मणिपुर वायरल वीडियो(मार्मिक खबर): पीड़िता का पति व्यथित…नहीं कर पाया पत्नी और गांववालों की रक्षा,कभी कारगिल में की थी देश की रक्षा
पीड़िता के पति ने कारगिल में की थी देश की रक्षा पूर्व सैनिक को रंज कहा: देश की रक्षा तो की पर अपनी बीवी और गांववालों की नहीं कर सका रक्षा
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में तीन मई से हिंसा हो रही है। राज्य में हिंसा थम नहीं रही है। उल्लेखनीय है कि चार मई का महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो वायरल होकर सामने आने के बाद से मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर सवाल उठ रहे हैं। उनका इस्तीफा माँगा जा रहा है। हलाकि उन्होंने इस्तीफा देने से साफ़ इंकार कर दिया है।
मणिपुर हिंसा और वायरल वीडियो को लेकर देशभर के लोगों में गुस्सा है, विपक्ष सीएम के इस्तीफे की मांग कर रहा है। विपक्ष की मांग का जवाब देते हुए सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि उनका मुख्य काम ‘राज्य में शांति लाना’ है। उन्होंने कहा कि मैं इसमें नहीं जाना चाहता। मेरा काम राज्य में शांति लाना है। हर समाज में शरारती तत्व हैं। लेकिन हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।
मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह का कहना है, ‘घटना को लेकर राज्य भर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। आरोपी नंबर एक, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था। उसके घर को महिलाओं ने जला दिया था। मणिपुर समाज महिलाओं के खिलाफ अपराध के खिलाफ है। वे महिलाओं को अपनी मां मानते हैं। यह विरोध आरोपियों को दंडित करने के लिए सरकार का समर्थन करने के लिए है।
करगिल युद्ध के सैनिक की पत्नी के साथ घटी घटना :
वहीं, जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराई गई, उनमें से एक का पति करगिल युद्ध में भाग ले चुका है। पूर्व सैनिक को इस बात का रंज है कि उसने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा पाया।
छलका दर्द बोले, निराश हूं :
पत्नी और ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सका :
असम रेजीमेंट में सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा दे चुके व्यक्ति ने कहा की उन्होने कारगिल युद्ध में देश की सीमा की सुरक्षा के लिए लड़ाई लड़ी है और भारतीय शांति रक्षक बल के रूप में श्रीलंका में भी रहा है। उन्होंने देश की रक्षा की लेकिन वो काफी निराश और व्यथित है कि वो अपनी पत्नी तथा बाकी ग्रामीणों की रक्षा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि पुलिस तो मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। जिन लोगों ने मकानों को जलाया और महिलाओं का अपमान किया, उन्हें कठोर सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि इन महिलाओं का अपहरण करने से पहले हथियारबंद लोगों का एक ग्रुप कांगपोकपी जिले के गांव में घुसा और उसने घरों को लूटा तथा आगजनी की सैकुल थाने में दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है। करीब 900-1000 लोग सैकुल थाने से करीब 68 किलोमीटर दक्षिण में कांगपोकपी जिले में स्थित गांव में जबरन घुस आए उनके पास अत्याधुनिक हथियार थे। कुछ लोगों ने एके राइफल्स, एसएलआर, इनसास और .303 राइफल्स जैसे आधुनिक हथियार ले रखे थे। हिंसक भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की और लूटपाट करने के बाद आग लगा दी। दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र किया तथा उन्हें लोगों के सामने गांव की सड़कों पर घुमाया गया ।
पुलिस के कब्जे से छुड़ा ले गई पुलिस :
18 मई को दी गई शिकायत में पीड़ितों ने आरोप लगाया कि दोनों महिलाओं में से छोटी महिला के साथ दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। शिकायत के मुताबिक, जब उनके गांव पर हमला हुआ तो महिलाएं एक समूह में थीं जो भीड़ से बच रही थीं। शिकायत में कहा गया है कि उनको पुलिस ने बचाया और पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा था। जब भीड़ ने उन्हें रोका और पुलिस हिरासत से छीन लिया सबसे छोटी महिला के पिता और भाई को भीड़ ने पकड़ लिया शिकायत के मुताबिक, उसके भाई की हत्या कर दी गई. 19 साल का युवक अपनी बहन को भीड़ से बचाने की कोशिश कर रहा था।
19 जुलाई को सामने आया था वीडियो :
पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने तथा उनसे छेड़छाड़ करने के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी से एक दिन पहले 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने आया था। हालांकि 18 मई को इस घटना की कांगपोकपी पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसे 21 जून को घटना स्थल थोबल के सैकुल थाने में स्थानांतरित कर दिया गया था।