मलेशिया ने भी बुधवार को चीन के नए नक़्शे को ख़ारिज कर दिया है चीन के नए नक़्शे के ख़िलाफ़ भारत के साथ खुलकर आया मलेशिया
चीन के नए नक़्शे में मलेशिया दक्षिण चीन सागर में जिन जल क्षेत्रों पर अपना दावा करता है, उसे भी चीन ने अपना बताया है.
समंदर में चीन के बढ़ते दावों के बीच कई एशियाई देशों ने आपत्ति जताई है.
मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने चीन के एकतरफ़ा दावे को ख़ारिज कर दिया और कहा कि वह इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है.
मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि टकरावों का समाधान शांतिपूर्वक और तार्किक संवाद के ज़रिए होना चाहिए.
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. दक्षिण चीन सागर से सालाना ट्रिलियन्स डॉलर के अंतरराष्ट्रीय कारोबार होते हैं.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने भी फ़ैसला दिया है कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा वैध नहीं है.
साउथ चाइना सी पर चीनी दावे को फिलीपीन्स, वियतनाम और ब्रूनेई भी ख़ारिज करते हैं. दूसरी तरफ़ अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी नौसेना के पोत लगा रखे हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय समुद्री रास्ते में आवाजाही की स्वतंत्रता बनी रहे.
मलेशिया क्या बोला :
चीन ने इसी हफ़्ते एक स्टैंडर्ड नक़्शा जारी किया था और इसी में पूरे साउथ चाइना सी को अपना हिस्सा बताया है.
मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन के नए नक़्शे में उसका समुद्री इलाक़ा भी शामिल है.
मलेशिया ने कहा, ”साउथ चाइना सी का मुद्दा काफ़ी जटिल और संवेदनशील है. इसका समाधान विवेकपूर्ण संवाद के ज़रिए अंतरराष्ट्रीय नियमों के आधार पर होना चाहिए.”
मलेशिया ने समंदर के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनाने का समर्थन किया है.
2021 में मलेशिया ने अपने एक्सक्लूसिव इकनॉमिक ज़ोन में चीनी पोत घुसने पर उसके राजदूत को समन भेजा था.
हाल के वर्षों में चीन ने साउथ चाइना सी में कई कृत्रिम द्वीप बनाए हैं. इसके अलावा सैन्य सुविधाएं और रनवे भी बनाए हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि चीन साउथ चाइना सी में किसी भी टकराव से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है.
दक्षिण-पूर्वी एशिया के कई देश आरोप लगाते रहे हैं कि चीनी पोत उसके फिशिंग बोट्स को परेशान करते हैं.