विराट24 देश की रक्षा करते हुए रीवा जिले के मनगवां थाना के फरेहदा गांव का दीपक (28) पुत्र गजराज सिंह गहरवार लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार की रात चीनी सैनिकों से लड़ाई लड़ते हुए शहीद हो गए। शहीद सैनिक के शहादत की जानकारी लगते ही विंध्य क्षेत्र सहित रीवा और शहीद के गांव फरेहदा में शोक छा गया है। गांव के लोग सुबह से ही शहीद के घर में पहुंचने लगे। जहां अपने इस लाल के खोने का उन्हें गम था और सभी के आंखों में आंसू थे, वहीं इस बात को लेकर गर्व है कि विंध्य के लाल ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। भारत-चीन बॉर्डर के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से युद्व करते हुए 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। शहीदों में रीवा का दीपक सिंह भी है।
बड़े भाई भी भारतीय सेना में दे रहे हैं सेवा
शहीद दीपक सिंह के बड़े भाई प्रकाश सिंह भी भारतीय सेना में हैं। उनके पिता गजराज सिंह किसान हैं। पिता को इस बात का गर्व है कि उनके दोनों ही पुत्र देश की रक्षा कर रहे हैं। दोनों ही पुत्रों को वे शुरू से भारतीय सेना और देश भक्ति का जज्बा तैयार करते रहे हैं। यही वजह रही कि उनके पुत्रों में सेना के प्रति प्रेम रहा और वे बड़े होते ही सेना में गए।
बिहार रेजींमेंट में दे रहे थे सेवाएं शहीद दीपक सिंह की शिक्षा गांव के मनिकवार स्कूल से शुरू हुई थी और स्कूल की शिक्षा गांव में पूरी करने के साथ ही सेना में नौकरी करने के लिए तैयारी करने में लग गए थे। वह अपने बड़े भाई से अक्सर सेना में नौकरी को लेकर जानकारी लेते थे। लगभग 5 वर्ष पूर्व वह बिहार रेजींमेंट में सैनिक के पद पर सेना में ज्वाइन किया था। लेह लद्दाख के पूर्व वह देहरदून में पदस्थ थे, फरवरी में उनकी पदस्थापना लेह लद्दाख में हुई थी।6 माह पूर्व हुआ था विवाह
दीपक का विवाह 6 माह पूर्व 16 दिसंबर को रायपुर कर्चुलियान के जोगिनहाई गांव में हुआ था। लद्दाख जाने के पूर्व वे गांव आए थे और लॉकडाउन के पूर्व ही फरवरी माह में वह डूयूटी पर चले गए थे। वह ड्यूटी पर जाने के दौरान यह कह कर गए थे कि गर्मी में छुट्टी मिलेगी तब वह गांव आएंगे लेकिन लॉकडाउन के कारण वे गांव नहीं आ सके।
बचपन में उठ गया था मां का साया दीपक की मां की मौत उसके बचपन में ही हो गई थी। जिससे दोनों भाइयों का लालन-पालन उनके पिता गजराज सिंह ने ही की थी। बचपन में मां के प्यार से वंचित रहे दीपक ने विवाह के 6 माह में ही पत्नी का साथ छोड़कर वह देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौक्षवर कर दिए।
शहीद के घर पहुंचा प्रशासन फरेहदा गांव के दीपक के बॉर्डर पर शहीद होने की जानकारी लगने के बाद मनगंवा थाना प्रभारी एसएन शुक्ला तथा स्थानीय प्रशासन के अधिकारी उनके घर पहुंचे और शहीद के शहादत की जानकारी देने के साथ ही प्रशासन ने व्यवस्था का जायजा लिया। शहीद का पार्थिव शरीर गलवान घाटी से लेह पहुंचा है। माना जा रहा है कि शुक्ररवार को शहीद का पार्थिव शरीर उसके ग्रह ग्राम पहुंचेगा।