),मॉन्स्टर्स (2001) और द ममी:tomb ऑफ ड्रैगन (2008) नामक फिल्मों में इसकी उपस्थिति उल्लेखनीय है।
नेपाल की एयरलाइंस का नाम भी येती एयरलाइंस है,जिसका एक विमान अभी हाल ही (जनवरी २०२३) में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

जहां नेपाल,तिब्बत और हिमालय क्षेत्र में निवास करने वाले लोगो के लिए येती एक वास्तविक पात्र है वही दूसरी ओर वैज्ञानिक समुदाय यति को साक्ष्य के अभाव में एक किंवदंती(काल्पनिक) पात्र के रूप में ज्यादा मानते है। बावजूद इसके यह सबसे प्रसिद्ध प्राणियों में से एक है।उत्तरी अमेरिका के बिगफुट किंवदंती की तरह ही यति को एक प्रकार माना जा सकता है।
येती के विषय में जब पश्चिमी सभ्यता के लोगो को जानकारी हुई तो समय समय पर बहुत से लोगो ने कई अभियान चलाकर येती के बारे में और जानने और प्रामाणिक सबूत खोजने के कई प्रयास किए।परंतु इन अभियानों में कोई भी प्रमाणिक विवरण नहीं खोजा जा सका। इसीलिए येती के अस्तित्व को लेकर रहस्य बरकरार है। बहरहाल उस जगह के कई लोगो ने समय समय पर येती और उसके पदचिन्हों को देखने के कई दावे करते रहे है।
१९ वी सदी में लारेंस वाडेल,२० सदी में एन ए टोंबाजी, एरिक शिपटन, एडमंड हिलेरी,ब्रिटिश पर्वतारोही डॉन ह्विलंस प्रमुख लोग है जिन्होंने यति के विषय में प्रमाणिक जानकारी खोजने के लिए अभियान चलाए,इन अभियानों में उन्हें कई पदचिन्ह,लोगो द्वारा कई कहानियां पता चली।कुछ ने येती को देखने के दावे भी किए।परंतु इन्हे कभी भी वैज्ञानिक मान्यता नहीं मिल सकी।
बहरहाल सच जो भी हो,एक बात पक्की है कि यति का रहस्य आज भी बरकरार है और लोगो के बीच आज भी वह सर्वाधिक लोकप्रिय पात्र है।जिसके बारे में समय समय पर खबरे आती रहती है।दावे किए जाते रहते है।उम्मीद है एक दिन यति के रहस्य से पर्दा उठेगा।
@उमेश शुक्ल (रीवा) ‘विराट24’
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