पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने मोहनिया टनल के पास हुए भीषण सड़क हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मध्यप्रदेश और केंद्र की सरकार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिस तरह से सतना में आदिवासियों को बुलाया गया ,लगता है कि इनका जनाधार लगातार घटता जा रहा है, इसीलिए इनको सतना में आदिवासी नहीं मिले अन्य जिलों का सहारा लेना पड़ा ।सरकारी पैसे से भीड़ जुटाई गई। काफी दुर्भाग्यपूर्ण है I
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तिवारी ने आगे अपने वक्तव्य में कहा कि अब मामले की जांच आखिर कौन करेगा ,और इतनी बड़ी घटना की जिम्मेदारी कौन लेगा, जांच की उम्मीद भाजपा के राज में प्रशासन से उचित नहीं है ,क्योंकि जांच को भी प्रभावित करने का कार्य इन्हीं सत्ताधारी दल के नेताओं के द्वारा किया जाएगा ।
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इसी तरह घटना होती रहेगी ,सरकार मुआवजे का ऐलान करेगी, लेकिन आखिर जिसके घर का चिराग बुझा है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ,उन्होंने घोर निंदा की है*