चुनाव विशेष 2023: मौजूदा विधायक के टिकट कटने के कयास के बीच करीब आधा दर्जन बीजेपी नेता है कतार में,जानिये क्या बन सकते है समीकरण
- मऊगंज में चर्चाओं का बाजार गर्म
- भाजपा से आधा दर्जन नेता दावेदार
रीवा: मौजूदा वर्ष चुनावी वर्ष है, हर जगह चुनावी सरगर्मियां तेज हैI मऊगंज की बात करें तो तो यहाँ चुनावी खिचड़ी कुछ ज्यादा ही पक रही है, जहा कुछ नेता अपने दल बदल कर आये है, तो वही कुछ नेता क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर लोगो के बीच काम करके खुद की दावेदारी पेश कर रहे है, कुछ तो ऐसे भी है जो बड़े नेताओ की खुसामद और कृपा पर टिकट मिलने के सपने देख रहे हैI बहरहाल सपने देखने का हक़ तो सभी को है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में तो वैसे भी माना जाता है कि चुनाव लड़ने का हक़ सभी को है और जब तक विजयी उम्मीदवार की घोषणा न हो तब तक सभी उम्मीदवार जीते हुए है।
आइये बात करते है विस्तार से मऊगंज के बनते बिगड़ते सियासी समीकरण पर…
विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती प्रारंभ हो चुकी है। कथा भंडारे यात्राओं और समाजसेवा का सीजन आ गया हैं। इस दौर से मऊगंज विधानसभा भी अछूती नहीं है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी और लोगो की सुगबुगाहट को आधार मानकर जीते हुए विधायक प्रदीप पटेल के टिकिट कटने के कयास जोरों पर लगाए जा रहे है।
इसका एक कारण भाजपा में व्याप्त अंदरूनी अतरकलः है तो वही दूसरी ओर मौजूदा विधायक पटेल ने बीच बीच में कई ऐसे वक्तव्य दे डाले है जिनकी वजह से वर्ग विशेष की भावनाये आहात होती रही है। साथ ही भले ही मऊगंज जिला बनने जा रहा है परन्तु इसका सेहरा मौजूदा विधायक के सर पर तो कतई बधता नहीं दिख रहा है। साथ ही पिछले साढ़े चार वर्षो में मऊगंज में ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ है जिसके दम पर कहा जा सके की मौजूदा विधायक का टिकट अकाट्य है। लोगो के बीच चर्चा तो यह भी है कि मऊगंज में भाजपा का बसपाई करण हो रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी एवं राजनितिक गलियारे की चर्चा, लोगो के बीच की बातो को आधार माना जाये तो मऊगंज विधान सभा के विभिन्न ग्राम पंचायतों में लोगो की राय पर गौर करने पर करीब आधा दर्जन दावेदारों के नाम सामने आए है साथ ही एक बहुत बड़ा वर्ग वर्तमान विधायक के विरोध में खड़ा नजर आ रहा है।
वही शैलेंद्र सिंह दुबे भी संघ से निकटता का लाभ लेते हुए दिख रहे हैं।इनके अब तक के राजनितिक जीवन की बात करें तो दो बार सरपंच रह चुके है,सरपंच संघ के पदाधिकारी रहे है।संघ और बीजेपी के सक्रीय सदस्य है। फिलहाल ग्राम भारती में सचिव की जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे है। लोगो के बीच रहते है , उनके जनहित के कार्यो से सरोकार है। स्थानीय मुद्दों को लेकर काफी मुखर है और पार्टी और शासन के जिम्मेवारों तक लोगो के मुद्दे को समय समय पर उठाते रहते है। सबसे बड़ी बात ब्राह्मण समाज के साथ साथ समाज के अन्य सभी वर्गों से जुड़े हुए है। पिछले कुछ वर्षो में इन्होने क्षेत्र में अपना दायरा बढ़ाया है और बीजेपी में मऊगंज से प्रबल दावेदारों में इनका स्थान आता है।मौजूदा विधायक पटेल के करीबी लोगो में इनका नाम शुमार है।
कथा करवाकर बसपा से भाजपा में अपनी जोरदार एंट्री मारने वाले मृगेंद्र सिंह भी खुद को भाजपा से प्रबल दावेदार मान रहे हैं। वो इसलिए भी दावेदार माने जा रहे क्युकी पिछले चुनाव में उन्हें अच्छे खासे मत प्राप्त हुए थे। परन्तु यहा जो बात काबिलेगौर है वो ये कि बीते चुनाव में जो मत सिंह को प्राप्त हुए थे उन प्राप्त मतों में अधिकांश मत बहुजन समाज पार्टी के थे, जो अब किधर जायेगे यह बात अहम् है।
वही परशुराम शौर्य यात्रा करवाकर ब्राह्मण समाज को साथ लेकर पंकज पांडेय भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में लगे है। लोगो के बीच रह कर कार्य करते देखे जाते है। हलाकि मऊगंज जिस तरह का क्षेत्र है सिर्फ इस दम पर टिकट पाना थोड़ा कठिन है।
सीनियर नेता श्रीधर प्यासी भी जनता के बीच जा रहे है और पार्टी के प्रति वर्षो की तपस्या का प्रसाद अब उन्हें मिलेगा ऐसा प्रदर्शित करने में लगे है।
पूर्व जिला पंचायत सद्स्य राजेंद्र मिश्रा भी राष्ट्रीय स्तर के संबंधों की दम पर खुद की दावेदारी को मजबूत बता रहे है।
किसके सर पर टिकट रूपी सेहरा सजेगा और किसके सर पर काटो का ताज, कौन दल में रहेगा और कौन दलबदलू होकर चुनाव लड़ेगा या निर्दलीय लड़ेगा यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन यह तो तय है कि चुनाव दिलचस्प होंगे।
स्थानीय मत तो यह भी है कि भाजपा की लहर अब थोड़ी कमजोर हो चुकी हैं और वर्तमान विधायक का प्रभाव जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में पूरी तरह से नाकामयाब हुआ है। देखना ये है की भाजपा पुराने चेहरे के भरोसे रहती है या दर दर टिकिट की खोज में दल दल भटक रहे मृगेंद्र सिंह का सपना पूरा होता है या भाजपा सबसे प्रभावी वोट बैंक ब्राह्मण समाज के किसी चेहरे पर दाव खेलती है। मऊगंज की जनता राजनीति के चौसर पर इस समय किसी भरोसेमंद और टिकाऊ चेहरे की खोज करने पर लगी हुई है।
विशेष: उल्लेखनीय है कि मऊगंज के जिला बनने की घोषणा हो चुकी है। खुद सीएम ने घोषित किया है कि आगामी स्वंतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को तिरंगा मऊगंज के जिला मुख्यालय पर फहराया जायेगा। ऐसे में यह तय है कि इस बार चुनाव काफी रोमांचक होने वाले है और जो टिकट दलो द्वारा दिए जायेगे वो काफी सोच समझकर दिए जायेगे। कुल मिलाकर मऊगंज में चुनावी गर्मी का पारा शरद ऋतू में भी हाई रहेगा।