साल 2023 में मकर संक्रांति दो दिन मनाई जाएगी। हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है, लेकिन आने वाले साल 2023 में 14 और 15 जनवरी दोनों दिन मनाई जाएगी। इसका कारण है कि सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की रात्रि में 8.21 बजे गोचर करेगा। इसलिए उदया तिथि पर 15 जनवरी को संक्रांति मनाना उचित है।
सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करेगा इसके बाद शुभ संस्कार शुरू होंगे। वर्तमान में सूर्य धनु राशि में है, जिसे मलमास कहा जाता है। सूर्य का धनु राशि में होना शुभ संस्कारों को पूरा करने के लिए उचित नहीं माना जाता है। मलमास का समापन 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद होगा।
मकर संक्रांति पर चार योग का संयोग
मकर सक्रांति पर चार योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर 14 जनवरी को रेवती नक्षत्र है। इसके बाद 15 जनवरी को सर्वार्थसिद्धि , अमृतसिद्धि योग और राजपद योग का संयोग बन रहा है। ये चारों योग शुभदायी है।
पुण्यकाल साढ़े 10 घंटे तक
संक्रांति का पुण्यकाल 10 घंटा 31 मिनट है। मकर संक्रांति में पुण्यकाल सुबह 7.15 से प्रारंभ हो जाएगा जो शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस तरह से पुण्यकाल की अवधि 10 घंटा से अधिक है। सुबह 7.15 से 9 बजे तक महापुण्यकाल का समय रहेगा। इस दौरान किए जाने वाले कार्य विशेष लाभदायक होंगे।
गुड़, तिल का दान
बता दें मकर संक्रांति यानी की खिचड़ी का त्योहार का अपने देश के लगभग कई हिस्सों में बहुत ज्यादा महत्व रखता है। इस दिन दान-पुण्य का भी अपना अलग ही महत्व है। इस दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति का पुण्य स्नान के बाद इष्टदेव को भोग लगाकर गुड़, तिल का दान करने से पुण्य फल मिलने की मान्यता है