ब्रेकिंग>सीधी का सिंघम👮‍♂️ बेगुनाह? मचा हड़कंप 📢 कांटे में फस गई मछरी🎣! जानें हकीकत 💡इस खबर में…

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सूबेदार भागवत पांडेय 🚔बने शिकार, जांच में होगा धमाका; महिला के भी कई कारनामे उजागर !

भदोही, वाराणसी के बाद सीधी,रीवा में दुष्कर्म का मामला!

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सूबेदार भागवत पांडेय बने शिकार जांच में होगा बड़ा धमाका देखें क्या है हकीकत।
(क्या मछली कांटे में फंस गई ? )

सीधी। विराट24। 🚓 यातायात थाने ने पदस्थ सूबेदार भागवत पांडे और कथित महिला का मामला एक ऐसा हैरतंगेज मामला है जो एक महिला और पुलिस अधिकारी के बीच के  संदेहास्पद संबंधों के ताने बाने को लेकर  जुड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि सूबेदार पांडे सीधी जिले में पदस्थ पुलिसवाले है, चुकी उनका एक बेहद सफल you tube चैनल है, जिसमे उनके लाखो फॉलोअर्स है, इसकी वजह से वो जिले के बहुत ही प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक हैं। उक्त मामला जब प्रकाश में आया, तो बेहद तेजी से फैल गया और आजकल यह मामला सुर्खियों में है।इस मामले में रोज नए खुलासे हो रहे है।अभी हाल ही में कथित महिला ने उक्त सूबेदार पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर पूरे रीवा संभाग में सनसनी फैला दी थी।अब उसी मामले में नया मोड़ आया है, जिसकी वजह से उक्त मामले में पूरे 360 डिग्री का घुमाव होता दिख रहा है।आपको बता दे, अब इसमें  ऑडियो वायरल हुआ है, साथ ही कथित महिला से संबंधित कुछ दस्तावेज भी प्रकाश में आए है।
आइए आपको विस्तार से बताते है  इस मामले में नया पहलू क्या आया है, जिसकी वजह से लोगो में, विशेषकर सूबेदार के समर्थको में ये सुगबुगाहट जोरो कि है कि, सूबेदार पाक साफ है…

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वायरल ऑडियो में क्या है :
ऑडियो के माध्यम से दावा किया जा रहा है कि जो ऑडियो वायरल हुआ है, उसमे सूबेदार भागवत और कथित महिला के बीच बात हो रही है, कथित महिला सूबेदार पर शादी करने का दबाव बनाते दिख रही है, साथ ही उनसे फिजिकल रिलेशन कायम करने को भी कहती है। महिला लगातार प्रयास करती है कि सूबेदार उसके प्यार को अपना लें एवम उससे शादी का फैसला कर लें, साथ ही सूबेदार की बीवी का फोन नंबर मागती है, दूसरी तरफ सुबेदार महिला के प्रेम को एकतरफा करार देते हुए शादी के प्रस्ताव को साफ नकार रहे है, महिला के ज्यादा जोर देने पर उसे अपनी दोस्त बनाने को जरूर राजी हो जाते है, सुबेदार ऑडियो में साफ तौर पर महिला से कहते है कि अगर महिला चाहती है कि, उनकी दोस्ती बनी रहे तो महिला कही और अच्छे लड़के से शादी कर ले,अपना घर बसा ले,बाकी वो खुद बीवी बच्चे वाले है, महिला को मानसिक संतुलन बनाए रखने की ताकीद भी दे रहे हैं।

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[विशेष: उक्त वायरल हुए ऑडियो में कितनी सच्चाई है, यह तो जांच करने पर ही पता चलेगा, बहरहाल  एक जिम्मेदार मीडिया संस्था होने के नाते विराट 24 न्यूज वायरल ऑडियो की सत्यता का कोइ दावा नही करता]

कथित महिला से संबद्ध दस्तावेज जो प्रकाश में आए:
उल्लेखनीय है कि कथित महिला से जुड़े कुछ दस्तावेज जो प्रकाश में आए है, वो कौतुहुल का विषय बने है। दस्तावेज को देखने पर पता चलता है कि मामला एकदम वैसा नही जैसा महिला बयान कर रही है।शक की सुई महिला की तरफ घूमती हुई दिख रही है।

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दरअसल यह पहली बार नही है जब कथित महिला ने किसी पर दुष्कर्म करने का संगीन आरोप लगाया है, बल्कि इसके पहले भी कई लोगों के खिलाफ दुष्कर्म करने, मारपीट करने की शिकायतें कर चुकी है। पूर्व में महिला के द्वारा भदोही में विधायक और उनके आधा दर्जन लोगों के खिलाफ भी दुष्कर्म की शिकायत की गई थी, जिसमें एक व्यक्ति को आरोपी माना गया था, जबकि पांच अन्य को न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी थी। जो साक्ष्य अब तक मिले हैं उसमें महिला के पहले पति की मौत हो चुकी है। एक अन्य मामले में उसके द्वारा अपने पड़ोसियों और 12 अन्य के खिलाफ भी छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है, इतना ही नहीं अपनी सास और ननद के ऊपर भी प्रताड़ना का आरोप लगाया था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कथित महिला (पीड़िता) के प्राप्त दस्तावेज देखने पर पता चलता है कि अलग अलग कागजों में उसकी अलग अलग जन्मतिथि अंकित है यानी अपनी उम्र छिपा कर दस्तावेज बनवाएं है।

