जितनी पियेंगे शराब, उतनी होगी गौसेवा! चौकिये मत! खबर पढ़िए सब समझ जायेगे
जितनी दारू पियोगे-उतनी गौसेवा’- हरियाणा में ये टेक्नीक सरकार का बंपर फायदा करवाएगी!
हरियाणा की सरकार ने शराब पर ‘काऊ सेस'(cow cess) लगाया है. राज्य में सरकार ने हर शराब की बॉटल पर 5 रुपये सेस लगाया है.
जी हां! अब शराब ज्यादा पीने से ज्यादा गौ सेवा होगी, ये हम नहीं कह रहे बल्कि हरयाणा सरकार का नया कानून खुद कह रहा है।उल्लेखनीय है कि
हरियाणा की सरकार ने शराब पर ‘काऊ सेस’ लगाया है। राज्य में सरकार ने हर शराब की बॉटल पर 5 रुपये सेस लगाया है।
9 मई को हरियाणा की कैबिनेट इस फैसले मुहर लगाई. कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कर रहे थे.
नई नीति के मुताबिक शराब की बिक्री पर फुटकर परमिट शुल्क लगाया जाएगा. शराब की बॉटल खरीदते वक्त इस शुल्क को देना होगा. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि वे इस वित्त वर्ष में ‘काऊ सेस’ के जरिए 400 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य बना रहे हैं.
खबर के मुताबिक, हरियाणा गौ सेवा आयोग के वाइस चेयरमैन पूरन यादव ने कहा कि इस फंड का इस्तेमाल पंचायत की जमीन पर गौशालाएं बनाने में किया जाएगा. उन्होंने कहा-
अभी गुरुग्राम में 23 सहित राज्य भर में 650 गौ आश्रय हैं. जिनमें लगभग 500,000 आवारा मवेशी रहते हैं. हम क्षमता को दोगुना करने का लक्ष्य बना रहे हैं ताकि साल भर चलाए गए बचाव कार्यों में मिले मवेशियों के लिए व्यवस्था की जा सकती है. हम गौशालाओं को गोबरधन योजना से जोड़ेंगे, जिसके तहत हर जिले में बायोगैस प्लांट बनाए जाएंगे.
हरियाणा में शराब से सरकार को 15 सौ करोड़ से ज्यादा राजस्व मिलता है. द ट्रिब्यून में छपी खबर के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष में हरियाणा को शराब से 1508 करोड़ रुपये का राजस्व मिला. इससे सबसे ज्यादा हिस्सा गुरुग्राम से आया. गुरुग्राम से 400 करोड़ से ज्यादा का रिवेन्यू शराब से मिला.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश में भी इस तरह का नया सेस लगाया गया था. मार्च के महीने में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने राज्य में भी ‘काऊ सेस’ लगाया था. हिमाचल में ‘काऊ सेस’ 10 रुपये लगा. सीएम सुक्खू ने कहा था कि वो शराब पर इस सेस को लगाकर साल भर 100 करोड़ राजस्व की उम्मीद कर रहेI
इसके बाद लगता है कि हरयाणा में लोग यही गाना गाते नजर आएंगे कि ले दारु! अरे भाई दे दारु!