- राजघाट पर कांग्रेस के सत्याग्रह में खरगे-प्रियंका मौजूद
राहुल ने ट्विटर बायो में लिखा ‘डिसक्वालिफाइड एमपी’- राहुल ने ट्विटर बायो में लिखा ‘डिसक्वालिफाइड एमपी’
- राजघाट पर कांग्रेस के सत्याग्रह में खरगे-प्रियंका मौजूद
कॉन्ग्रेस सत्याग्रह की राह पर : राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के विरोध में कांग्रेस देशव्यापी सत्याग्रह कर रही है। दिल्ली के राजघाट पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत बड़े नेताओं ने ‘संकल्प सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया।
नई दिल्ली: कांग्रेस आज महात्मा गांधी की समाधि पर ‘संकल्प सत्याग्रह’ कर रही है। यह सत्याग्रह राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के विरोध में है। राजघाट पर ‘संकल्प सत्याग्रह’ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव प्रियंका गांधी, जयराम रमेश समेत वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। राज्य की राजधानियों और जिला मुख्यालयों पर भी प्रदर्शन होंगे। कांग्रेस ने सोमवार को संसद में और बाहर तेज विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है। कांग्रेस के एक सांसद का कहना था कि सोमवार को पार्टी की ओर से जोरदार प्रदर्शन दिखेगा, जिसे लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। राहुल के सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस के तेवरों से साफ है कि बची अवधि में सत्र का चलना मुश्किल है। कांग्रेस ने सोमवार से देश में जनांदोलन शुरू जाने के संकेत भी दिए हैं।
राहुल ने ट्विटर बायो में लिखा डिसक्वालिफाइड
राहुल गांधी ने अपने ट्विटर बायो में बदलाव किया है। उन्होंने अब खुद को ‘डिसक्वालिफाइड एमपी’ बताया है।
राजघाट पर दिल्ली पुलिस ने लगाई धारा 144
दिल्ली पुलिस ने राजघाट और उसके आसपास के इलाके में धारा 144 लगा दी है। संसद की सदस्यता से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ कांग्रेस राजघाट पर रविवार को ‘सत्याग्रह’ कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने साफ कर दिया है कि उसने कांग्रेस पार्टी को किसी तरह के विरोध प्रदर्शन और सत्याग्रह करने की इजाजत नहीं दी है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।
राजघाट पर खरगे, प्रियंका समेत जुटे कांग्रेस के बड़े नेता
मानहानि केस का तमाशा है, कांग्रेस राहुल के साथ : खरगे
राजघाट पर सत्याग्रह में जगदीश टाइटलर भी है मौजूद।
कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर राजघाट पर पार्टी के संकल्प सत्याग्रह में शामिल हुए ।
लोकसभा संसद सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में कांग्रेस पार्टी राजघाट पर एक दिवसीय संकल्प सत्याग्रह कर रही है। लोकसभा संसद सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के विरोध में कांग्रेस पार्टी राजघाट पर एक दिवसीय संकल्प सत्याग्रह कर रही है।
हाई कोर्ट से राहत मिलेगी: खुर्शीद
जहां हमने त्रुटियां पाई हैं वहां हमें उम्मीद है कि हाई कोर्ट से राहत मिलेगी। न्यायपालिका में हमें विश्वास है। यह मामला सिर्फ उस फैसले के बारे में नहीं, भारत के लोकतंत्र पर क्या प्रभाव पड़ रहा है उसपर है। क्या लोकतंत्र में ऐसा होना चाहिए?
सलमान खुर्शीद, कांग्रेस नेता
राहुल को अयोग्य ठहराने को हम बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाएंगे: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के अनुसार, ये सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, ये एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है, जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है। ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की एक बड़ी मिसाल है। इसको हम कानूनी तरीके से भी लड़ेंगे। जो कानून हमें अधिकार देता है, उन अधिकारों का इस्तेमाल हम करेंगे, पर ये एक राजनीतिक मुकाबला भी है, इसका हम सीधा मुकाबला करेंगे, हम पीछे हटेंगे नहीं, हम डरेंगे नहीं, इसे हम बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनाएंगे।
आज देशभर में सत्याग्रह करेगी कांग्रेस
हम बापू के शिष्य हैं और उन्होंने हमें सत्य के लिए लड़ने की प्रेरणा दी है। हम लोकतंत्र पर भाजपा के हमले का डटकर मुकाबला करेंगे। कांग्रेस 26 मार्च को राजघाट पर और पूरे भारत में राज्यों की राजधानियों और जिला मुख्यालयों में गांधी प्रतिमाओं पर राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह करेगी।
के सी वेणुगोपाल , कांग्रेस के संगठन महासचिव
खुद-ब-खुद अयोग्यता के नियम को SC में चुनौती
दोषी करार दिए जाने के बाद सांसद/विधायकों के खुद ब खुद सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के तहत दो साल या उससे ज्यादा सजा के मामले में किसी सांसद या विधायक को अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान है। राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने के तुरंत बाद केरल के एक सोशल एक्टिविस्ट की ओर से इस मामले में अर्जी दाखिल की गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि खुद ब खुद अयोग्य करार दिए जाने का जो प्रावधान है, वह मनमाना और अवैध है। उसे गैर संवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि ऑटोमैटिक अयोग्यता का प्रावधान किसी चुने हुए प्रतिनिधि को जनता के प्रति कर्तव्य निभाने से रोकता है। यह लोकतंत्र के सिद्धांत के खिलाफ है। कानूनी प्रावधान में अपराध की गंभीरता और अपराध की प्रकृति को नहीं देखा गया। अपराध की गंभीरता को देखे बिना सीधे तौर पर अयोग्य करार दिया जाना नेचरल जस्टिस के खिलाफ है।