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आपको बता दें कि वाराणसी  में उसके द्वारा जो शिकायत की गई थी, उसमे उसकी जन्मतिथि 1997 अंकित है, जबकि वही भदोही में जो शिकायत की उसमे 1985, तो सीधी के स्थानीय निवास प्रमाण पत्र में 1995  जन्मतिथि अंकित है। साथ ही सीधी के कागज जैसे निवास प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस में   पती के स्थान पर भागवत पांडेय अंकित है।अब ये त्रुटि/गड़बड़झाला कैसे हुआ, ये तो जांच उपरांत ही पता चलेगा, बहरहाल इन कागजों के निर्माण में किसी स्थानीय नेता या कर्मचारी/अधिकारी की संलिप्तता से भी इंकार नही किया जा सकता।विधिवत जांच ही दूध का दूध और पानी का पानी कर सकेगी।
इतना ही नहीं बाद में, पूर्व में उत्तर प्रदेश के भदोही और वाराणसी में दर्ज कराई गई शिकायत में स्वयं महिला ने हलफनामा देकर शपथ पत्र दिया था और घटित घटना से इनकार किया था।

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सोशल मीडिया में फर्जी प्रोफाइल:
कथित महिला ने फेसबुक में गीता पांडे नाम से फर्जी प्रोफाइल बना रखी है, जिसमे उसने अपना स्टेटस विवाहित लिख रखा है, पति में भागवत पांडे नाम है, जबकि कुछ तस्वीरों में बच्चो के साथ भी देखी जा सकती है।
उक्त मामला इन दिनों पुलिस के गले की फांस बना हुआ है। जिसे लेकर पुलिस जल्दबाजी में कुछ भी कहने से बच रही है।चुकी मामला पीड़िता द्वारा रीवा में दर्ज कराया गया है, तो रीवा में भी उक्त मामला चर्चा का विषय बना हुआ हैं। डिजिटल जमाने की भाषा में कहे तो मामला ट्रेंडिंग हो रहा है।

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क्या है पुरा मामला :
गौरतलब है कि उक्त मामला सीधी जिले का है।
सीधी यातायात थाना प्रभारी भागवत पांडेय के ऊपर  महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। जिसके द्वारा पहले भी कई लोगों के खिलाफ शिकायतें की जा चुकी है और बाद में महिला द्वारा स्वयं बयान बदल लेने पर पीड़ितों को न्यायालय से राहत मिली है।
उक्त महिला के द्वारा सीधी जिले में शिकायत दर्ज कराई गई, पुलिस के द्वारा कई बार नोटिस भेजकर साक्ष्य देने को बुलाया गया। लेकिन महिला हाजिर नहीं हुई, उक्त महिला कुछ दिनों के बाद रीवा एडीजी कार्यालय पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद एडीजी के निर्देश पर महिला थाने में एसआई भागवत पांडेय के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ और जांच के लिए डायरी सीधी पहुंची है।जिसकी जांच की जा रही है।
मामला नामचीन पुलिस अधिकारी से जुड़े होने के चलते मीडिया की सुर्खियां बना तो वही अब कई तथ्य उभरकर सामने आ गए है। जो अभी तक तथ्य सामने आए हैं और आरोपी बनाए गए सूबेदार भागवत पांडेय के द्वारा भी उपलब्ध कराए गए हैं, उससे यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कही उन्हे बड़ी साजिश के तहत तो नही फंसाया जा रहा है। हालांकि पुलिस विभाग का मामला है, निष्पक्ष जांच कर पुलिस अपने ऊपर लगे दाग को छुड़ाने का प्रयास करेगी।

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लेकिन यह बात समाज के लिए भी बहुत बड़ी कालिख है। बताया जाता है कि उक्त महिला के द्वारा भदोही में विधायक और उनके आधा दर्जन लोगों के खिलाफ भी दुष्कर्म की शिकायत की गई थी, जिसमें एक व्यक्ति को आरोपी माना गया था, जबकि पांच अन्य को न्यायालय ने क्लीन चिट दे दी थी, जो साक्ष्य मिले हैं उसमें महिला के पहले पति की मौत हो चुकी है, उसके द्वारा अपने पड़ोसियों और 12 अन्य के खिलाफ भी छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है, इतना ही नहीं अपनी सास और ननद के ऊपर भी प्रताड़ना का आरोप लगाया था, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़िता कई जगह अपनी उम्र छिपा कर दस्तावेज बनवाएं है।वाराणसी  में उसके द्वारा जो शिकायत की गई उसमे उसका जन्म 1997 लिखा है, भदोही में जो शिकायत की उसमे 1985, तो वही सीधी के निवास प्रमाण पत्र में 1995 डेट ऑफ बर्थ अलग-अलग लिखी हुई है। इतना ही नहीं बाद में उत्तर प्रदेश के भदोही और वाराणसी में दर्ज कराई गई शिकायत में स्वयं महिला ने हलफनामा देकर शपथ पत्र दिया और घटना से इनकार किया था।जिसके बाद कोर्ट ने आरोपितों को राहत दिया था।

