रीवा : जानिए क्या धमकी देकर होटल संचालक से टीआई (समान थाना) और सब-इंस्पेक्टर मांग रही थी रिश्वत ? एक अन्य रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने भी लगाया महिला सब इंस्पेक्टर पर बेज्जती/प्रताड़ित करने का आरोप ! …
- घटनाक्रम के मुख्य पहलू
- टीआई और एसआई दे रहे थे होटल संचालक को धमकी
- बीस हजार रूपए रिश्वत प्रतिमाह देने की थी मांग
- रिश्वत न मिलने पर झूठे केसों में फसाने की दे रहे थे धमकी
- होटल व्यापारी का आरोप..उसके तीन होटल इसी तरह फर्जी आरोप लगा करवा चुके थे बंद
- प्रताड़ित व्यवसाई ने लोकायुक्त से की थी शिकायत
- लोकायुक्त ने ऑडियो रिकॉर्ड कर ट्रैप करने की , कि थी पूरी तैयारी
- व्यवसाई के किसी अपने ने बात करी थी लीक
- TI एवम SI ट्रैप की पूर्व सूचना की आशंका के चलते छुट्टी पर चले गए थे
- लोकायुक्त ने की असफल ट्रैप कार्यवाही
- मामला दर्ज कर विवेचना कर दी है शुरू
- एक अन्य से.नि. पुलिस अधिकारी ने SI par प्रताड़ित करने का लगाया है आरोप
- से.नि. पुलिस अधिकारी ने जिले के SP , IG से ले के राज्य के DGP तक से कर रखी है महिला SI ki शिकायत
- सभी ने कार्यवाही का सिर्फ अब तक दिया आश्वासन
- अंजाम तक नही पहुंची कोई भी कार्यवाही
रीवा : उल्लेखनीय है कि बीते 31 मार्च 2023 को लोकायुक्त पुलिस के द्वारा एक असफल ट्रैप कार्यवाही की गई थीI
मामला समान थाना प्रभारी और महिला SI से संबद्ध था , जिसमें आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ट्रैप असफल होने के पीछे ट्रैप कार्यवाही की सूचना लीक हो जाने को बताया जा रहा है।बहरहाल असली वजह जांच उपरांत ही सामने आ सकेगी।
लेकिन मामला पंजीबद्ध हुआ है ,अब प्रकरण दर्ज होने की जानकारी पुलिस अधीक्षक को दी गई है ,पूरे मामले को लेकर ट्रैपकर्ता अधिकारी और पीड़ित ने मीडिया से रूबरू होते हुए कार्यवाही के संबंध में जानकारी दी है । (जैसा कि शिकायतकर्ता पीड़ित ने बताया)…
दरअसल समान थाना क्षेत्र में संचालित गोगो होटल के संचालक सुखेंद्र सिंह भदोरिया गत डेढ़ वर्षो से थाना प्रभारी सुनील गुप्ता और सब इंस्पेक्टर रानू वर्मा से परेशान थे । दोनों पुलिस अधिकारियों के द्वारा होटल संचालक के ऊपर दबाव बनाया जा रहा था कि पर महीने ₹20000/- देना होगा तभी वह होटल संचालित कर पाएगा , अन्यथा उसे झूठे केस में फसा देने की बात कही जा रही थी।
इतना ही नहीं होटल व्यवसाई के तीन होटल पुलिस अधिकारियों ने पूर्व में बंद भी करा दिए थे । हद तो तब हो गई जब पैसे के लालची अधिकारियों ने होटल संचालक के ऊपर सेक्स रैकेट चलाने और आबकारी एक्ट की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया। इतना ही नहीं लगातार होटल व्यवसाई के ऊपर पैसा देने के बाद ही होटल संचालित करने का दबाव बनाया जा रहा था , जिससे तंग होकर उसने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी ,लेकिन मामला वहां बिगड़ गया जब होटल संचालक के किसी कर्मचारी ने ही ट्रेप कार्यवाही की बात को लिक कर दिया ।जिसके चलते निरीक्षक और सब इंस्पेक्टर छुट्टी लेकर थाने से बाहर चले गए ।
जबकि रिश्वत मांगने की बात लोकायुक्त पुलिस के टेप रिकॉर्ड में रिकॉर्ड हो चुकी है , जिसके बाद मामला दर्ज हुआ है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके ऊपर पैसा देने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था , सेक्स रैकेट का मामला दर्ज किया गया , जिसके चलते वह अपने घर परिवार के बीच में नहीं जा पा रहा था ।
पुलिस के द्वारा धमकी दी जा रही थी कि , उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया जाएगा । आखिरकार परेशान होकर होटल संचालक ने लोकायुक्त पुलिस के सामने पूरे घूसखोरो की कलई खोल दी और ट्रैप कार्यवाही हुई , लेकिन आरोपी रंगे हाथ नहीं पकड़े जा सके । आइये सुनाते हैं शिकायतकर्ता और ट्रेप करता
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने लगाया उक्त महिला सब इंस्पेक्टर पर बेज्जती करने का आरोप…
रीवा : उल्लेखनीय है कि शहर के शारदापुरम निवासी समान थाना अंतर्गत एक रिटायर्ड सहायक सब इंस्पेक्टर (ASI) ने महिला सब इंस्पेक्टर (SI) और उनके सहयोगियों के ऊपर अपमानित करने का आरोप लगाया है ।
