- सेमरिया के गरीबों के दमन का किसने उठाया बीड़ा
- जिसके द्वारा जारी किए गए थे पट्टे क्या वह नहीं है दोसी
- विकास पुरुष के आवास पर हुई बैठक फिर जमीदोज हुए घरौंदे
- प्रशासन की कार्यवाही पर पीड़ितों ने उठाए सवाल
- पक्षपातपूर्ण कार्यवाही का कौन है जिम्मेदार
- फोटो खिंचवाने वाले विधायक-सांसद गम के समय क्यों नहीं पहुंचे ?
इसे भी देखिये Virat Spceial- प्रशासन की कार्यवाही पर पीड़ितों का सवाल- पट्टे जारी करने वाले नहीं हैं दोषी
” हो गई है पीर पर्वत सी , अब पिघलनी चाहिए , इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए , सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं , मेरी कोशिश है कि अब यह सूरत बदलनी चाहिए “
सेमरिया (रीवा) II एक बार फिर रीवा प्रशासन और शासन की कार्यप्रणाली पर द्वेषपूर्वक कार्यवाही करने के आरोप लगे है। आरोप इसलिए लगे हैं कि शासन प्रशासन ने पहले पट्टा दिया और जब कई दशकों से रह रहे लोगों ने अपने घरोंधो को बसा लिया तो सिर्फ इसलिए उन्हें उजाड़ा गया क्योंकि उन्हें राजनैतिक संरक्षण नहीं मिला था I
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विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि सेमरिया तहसील के लक्ष्मण बाग संस्थान के रानी तालाब की जमीन पर अतिक्रमण हटाने की जो कार्यवाही हुई है , उसकी स्क्रिप्ट रीवा में विकास पुरुष के घर मे लिखी गई थी Iचर्चा तो यह भी है कि वोटर लिस्ट देखकर लोगों को चिन्हित किया गया और जो विरोधी थे उनके घरों पर बुलडोजर चला है ।
आपको बता दें कि बने मकानों को जमींदोज कर दिया गया ,सबसे बड़ी बात यह है की अगर लक्ष्मण बाग की जमीन में अगर अतिक्रमण किया गया था तो आखिर , किसके सह पर अतिक्रमण किया गया था , जिन लोगों को ऋण पुस्तिका रजिस्ट्री उपलब्ध कराई गई है , उसमें किसके हस्ताक्षर हैं I किसके द्वारा अतिक्रमण कराया गया था, एक एक पैसे जोड़कर जिनके द्वारा जमीन खरीदी गई थी , आखिर उनका क्या दोष था I
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क्या उस समय अधिकारी कर्मचारी और विकास पुरुष की आंख में पट्टी बंधी हुई थी ,जब गरीबों के द्वारा एक एक रुपए एकत्रकार जमीनें खरीदी गई थी I आखिर राजनीतिक लाभ लेने के लिए विरोधियों को क्यों कुचला जा रहा हैI
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आपको बता दें कि सेमरिया तालाब की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए उच्च न्यायालय से आदेश जारी हुआ था I आदेश के परिपालन में गुरुवार को अतिक्रमण हटाया गया, जिसके पहले लोगों को ना तो नोटिस जारी की गई और ना ही जानकारी दी गई I यहां तक कि लोगों को सामान हटाने तक का अवसर नहीं दिया गया , स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि , जब उनके पास दस्तावेज थे तो उनकी जांच क्यों नहीं की गई I
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स्थानीय लोगों ने बताया कि जब उनके दस्तावेज देखने का समय आया , तो प्रशासन ने उन्हें फर्जी घोषित कर दिया पीड़ितों ने यहां तक मांग की है कि अगर उनके दस्तावेज फर्जी हैं तो बनाने वाला कौन था I उसके खिलाफ क्या कार्यवाही होगी I
आपको यह भी बताते चलें कि राजनैतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफिया जमीनों की बिक्री करता है , उस समय दबाव बनाकर अधिकारियों से रजिस्ट्री,ऋण पुस्तिका तैयार कराए जाते हैं और जब वही खरीददार वोट नहीं देता तो अतिक्रमण कारी हो जाता है , और उनके घरों को उजाड़ दिया जाता है I
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इस तरह से पूरे जिले में घटनाएं घटित हो चुकी है I आपको बता दें कि कार्यवाही के बाद अतिक्रमण कारी अपना सामान तक सुरक्षित नहीं कर पाए I भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जिस तरह से बुलडोजर चला उसे 2 दर्जन से अधिक लोगों के आशियाने उजड़ गए I
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यह वह आशियाने थे जो एक-एक पैसा जोड़कर लोगों के द्वारा बनाए गए थे ,क्या नगर पंचायत के पार्षद I
राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग न्यायालय के आदेश के दायरे में नहीं आते , आखिर उनके ऊपर कार्यवाही क्यो नहीं हुई I
यह बड़ा सवाल है। स्थानीय लोगों ने बताया कि विगत दो पुश्तों से उनके मकान – दुकानें बनी हुई थी , जिनके पास वैध दस्तावेज है , लेकिन राजनैतिक द्वेष के चलते जमीन हथियाने के लिए विकास पुरुष की तर्ज पर सेमरिया के खोखले विकास का दावा करने वाले नेताओं ने लोगों को बेघर करा दिया है ।