जमाष्टमी पर भगवान श्री जुगलकिशोर जी के मंदिर में पन्ना महारानी जितेश्वरी देवी ने हंगामा किया था। इस मामले में थाने में दर्ज हुई एफआईआर के बाद सीजीएम कोर्ट ने महारानी को जेल भेज दिया था। दूसरे दिन यानी शनिवार को डीजे कोर्ट ने महारानी को जमानत दे दी। इसी बीच मामले में राजपरिवार का भी बयान सामने आया।
महारानी पुत्र यानी पन्ना महाराज छत्रसाल द्वितीय ने वीडियो जारी कर कहा कि ‘लोगों ने अभी एकतरफा कहानी सुनी और देखी है। उन्होंने कहा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। हमारी परंपरा को भंग करने के षड्यंत्र रचा गया। इसमें पहले तो मुझे मंदिर अंदर जाने से पुलिस प्रशासन ने रोका। फिर मेरी मां को चंवर डुलाने के दौरान मंदिर से घसीटा गया। यह बहुत गलत हुआ।’
भगवान कृष्ण के सामने एक नारी को घसीटा
पन्ना महाराज छत्रसाल द्वितीय ने कहा कि हमें पहले पुलिस प्रशासन ने मंदिर के बाहर रोक दिया। इसका पता हमारी मांसाब को चला। इसके बाद वह आई और मंदिर में जाकर परंपरा निभाई। उन्हें नहीं पता था कि चंवर कैसे डुलाते है। मंदिर में कहा जाना होता है, लेकिन मांसाब को पुजारियों ने घसीटा यह कोई नहीं देख रहा है, जबकि यह पूरा का पूरा अन्याय है। एक नारी को कृष्ण भगवान के सामने घसीटा गया है। अगर मुझे रोका नहीं जाता तो यह सब नहीं होता।
पुजारियों और प्रशासन ने पूरा षड्यंत्र रचा
वीडियो में छत्रसाल द्वितीय ने कहा कि हम अपनी परंपरा निभाते और चले जाते, लेकिन पुजारियों और प्रशासन ने यह पूरा षड्यंत्र पहले रच लिया। उन्होंने कहा कि लोग किस परंपरा की बात कर रहे है, जो दो दिन पहले हल छठ के दिन टूट चुकी है। यहां दो चंवर निकाली गई, जिसमें एक हमें और मंत्री को दी गई थी।
यह पहली बार हुआ है। कभी दो चंवर नहीं निकाली जाती। यह अशुभ माना जाता है, लेकिन एक 17 साल के बच्चे को षडयंत्र का शिकार मनाया जा रहा है। मेरे पिता नहीं रहे, इसलिए यह सब हो रहा है। एक मां के सामने उसके बेटे के अधिकारों का हनन हुआ था। इसलिए वह नहीं देख पाई।
जन्माष्टमी पर हुआ था विवाद
दरअसल, पन्ना के प्रसिद्ध श्री जुगलकिशोर मंदिर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा था। हजारों की संख्या में भक्त मंदिर के अंदर थे। श्रीकृष्ण जी के जन्मोत्सव का इंतजार कर रहे थे।इस दौरान एक बड़ा बवाल खड़ा हो गया। महारानी जितेश्वरी देवी मंदिर के अंदर पहुंची और पुजारी से चंवर छुड़ाकर गलत तरीके से डुलाने लगी।
इसके वह गृभगृह में प्रवेश कर आरती उठाने के लिए झुकी, तो पुजारियों व वहां उपस्थित लोगों ने उन्हें पकड़ा। इससे वह गिर गई। हालांकि फिर पुलिस ने उन्हें धक्के मारकर बाहर किया। मंदिर प्रबंधन के मुसद्दी की शिकायत पर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई और उन्हें न्यायालय के आदेश के बाद जेल भेज दिया। हालांकि शनिवार को डीजे न्यायालय ने जमानत दे दी।