गौरतलब है कि मामला समान थाना क्षेत्र अंतर्गत है ।जहां सामान थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर रानू वर्मा के ऊपर रिटायर्ड सहायक सब इंस्पेक्टर पारखत सिंह ने अपमानित करने का आरोप लगाते हुए एडीजी और पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है ।
समय बीतने के बाद भी कार्यवाही ना होने के चलते रिटायर्ड पुलिस अधिकारी दुखी हैं और न्याय की गुहार लगा रहें हैं ।
रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनके बेटे का विवाद स्कूल में बच्चों के बीच हुआ था , जिसके लिए अपराधिक मामला दर्ज किया गया था , लेकिन उन्हें जानकारी ना होने के चलते बेटे का गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया । वारंट की जानकारी पुलिस कर्मचारी के द्वारा उनके घर जाकर दी गई और बताया गया कि बेटे की जमानत करवा लें ।
रिटायर पुलिस अधिकारी पारखत सिंह दूसरे दिन जमानत करवाते इसके पहले ही समान थाने में पदस्थ सब इंस्पेक्टर रानू बर्मा अपनी टीम के साथ पहुंची और उनके कंट्रोल रूम में तत्कालीन पदस्थ रहते समय आदेश देने और अधिकारियों के मैसेज प्रसारित करने का बदला लेने के नियत से गलत शब्दों का प्रयोग किया ।
रिटायर्ड अधिकारी ने बताया कि हद तो तब हो गई जब उनकी पत्नी के साथ भी बदसलूकी की गई और उनके घर में जगह-जगह पान खाकर थूका गया ।जब उनके द्वारा उक्त घृणित कार्य करने से रोका गया तो उन्हें अपमानित करने वाले शब्दों का प्रयोग कर , उनके गिरेवान में हाथ डाला गया और धमकी दी गई कि तू कंट्रोल रूम में पदस्थ रहते समय बहुत नेतागिरी झाड़ता था , तेरे बेटे को घसीटते हुए ले जायेगे।
हालांकि पूरे मामले की शिकायत एडीजी केपी वेंकटेश्वर राव से की गई थी , तो उनके द्वारा आश्वासन दिया गया था कि , शीघ्र ही जांच कराकर दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी ।
लेकिन तीन माह से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी आज दिनांक तक , कोई भी कार्यवाही नहीं हुई । जिसके चलते रिटायर्ड पुलिस अधिकारी का परिवार दुखित है और आस पड़ोस, समाज में अपमानित महसूस कर रहा है । से.नि. अधिकारी का कहना है, कि क्या मेरी दशकों की पुलिस सेवा का यही इनाम है , कि मुझे बेवजह अपमानित किया गया ओर शिकायत करने के बाद भी कार्यवाही नही हुई ।उन्होंने कहा कि कभी कभी तो दिल करता हैं , इस जिल्लत को झेलने से तो अच्छा होता वो मर जाते या आत्महत्या कर लेते ! उनकी पत्नी ने भी अपनी आपबीती बताते हुए कहा है कि गलती उनके बेटे की थी ,और चुकी वो और उनके पति एक जिम्मेवार नागरिक एवं पूर्व पुलिस अधिकारी रहे है तो , जानकारी लगने पर वो स्वतः ही बेटे के मामले कानुनसमवत कार्यवाही करवाने के पक्षधर हैं ,तो ऐसे में उक्त महिला अधिकारी को क्या हक था कि वो हम सब को अपमानित करती , हमारे घर को अपने जूते की नोक पर रखते हुए रौद डाले , हम जितना अपमानित उक्त घटना से हुए , उतना जीवन में कभी नही हुए , उक्त घटना के बाद हमे लगता है कि जैसे हमारे ऊपर बेवजह ही कालिख पोत दी गई है ।निरपराध होने के बाद भी हम अपराधी सा महसूस करवराहे है।समाज में हमारी किरकिरी हुई है।हम इंसाफ चाहिए , बड़े बड़े अधिकारियों से पति पत्नी ने अपील की है कि उनको इंसाफ दिया जाए एवं उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही बड़े अधिकारी मामले की पारदर्शी जांच कराकर उन्हें इंसाफ दिलायेगे एवम दोषियों पर कानुनसम्वत कठोर कार्यवाही होगी…
गौरतलब है कि उपरोक्त दास्तां है पुलिस विभाग की, जो अपने ही रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के साथ अमानवीय ढंग से पेश आता है। तो सोचिए जरा कि आम जनता के साथ कैसा व्यवहार करता होगा ?आप सोच सकते हैं और इसकी वांनगी आप देख ही चुके हैं कि वही उक्त महिला सब इंस्पेक्टर लोकायुक्त पुलिस के असफल ट्रैप कार्यवाही का शिकार हुई है । जिसमें उनके विरुद्ध मामला पंजीबद्ध हुआ है एवम जांच चल रही है ।
अब देखने वाली बात यह होगी कि ऐसे अधिकारियों पर वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करते है ?
खासकर नवागत एस.पी. विवेक सिंह उक्त मामले क्या कार्यवाही निर्देशित करते है ?…