जयपुर के 5 प्रसिद्ध मंदिर और धार्मिक स्थल

जयपुर जाएं तो इन जगहोंं को एक बार जरूर एक्‍सप्‍लोर करें.

गढ़ गणेश मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा है.
रावली पहाड़ियों के बीच स्थित गलता जी मंदिर एक अद्भुत मंदिर है जिसे बेहद पवित्र माना जाता है.

Jaipur Famous Religious Places: पिंक सिटी जयपुर अपनी विरासत, खूबसूरती और महलों के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. यहां हर साल लाखों की तादात में देश विदेश से सैलानी पहुंचते हैं. यहां के छोटे बड़े बाजार, खूबसूरत महल, स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन के बारे में तो आमतौर पर सभी जानते हैं, लेकिन आपको बता दें कि यहां का धार्मिक स्‍थल भी काफी मंत्र मुग्‍ध करने वाला है. ये धार्मिक स्‍थल और मंदिर राजपुताना वैभव को भी दर्शाते हैं. अगर आप जयपुर जाएं तो एक बार इन मंदिरों व धार्मिक स्‍थलों पर जरूर जाएं.

जयपुर के फेमस धार्मिक स्‍थल व मंदिर

बिरला मंदिर
सफेद संगमरमर से बना जयपुर का बिरला मंदिर स्‍थापत्‍य सुंदरता के लिए फेमस है. यहां विष्णु और मां लक्ष्मी की सफेद संगमरमर की मूर्तियां स्‍थापित है. इनके दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. जयपुर का बिरला मंदिर सबसे अच्छे मंदिरों में से एक माना जाता है. बिरला मंदिर जयपुर शहर के मोती डूंगरी पहाड़ के नीचे स्थित है. यह मंदिर जयपुर शहर से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है. बिरला मंदिर जयपुर एयरपोर्ट से करीब 8.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन है, जिसकी दूरी मंदिर से करीब 8 किलोमीटर है. आप यहां तक टैक्‍सी से भी आ सकते हैं.

गोविंद देवजी मंदिर
जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित गोविंद देव जी मंदिर कृष्ण भगवान को समर्पित है. भगवान कृष्ण की मूर्ति को राजा सवाई जयसिंह द्वितीय वृंदावन से लाए थे. अद्भुत स्थापत्य कौशल वाले इस मंदिर में श्री कृष्ण की सात बार आरती होती है और भोग लगाया जाता है. यहां दर्शन के लिए रोजाना बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. जन्माष्टमी के अवसर पर यहां खासा रौनक नजर आता है. अगर आप जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको बता दें कि यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के महीनों के बीच है. बता दें कि ये जगह एयरपोर्ट से 14 किलोमीटर की दूरी पर है.

गलता जी मंदिर
जयपुर जाएं  तो यहां का गलता जी मंदिर जरूर आएं. यह एक अद्भुत मंदिर है जहां एक गलता कुंड है जिसे बेहद पवित्र माना जाता है. कहते हैं कि इस पानी में डुबकी लगाने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.  इस कुंड का पानी पूरे साल सामान रहता है और यह गर्मी में भी सूखता नहीं है. अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर, मंडप और पवित्र कुंडों और  चारों ओर हरियाली, प्राकृतिक दृश्य की वजह से  आनंददायक स्थल कहा जा सकता है. जनवरी के मध्य में ‘मकर संक्रांति’ के अवसर पर यहां काफी भीड़ होती है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल पहाड़ी पर चढ़ना और उतरना पड़ता है. बता दें कि सूर्योदय से सूर्यास्त तक हीं मंदिर परिसर खुला रहता है.

गढ़ गणेश
जयपुर शहर के अरावली पर्वतमाला पर स्थित देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा है. यह मंदिर गढ़ गणेश के नाम से जाना जाता है. बताया जाता है कि सवाई जयसिंह ने इसे 18वीं शताब्दी में जयपुर की स्थापना के लिए गुजरात के विशेष पंडितों को बुलाकर अश्वमेध यज्ञ करवाया था. यहां मौजूद गणेश प्रतिमा की खासियत यह भी है कि दूरबीन से इसे सिटी पैलेस के चंद्र महल से देखा जा सकता है. भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए यहां दूर-दूर से लोग आते हैं. करीब 500 फीट की ऊंचाई पर बने गढ़ गणेश मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढि़यां चढ़नी पड़ती है.

मोती डूंगरी मंदिर
जयपुर से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मोती डूंगरी मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है. इस मंदिर की सबसे अलग बात यह है कि यहां स्‍थापित भगवान गणेश की सूंड दाईं ओर की बजाय बाई ओर मुड़ी हुई है. मंदिर की वास्तुकला भी शानदार है जो नागर शैली को दर्शाता है. यह मंदिर जयपुर शहर में स्थित है जिस वजह से आप आसानी से यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट से भी आ सकते हैं.

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