update>खरगोन बस हादसा: 50 फीट ऊंचे पुल से गिरी बस,अब तक 15 की मौत,ट्रैक्टर के भरोसे राहत कार्य
खरगोन बस हादसा
- यात्रियों से भरी बस 50 फीट ऊंचे पुल से गिरी
- 15 की मौत
- PM-CM ने जताया दुख
- अब तक 15 की मौत,several critically wounded
- ट्रैक्टर में लादकर लोगों को निकाल रहे स्थानीय
- गनीमत रही कि सूखी थी नदी
मुआवजे का हुआ एलान
गौरतलब है की मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में बड़ा बस हादसा हुआ है।बस सीधे पुल से करीब पचास फ़ीट निचे जमीन में गिर गयी है। बताया जा रहा है कि बस यात्रियों से खचाखच भरी हुई थी , लगभग सत्तर से अस्सी यात्री बस में ठूसम ठूस भरे हुए थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची है। घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल है। इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।आनन फानन में राहत कार्य शुरू हुआ है।
खरगोन जिले में बड़ा हादसा हुआ है। बोराड़ नदी पर बने पुल से एक यात्री बस 50 फीट नीचे गिर गई। हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई। 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मौतों का आंकड़ा बढ़कर 20 तक पहुंच सकता है। हादसे में ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर की भी मौत होने की सूचना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खरगोन में हुई बस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं।
मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बेहद दुखद घटना है। घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घटनास्थल पर अधिकारी तत्काल पहुंच गए हैं। घटना में 15 लोगों की मौत की सूचना है। करीब 25 लोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया है।
मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं। बस क्रमांक एमपी10-पी-7755 मां शारदा ट्रैवल्स की बताई जा रही है, जो खरगोन जिले से इंदौर जा रही थी। यह हादसा खरगोन-ठीकरी मार्ग पर हुआ। बस नदी पर बने पुल से गुजर रही थी, जब वह एकाएक नीचे गिर गई। जोर से आवाज आई और अफरा-तफरी मच गई। बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे। हादसा दसंगा गांव के करीब हुआ है। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस जवान घायलों की मदद करने में लगे हुए हैं।
घटना की सूचना मिलने के बाद विधायक रवि जोशी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। मौके पर पहुंचे विधायक रवि जोशी से बातचीत में ग्रामीणों ने कहा कि रोजाना बसें ओवरलोड होकर तेज रफ्तार में गुजरती है। कई बार हमने बस वालों को टोका, लेकिन वह लोग दादागिरी करते हैं।
विधायक रवि जोशी का गैर जिम्मेदाराना बयान
विधायक जोशी का उक्त ब्यान गैर जिम्मेदाराना है कि, रोज बेस ओवरलोड होकर गुजरती है, साथी ही लोग दादागिरी करते है। अगर हालात वैसे है जैसा विधायक कह रहे है तो जनपरस्तिनिधि होने के नाते इन खामियों में नकेल कसने की किसकी जिम्मेवारी बनती है? या वो सिर्फ कमिया गिनाने को विधायक बने है।
राहत कार्य ट्रेक्टर भरोसे
ट्रैक्टर में लादकर लोगों को निकाल रहे स्थानीय
उक्त दुर्घटना घटित होने के बाद राहत कार्य शुरू हुआ, इस दौरान बड़ी हैरान करने वाली तस्वीर सामने आयी कि ट्रेक्टर में लादकर स्थानीय लोग निकाल रहे शवों को और घायलों को!!! सवाल यह है कि आखिर जिला प्रशासन और जिम्मेवार नेता/अधिकारी क्या कर रह थे, जो ट्रेक्टर का उपयोग किया गया, क्या खरगोन में एम्बुलेंस का अकाल पद गया है ?? या फिर आम जान के जान की कोई कीमत नहीं है ?? जो भी वो तस्वीरें हैरान और निंदनात्मक है कि ट्रेक्टर का उपयोग किया गया। जबकि कायदे से एम्बुलेंस होनी चाहिए थी। अभी कोई VIP की रैली होती तो दर्जनों एम्बुलेंस यूँ ही नाक चिढ़ाती कड़ी रहती है आयोजन स्थल पर यहाँ ट्रेक्टर ही मिला।
नदी सुखी थी वर्ना: गनीमत है कि सूखी थी नदीI नदी सूखी होने से मौतों की संख्या 15 के आसपास बताई जा रही है। यदि नदी में पानी होता तो मृतकों का आंकड़ा अधिक हो सकता था।
राहत कार्य के बीच मुआवजे का मलहम
मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 6-6 लाख___
केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता घोषित की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से खरगोन हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताते हुए हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता घोषित की है। राज्य सरकार ने खरगोन में हुई बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि, गंभीर घायलों को 50 हजार रुपये, कम एवं साधारण घायलों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।