जबलपुर:होटलों में तंदूर जलाने पर 5 लाख जुर्माना!

*होटलों में तंदूर जलाने पर 5 लाख जुर्माना

*जबलपुर में हवा की क्वालिटी सुधारने के लिए दिया आदेश

*होटल संचालक बोले- व्यावहारिक नहीं

*खाद्य विभाग ने हाल में 50 होटलों को नोटिस जारी किया

जबलपुर में प्रशासन के एक आदेश के बाद होटल और टैंट संचालकों में भी हड़कंप है।

दरअसल, खाद्य विभाग ने हाल में 50 होटलों को नोटिस जारी किया है। इसमें लकड़ी और कोयले वाले तंदूर नहीं सुलगाने की बात कही गई है। इसके बजाय एलपीजी या इलेक्ट्रिक तंदूर जलाने की सलाह दी गई है। तर्क दिया गया है कि ये निर्णय हवा की क्वालिटी सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।

ऐसा आदेश जारी करने वाला जबलपुर प्रदेश में संभवत: पहला जिला है।

इस आदेश से तंदूर की रोटी के शौकीनों को भी झटका लगा है। होटल संचालकों का कहना है कि प्रशासन का आदेश व्यावहारिक नहीं है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए जुर्माने की बात भी कही गई है।

आदेश जारी होने के बाद होटल संचालक, टैंट संचालक और प्रशासन के अफसरों से बात की।केंद्र सरकार के निर्देश पर एयर क्वालिटी सुधारने और पर्यावरण की दृष्टि से सभी राज्य अलग-अलग अभियान चला रहे हैं कि कैसे प्रदूषण को कम किया जाए। इसी कड़ी में जबलपुर में प्रशासन ने भी कोशिश की है कि जिले में हवा की गुणवत्ता बेहतर रखना है।

टेंट संचालको की मानें तो जबलपुर में 100 से ज्यादा टेंट हाउस हैं। इतनी जल्दी अगर हम चाहें, तो भी इलेक्ट्रिक तंदूर नहीं ला सकते। हालांकि होटल संचालक तो इलेक्ट्रिक तंदूर का उपयोग कर सकते हैं, पर जहां हम टेंट लगाते हैं, वह खुले में होता है। वहां देखना होगा कि बिजली की व्यवस्था है कि नहीं। मिट्टी के तंदूर को तो उठाकर रख सकते हैं, पर इलेक्ट्रिक तंदूर को रखने में लापरवाही की, तो वह खराब हो सकता है।कैटरर्स ओम प्रकाश केशरवानी बताते हैं कि प्रशासन के आदेश का पालन भी करेंगे, पर इतना समय तो दिया जाए कि उसे खरीदकर ला सकें। क्योंकि इलेक्ट्रिक तंदूर सिर्फ दिल्ली में ही मिलते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक आदेश के बाद समस्या खड़ी हो गई है। शादी के कई ऑर्डर बुक हो गए हैं, जिसमें तंदूरी रोटी भी बनानी है। ऐसे में अगर अब मिट्टी के तंदूर का उपयोग करेंगे, तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। वहीं, अगर तंदूर नहीं लगाते, तो ग्राहक ऑर्डर कैंसिल कर सकता है, क्योंकि ऑर्डर बुक करते समय ग्राहक ने तंदूरी रोटी भी मांगी है। 

संभागायुक्त व्ही चंद्रशेखर ने बताया कि जानकारी मिली थी कि होटल में चलने वाले तंदूरों को लकड़ी और कोयला से जलाया जा रहा है। इससे निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैल रहा है। इसे कम करने के लिए होटल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि मिट्टी के तंदूर की जगह इलेक्ट्रिक तंदूर या एलपीजी तंदूर का उपयोग करें।

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