भोपाल: AIIMS में ऐसे बंकर बनकर हो रहे तैयार जो होंगे रेडिएशन फ्री,दुनिया की सबसे एडवांस मशीन रखने की है तैयारी,होगा कैंसर जैसे रोगो का इलाज

भोपाल के AIIMS में ऐसे बंकर बनकर हो रहे तैयार जो होंगे रेडिएशन फ्री,दुनिया की सबसे एडवांस मशीन रखने की है तैयारी,होगा कैंसर जैसे रोगो का इलाज

  • रेडिएशन से बचाने तैयार होंगे बंकर
  • रखी जाएगी दुनिया की सबसे एडवांस मशीन

एमपी भोपाल। बंकर शब्द आते ही हम सबके मन में आर्मी का विचार आता है पर यहाँ हम AIIMS भोपाल में तैयार हो रहे बंकर की बात कर रहे है जो लोगो को खतरनाक रेडिएशन से बचाएगा।
आपको बता दे ऐसे ही बंकर का निर्माण एम्स भोपाल में किया जा रहा है, जो इस साल अंत तक बनकर तैयार भी हो जाएंगे।

रेडिएशन फ्री बंकर गामा नाइफ के लिए लिए हो रहे निर्मित :
सेना के बंकरों की तरह ही एम्स भोपाल में बन रहा बंकर लोगों को खतरनाक रेडिएशन से बचाएगा। इस बंकर में दुनिया की सबसे एडवांस मशीन गामा नाइफ रखी जाएगी। दरअसल, एम्स में जटिल कैंसर की जांच और इलाज के लिए गामा नाइफ मशीन लगाई जानी है। इस मशीन को इंस्टॉल करने के लिए विशेष प्रकार से निर्मित रेडिएशन फ्री बंकर का निर्माण किया जाता है। बंकर का निर्माण कार्य हाल ही में एचएलएल इंफ्रोटेक सर्विसेस लिमिटेड (एचआईटीईएस) यानी हाइट्स को दिया गया है। जब बंकर बनकर तैयार होगा उसके बाद ही एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड की टीम को यहां निरीक्षण के लिए बुलाया जाएगा। टीम की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही गामा नाइफ की मशीन का सेटअप यहां लगाया जाएगा।

हमीदिया में 35 साल से खाली पड़ा बंकर!
यह पहली बार नहीं है जब किसी अस्पताल में बंकर तैयार किया गया हो। हमीदिया अस्पताल में करीब 35 साल पहले कोबाल्ट मशीन के लिए बंकर का निर्माण किया गया था। हालांकि इस बंकर में आज तक मशीन इंस्टॉल नहीं की जा सकी।

बंकर की दीवार एक फीट मोटी होगी
एम्स प्रबंधन के मुताबिक बंकरों को विशेष तरीके से तैयार किया जाता है। इसकी दीवारें करीब एक फुट मोटी होती हैं। यही नहीं,बंकर की दीवारों पर रेडिएशन या हानिकारक किरणों को रोकने के लिए विशेष कैमिकल का लेप लगाया जाता है। यह केमिकल रेडिएशन को सोखकर बाहर नहीं जाने देता।

निम्न बीमारियों में होगा इस्तेमाल:

  • ब्रेन ट्यूमर
  • ब्रेन कैंसर
  • ट्राइजेमिनल न्यूरेलजिया (नस की बीमारी)
  • एकोस्टिक न्यूरोमा (नस की बीमारी)

गामा नाइफ क्या है?
गामा नाइफ एडवांस रेडियोथेरेपी प्रक्रिया है। इसका उपयोग ज्यादातर नसों में मौजूद छोटे ट्यूमर खासकर ब्रेन ट्यूमर के लिए किया जाता है। इसमें रेडिएशन केवल ट्यूमर पर दिया जाता है जो कैंसर सेल के अंदर मौजूद डीएनए को नष्ट कर देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *