भारत में कहां छपते हैं नोट? कौन छापता है, कहां से आते हैं कागज-स्याही, पढ़िए यहां…

see alsoरीवा- हाइट्स कंपनी कर्मचारियों का कर रही शोषण प्रबंधन भी नहीं कर रहा सहयोग

भारत में कहां छपते हैं नोट? कौन छापता है और कहां से आते हैं कागज-स्याही, यहां पढ़िए

see also रीवा- कलेक्टर प्रतिभा पाल ने लिया एक्शन; देखिये किन 4 अपराधियों को किया जिलाबदर

2000 Rupee Note: 19 मई 2023 को आरबीआई ने 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन वापस ले लिया है. हालांकि, 2000 का नोट कई सालों से कम ही देखने को मिल रहा था.

कहा तो यह भी जाता था कि RBI ने बहुत पहले ही 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी थी. ऐसे में एक सवाल आपके ज़हन में आ सकता है कि आखिर नोटों की छपाई होती कहां है और इसे कौन करता है?

see alsoरीवा- महिला के साथ की गई छेड़छाड़, बेटो को हुई जानकारी तो अपराधी को जमकर पीटा

दरअसल, भारतीय करेंसी छापने का काम भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का होता है. जिसके लिए देशभर में चार प्रिंटिंग प्रेस हैं. यहीं पर नोट छापे जाते हैं और भारतीय करेंसी के सिक्के भी चार मिंट में बनाए जाते हैं.

see alsoरीवा- बोलोरो गाड़ी से सीधी जा रहे युवकों को शराब तस्करी के शक में जमकर पीटा; देखें यह खब

see also रीवा- पुरानी रंजिश के चलते युवकों पर हमला; पांच घायल, तीन की हालत गंभीर

देश में सिर्फ यहां छपते हैं नोट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में नोट छापने के उद्देश्य से साल 1926 में महाराष्ट्र के नासिक में एक प्रिंटिंग प्रेस शुरू की गयी थी. जिसमें 10, 100 और 1000 के नोट छापने का काम शुरु किया गया था. हालांकि, तब भी कुछ नोट इंग्लैंड से मंगाए जाते थे. साल 1947 तक नोट छापने के लिए सिर्फ नासिक प्रेस ही कार्यरत थी. उसके बाद साल 1975 में मध्यप्रदेश के देवास में देश की दूसरी प्रेस शुरू की गई और 1997 तक इन दोनों प्रेस से नोट छापे जा रहे थे.

see also रीवा- चाय वाले के बाद अब बेवफा समोसे वाले ने मारी एंट्री; प्रेमी जोड़ों के लिए स्पेशल रे

चार जगह छपते हैं नोट
साल 1997 में सरकार ने अमेरिका, कनाडा और यूरोप की कंपनियों से भी नोट मंगवाने शुरू किए. साल 1999 में कर्नाटक के मैसूर में और फिर साल 2000 में पश्चिम बंगाल के सलबोनी में भी नोटों की छपाई के लिए प्रेस शुरू की गई. कुल मिलाकर भारत में वर्तमान में चार नोट छापने की प्रेस हैं. 
देवास और नासिक की प्रेस वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नेतृत्व में काम करती हैं. वहीं, सलबोनी और मैसूर की प्रेस को भारतीय रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड संचालित करती है.

see also रीवा- डभौरा के नाम परिवर्तन का विरोध शुरु; विधायक पर लगे आरोप कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

see also रीवा- किसानो की भूमि मे रातोंरात बहने लगी नदी; देखिये संगमा कम्पनी का कारनामा

कहां से आता है पेपर?

भारतीय मुद्रा के नोट में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर पेपर जर्मनी, यूके और जापान से आयात किया जाता है. RBI अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय मुद्रा के 80% नोट विदेश से आने वाले कागज पर ही छपते हैं. वैसे भारत के पास भी एक पेपर मिल सिक्योरिटी पेपर मिल (होशंगाबाद) है. जो नोट और स्टांप के लिए पेपर बनान का काम करती है. वहीं, नोटों में लगने वाली स्पेशल स्याही स्विजरलैंड की कंपनी SICPA से मंगाई जाती है.

see also रीवा- बस और ऑटो की जोरदार टक्कर में घायल हुआ ऑटो चालाक; देखिये कैसे है हालत

see also रीवा-पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल में पदस्थ बाबू को सजा 04 वर्ष का सश्रम कारावास

भारत में भी लगी स्याही बनाने वाली यूनिट

हालांकि, कर्नाटक के मैसूर में भी केंद्रीय बैंक की सब्सिडियरी भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण (BRBNMPL) की स्याही बनाने वाली यूनिट वर्णिका (Vernika) की स्थापना की गयी है. जिसका उद्देश्य देश को नोट छापने के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है.

see also तेंदूपत्ता समितियों के माध्यम से 9 हजार से अधिक संग्राहक तोड़ रहे हैं तेंदूपत्ता

see also वीडियो बनने से रोकने पर दौड़े SDM, वायरल हुआ वीडियो

see also बलिया की पूजा ने UPSC में 390 *वीं रैंक हासिल कर किया जिले* का नाम रोशन

see also थाने पहुंची महिला बोली- मैंने जहर खा लियावकील पर लगाया शोषण का आरोप

see also सिगरेट उधार न देने पर भड़का नवयुवक, दुकान में तोडफोड़ कर की पत्थर बाजी, VIDEO CCTV कैमरे में कैद

see also HAHDOL: सीएम शिवराज के कार्यक्रम में जा रहे यात्रियों से भरी बस पलटी, 3 लोगों की मौ***त

see also रीवा-कांग्रेस पार्टी का जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन संपन्न कार्यक्रम वृंदावन गार्डन में रखा गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *