भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन, शेड्यूल, पूरा कार्यक्रम पढ़िए इस खबर में…
हवन-पूजा, तमिलनाडु से आएंगे 20 संत, नेता विपक्ष का भी संबोधन…नई संसद के उद्घाटन का पूरा कार्यक्रम (हालांकि उद्घाटन का आधिकारिक कार्यक्रम आना अभी बाकी है)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद की इमारत का करेंगे उद्घाटन, नेता विपक्ष का भी होना है संबोधन
- सुबह 7.30 बजे पूजा से होगी शुरुआत
- 1200 करोड़ में बनकर तैयार हुई नई संसद
- लोकसभा में बैठ सकेंगे 888 सदस्य
- सुबह 7:30 पूजा से होगी कार्यक्रम की शुरुआत
- सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक हवन और पूजा होगी
- पूजा के लिए पंडाल गांधी मूर्ति के पास लगाया जाएगा
- दोपहर 2:30 बजे कार्यक्रम का समापन होगा
- उद्घाटन कार्यक्रम में ज्यादातर विपक्षी पार्टियां नहीं होंगी
- तमिलनाडु से आएंगे 20 संत, हवन-पूजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद की नई और शानदार इमारत का उद्घाटन करेंगे। परन्तु उद्घाटन कार्यक्रम में ज्यादातर विपक्षी पार्टियां शामिल नहीं होंगी। अब तक 20 विपक्षी पार्टियां नई संसद के उद्घाटन के बहिष्कार का ऐलान कर चुकी हैंI संसद के नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे. पीएम मोदी संसद का उद्घाटन दोपहर 12 बजे करने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही सुबद 7 बजे से हवन पूजन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा.
आइए जानते हैं 28 मई को होने वाले संसद भवन की नई इमारत के उद्घाटन का संभावित कार्यक्रम
>सुबह 7:30 से 8:30 बजे हवन और पूजा. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा डिप्टी चेयरमैन सहित कई मंत्री मौजूद रहेंगे.
>8:30 से 9 बजे के बीच लोकसभा के अंदर सेंगोल को वैदिक रीति-रिवाज से स्थापित किया जाएगा. इसके लिए तमिलनाडु के मठ से 20 स्वामी मौजूद रहेंगे.
>9 से 9:30 बजे प्रार्थना सभा आयोजित होगी. इसमें शंकराचार्य सहित कई बड़े विद्वान पंडित और साधु संत मौजूद रहेंगे, आदि शिव और आदि शंकराचार्य की पूजा होने की भी संभावना है.
दूसरा चरण दोपहर 12 बजे से राष्ट्रगान के साथ शुरू होगा.
इस दौरान दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी.
>इसके बाद डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा हरिवंश, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति का संदेश पढ़ेंगे.
>राज्यसभा में नेता विपक्ष यानी मल्लिकार्जुन खड़गे का भी संबोधन होगा. वैसे तो खड़गे नेता विपक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है और वह अब भी पद पर बने हुए हैं. हालांकि कांग्रेस ने उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ऐसे में विपक्ष नेता के संबोधन पर संशय बना हुआ है.
>लोकसभा स्पीकर का भी संबोधन होगा.
>इसके बाद सिक्के और स्टांप रिलीज किए जाएंगे.
आखिर में होगा पीएम मोदी का संबोधन : इस मौके पर एक सिक्के और स्टांप को भी रिलीज किया जाएगा. सबसे आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा और इसी के साथ वह नई संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. माना जा रहा है कि लगभग दोपहर 2 से 2.30 बजे तक कार्यक्रम का समापन होगा.
नई संसद की लागत है 1200 करोड़
पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इस कार्य के लिए राज्यसभा और लोकसभा ने 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया था। इसकी लागत 861 करोड़ रुपये आंकी गई थीI हालांकि बाद में इसके निर्माण की कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गईI संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।
लोकसभा में बैठ सकेंगे 888 सदस्य, राज्यसभा में 384 सदस्य
संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 माननीय सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 जबकि राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। चार मंजिला संसद भवन में 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है।दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चेंबर में ही होगा। संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान भी होगा।
नया संसद भवन का आर्किटेक्चर
तिकोने आकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है। 64,500 वर्ग मीटर के दायरे में पूरा कैम्पस फैला हुआ है। इसकी लागत 1200 करोड़ रुपये है। नए भवन में एक संविधान हॉल भी होगा, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया जाएगा। इसके अलावा, इस संसद में संसद सदस्यों के लिए लाउंज, कई सारे कमेटी रूम, डायनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा। संसद भवन के तीन मेन गेट- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार होंगे। वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी। अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक
बहिष्कार के पीछे विपक्ष की दलील
विपक्ष की दलील है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए ना कि प्रधानमंत्री को। वहीं बीजेपी विपक्ष की दलीलों को बेबुनियाद करार दे रही है। अब तक 20 विपक्षी पार्टियां नई संसद के उद्घाटन के बहिष्कार का ऐलान कर चुकी हैंI