धरती पर स्वर्ग यानी मेघालय.हरी-भरी घाटियां,जंगलों के बीच से गुजरती जंगली नदियां, पुराने झरने और प्रकृति का अलौकिक दृश्य. दूर तक फैली खूबसूरत चेरी ब्लॉसम के जंगल. इस राज्य में ऐसी कई चीजें हैं जहां एक बार आने के बाद आप यहां बार-बार आना चाहेंगे. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आप मार्च या अप्रैल में यहां किन जगहों पर आकर प्रकृति में खुद को खो सकते हैं.
आपने इस डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज को इंटरनेट या किसी टीवी चैनल पर जरूर देखा होगा. मेघालय के जंगलों में स्थित ये प्राकृतिक रूप से निर्मित ब्रिज तकरीबन 200 साल पुराना है. यह ब्रिज पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और देश विदेश से लोग इसे देखने और फोटोग्राफी करने यहां आते हैं. यह ब्रिज हरियाली और जंगलों के बीच रहस्यों से भरा नजर आता है.
ऊंचे पठार से दूध की धारा सा नीचे गिरता झरना हाथी झरना यानी एलीफेंट फॉल्स के नाम से जाना जाता है. मेघालय स्थित यह एक प्रमुख झरना है. इसका नाम हाथी के आकार की होने की वजह से दिया गया था. हालांकि साल 1897 के दौरान आए भूकंप की वजह से ये क्षतिग्रस्त हो गया. लेकिन आज भी ये झरना पर्यटकों के बीच काफी पॉपुलर है.
मेघालय की प्रचलित जगहों में चेरापूंजी भी है. ये जगह भी घूमने के लिए एक खूबसूरत और अद्भुत पर्यटन स्थल माना जाता है. यहां आपको कई ऐसी खूबसूरत जगहें मिल जाएंगी जिसे देखकर किसी का भी मन झूमने लगता है. यहां की जलवायु और सुंदरता वाकई सैलानियों को बार बार आने के लिए आकर्षित करती है.
प्रकृति प्रेमियों के लिए मौसिनराम स्वर्ग से कम नहीं है. अगर आप मेघालय में बारिश का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो आप मौसिनराम जरूर जाएं. मौसिनराम भारत का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का सबसे अधिक मात्रा में बारिश होने वाले स्थान के रूप में जाना जाता है. यहां की हरी भरी प्रकृति देखते ही बनती है. हर मौसम में ये जगह कमाल की दिखती है.
मेघालय की राजधानी शिलांग उन जगहों में गिनी जाती है जहां शहरी जीवन के साथ साथ नेचुरल ब्यूटी भी नजर आता है. ये जगह समुद्र तल से 1491 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसे पूर्व का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है. पहाड़, झरने, झील और गुफाएं शिलांग की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. यहां आएं तो शिलांग पीक, उमियम झील, हाथी झरना, स्वीट फॉल्स सहित अन्य टूरिस्ट जगहों पर जरूर जाएं.