मंदिर जाने का अनूठा फायदा, आप भी जान कर हो जाएंगे हैरान
आमतौर हम मंदिर जाते हैं , जहाँ हमें परम सुख व शांति का अनुभव होता,परन्तु क्यों? क्या आपने कभी सोचा , कि मंदिर जाने से मन मे अलग सी शांति का अनुभव क्यों होता है !
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आइए आज हम आपको बताते हैं कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बाते जिन्हें शायद ही आप जानते हो।
मन मे सवाल यह उठता है कि आखिर जब घर मे ही पूजा पाठ की जा सकती है तो मंदिर जाने से क्या मतलब , पर आपको बता दें कि बहुत मतलब होता है मंदिर जाने का।
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भगवान तो हर कण में , हर क्षण में विद्यमान हैं , मन से उनकी पूजा अर्चना की सकती है , घर मे भी पूजन का कार्य किया जा सकता है।लेकिन हमारे पूर्वजों ने मंदिर जाने का और वहाँ कुछ क्षण ध्यान लगाने का विधान बनाया है।तो इसका वैज्ञानिक कारण भी है।
आप जानते हैं कि पृथ्वी में जो भी चीजे स्थिर है वह गुरुत्वाकर्षण बल के कारण टिकी हैं। जैसे घर में चारो तरफ दीवारें होती हैं,उसके ऊपर छत होती है, जो कि गुरुत्वाकर्षण बल के कारण पृथ्वी छत को खींचती है, जिस छत के नीचे हम रहते हैं, गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हमारे सिर(मस्तिष्क) में भी बल लगता है , जिससे सिर दर्द और अनावश्यक बल के कारण मन में अशांति रहती है
जबकि मंदिरों में छत नहीं होती है केवल दीवारे होती, जो कि दीवार नुमा आकर से ऊपर तक जाती हैं,या फिर गुम्मद होता है जो कि पूर्ण रूपेण बंद नहीं होता,जिस कारण से वहाँ मंदिर में गुरुत्वाकर्षण बल नगण्य होता है, जिस कारण हमारे मस्तिष्क में अनावश्यक बल या दबाव नहीं बनता है , और हमे शांति का अनुभव होता है।
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इसलिए हमें मंदिर अवश्य जाना चाहिए , क्योंकि शरीर को कार्य करने व सोचने समझने की क्षमता मस्तिष्क देता है, और जब हमारा मस्तिष्क ही काम नहीं करेगा तो किसी काम मे मन नहीं लगेगा, जबकि मंदिर में जाने से अलग ही आनंद का अनुभव होता है
by Adarsh Mishra @ ‘VIRAT24’ news