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सुबेदार भागवत पांडे ने सफाई दी:
मीडिया से रूबरू होते हुए पांडे ने सफाई देते हुए कहा कि उनके खिलाफ बड़ी साजिश हो रही है। उन्होंने साक्ष्य जुटाए है और तथाकथित महिला से उनके कोई संबंध कभी नही रहे। कथित महिला ने पहले भी लोगो को फसाया है, फिर अपना बयान पलट ली है। महिला के सभी प्राप्त दस्तावेज फर्जी हैं जो कि खुद ही कहानी बयां करते है कि कैसे किसी में जन्मतिथि कुछ, तो किसी में नाम अलग।यह सब बड़ी साजिश का हिस्सा है, जो जांच उपरांत सामने आ जाएगा। वो बेगुनाह हैं।

वर्जन:
पूर्व में महिला द्वारा ऐसी शिकायत की गई थी, जिस पर महिला को बयान, सबूत देने के लिए  बुलाया गया था परंतु कथित महिला उपस्थित नही हुई। प्राप्त जानकारी अनुसार पता चला है कि वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश में रीवा महिला थाना में उक्त मामले की कायमी हुई है और जैसे ही हमारे पास डायरी पहुंचेगी, सभी बिंदुओं पर जांच होगी और विधिवत निष्पक्ष कानुनसंवत कार्यवाही की जाएगी।

डा. रविन्द्र वर्मा👮‍♂️
एसपी (सीधी)

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महिला आयोग एवं अन्य सामाजिक संगठनों को लेना चाहिए संज्ञान:
ऐसे मामलों में महिला आयोग एवं अन्य महिला संगठनों को भी सामने आना चाहिए। अगर तो महिला पीड़ित है, तो आखिर उसकी क्या मजबूरी थी कि केस दर्ज कराने के बाद उसे वापस लेना पड़ा! आखिर क्या वजह थी कि न्यायालय ने आरोपी बनाए गए लोगों को क्लीन चिट दी! और अगर कही कथित महिला खुद जालसाज है, तो सवाल उठता है कि,  क्या सभ्य समाज के लोगों की बदनामी नहीं होती! क्या उक्त विधायक का परिवार नहीं था! क्या पड़ोसी का परिवार नहीं था! क्या सीधी यातायात थाना प्रभारी का परिवार नहीं है!
चुकी चर्चित  सूबेदार भागवत पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो मीडिया की सुर्खियां बना।
नही तो पता नहीं कितने भागवत झूठी शिकायतों की सजा भोगते हैं और पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है।
गौरतलब है कि सूबेदार के मामले की जांच की जा रही है, हो सकता है कि पुलिस प्रशासन से न्याय मिले या भागवत पांडेय को न्यायालय से न्याय मिले, या महिला को न्याय मिले, लेकिन जिस तरह से पिछली घटनाएं घटित हुई और लोगों को क्लीन चिट मिली और स्वयं पीड़िता ने भी अपने बयान बदले उससे तो स्वाभाविक है कि लोग, महिला की भूमिका पर भी उंगली उठाएगे।


हालांकि कुछ दस्तावेज ऐसे भी हैं, जिनमें महिला के पति के जगह भागवत पांडेय का नाम लिखा हुआ है, चाहे वह ड्राइविंग लाइसेंस हो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र।
वायरल ऑडियो में महिला के द्वारा भागवत पांडेय से जो और जिस लहजे में  बात की गई, उसे सुनकर भी ऐसा लगता है कि दोनों के बीच में नजदीकियां थीं, लेकिन नज़दीकियों की क्या हद थी! यह तो भागवत पांडेय और महिला ही बता सकती है।
पुलिस प्रशासन जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी कर सकता है, लेकिन सबसे बड़े जो सवाल खड़े हो रहे हैं कि, अगर महिला  पहले शिकायत की थी, तो अधिकारियों के बुलाने पर साक्ष्य प्रस्तुत करने क्यों नहीं पहुंची?  पुलिस अधिकारी का परिवार कोर्ट पहुंचा था, कोर्ट ने आदेश दिया था कि, उसके परिवार को सुरक्षा दी जाए तो क्या उसे सुरक्षा दी गई? क्या उन बिंदुओं का भी ध्यान इस जांच में रखा जाएगा? क्या वाकई पैसे की लालच में एक अधिकारी को शिकार बनाया गया? अगर पति की जगह भागवत पांडेय का नाम लिखा है, तो फेसबुक दूसरे नाम से क्यों बनाई गई? ऐसे कई सवाल है जो उठ खड़े हुए है और इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की निष्पक्ष जांच के बाद ही  मिलेंगे…

by Er. Umesh Shukla for ‘Virat24’ news 

[डिस्क्लेमर/अस्वीकरण: विराट 24 न्यूज़ मीडिया वायरल ऑडियो एवं कथित दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।]

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