पत्नी कितनी भी हो प्यारी, भूलकर भी न बताइये ये 4 बात: चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में धन, सफलता, विवाह, मित्रता, दुश्मनी और व्यापार जैसे विभिन्न मुद्दों पर समाज का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने पुरुषों और महिलाओं के संबंधों के बारे में नीति शास्त्र में विस्तार से चर्चा किया है।
आचार्य चाणक्य नीति शास्त्र में कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में शादी-विवाह का खास महत्व होता है। एक अच्छा जीवनसाथी मनुष्य के जीवन में आनंद और समृद्धि ला सकता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति और पत्नी आपस में एक दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों जीवन साथी सुख-दुख के समय में भी एक साथ खड़े होते हैं। लेकिन जीवन में कुछ ऐसी बातें भी होती है जिन्हें आपको अपने साथी यानी पति-पत्नी के एक दूसरे छिपा कर भी रखना चाहिए। क्योंकि इन बातों को बताने पर कहीं वे भविष्य में आपके खिलाफ ही इस्तेमाल ना कर दे।
अपनी कमजोरी को छिपाएं :
नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपनी कोई भी कमजोरी अपने जीवन साथी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए। इसे पति-पत्नी को आपस में भी छिपा कर रखना चाहिए, क्योंकि वो इसका इस्तेमाल कभी भी आपके खिलाफ कर सकते हैं। चाणक्य कहते हैं कि पति की किसी कमजोरी के बारे में पत्नी को पता चल जाए तो वह उसका हवाला देकर अपनी हर बात मनवा सकती हैं। इसलिए पति को सदैव अपनी बड़ी से बड़ी कमजोरी को पत्नी से भी छिपाकर रखना चाहिए।
अपने अपमान की बात न बताएं :
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपने अपमान की बात किसी से जिक्र नहीं करनी चाहिए चाहे वो आपकी पत्नी ही क्यों न हों। दरअसल जीवन में कभी भी कहासुनी होने पर या फिर बुरा समय आने पर पत्नी पति को उस अपमान की बात याद दिलाकर बुरा भला बोल सकती हैं।
दान के बारे में किसी को न बताएं :
दान का महत्व समझते हुए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि वह हमेशा गुप्त ही रहना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं की दान की बात अपने साथी को भी नहीं बतानी चाहिए, क्योंकि यह आपके बीच विवाद का कारण बन सकती है। दरअसल धर्म शास्त्रों में भी कहा गया है कि दान इतना गुप्त होना चाहिए कि यह दाएं से बाएं हाथ को भी पता नहीं चलनी चाहिए।
अपनी कमाई की बात भी न बताएं :
इसके साथ ही आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अपनी कमाई की बात भी कभी किसी से नहीं बतानी चाहिए। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं को अगर अपने पति की कमाई के बारे में पता चल जाए तो वह उन्हें खर्च करने पर रोकने लगती हैं। ऐसे में कई बार आपको जरूरी खर्च करने में भी परेशानी हो जाती है।