क्या आपने जहरीले सापों की खेती के बारे में सुना है? क्यों, कैसे पढ़िए खबर में
हम सभी खेती शब्द से भली भाति परिचित है। विभिन्न प्रकार के अन्नों जैसे धान, गेहू, बाजरा, जौ, मक्का, चना आदि की खेती की जाती रही है बहुत पहले से ही। पर क्या साँपों की खेती के बारे में भी सुना है?
चलिए आज आपको सापों की खेती के विषय में बताते हैं…
आखिर क्यों किया जाता है सापो का लालन, पालन और पोषण।
किंग कोबरा, ब्लैक माम्बा, पाइथन जैसे सापों की खेती कर लोग करोड़ो रूपये कमा रहे है।
आपको बता दें कि चीन के एक गांव में सांपों की खेती की जाती है। वैसे चीन पहले से ही हैरतअंगेज चीजे करने के लिए जाना जाता रहा है।
सापों की खेती करने वाले इस गाँव का नाम है जिसिकियाओ।
यहाँ के लोग सापों की खेती यानी स्नेक फार्मिंग पर अपना गुजारा करते है। इस अनोखे व्यवसाय से गांव का लगभग हर दूसरा व्यक्ति जुड़ा हुआ है। इस गांव में 30 लाख से अधिक प्रकार के जहरीले सांप देखे जाते हैं। जिसमें से कोबरा नाग, अजगर समेत कई सांप शामिल हैं।
जिसिकियाओ सांपों का पालन उनके मांस और शरीर के अन्य अंगों के लिए किया जाता है। बता दें कि चीन के लोग सांप का मांस शौक से खाते हैं और उनके शरीर के अंगों का उपयोग दवाइयों के निर्माण में भी होता है। कुछ सांप फार्म चिकित्सा और वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए जहरीले सांपों का पालन करते हैं. सांप के जहर में बायोएक्टिव गुण होते हैं, जिनका उपयोग एंटीवेनम, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य चिकित्सा उपचारों के विकास में किया जा सकता है. कुछ सांप की प्रजातियों (अजगर और बोआ) के खाल का उपयोग चमड़े के उत्पाद, जैसे- बैग, जूते और बेल्ट बनाने के लिए किया जाता है। ऐसी खास वस्तुओं की मांग को पूरा करने के लिए सांप का पालन (Snake Farm) इन प्रजातियों का प्रजनन करते हैं।
कैसे होती है सापो की खेती ?
यहां पर सांपों को लकड़ी और कांच के छोटे-छोटे बक्सों में पाला जाता है. सांपों के बच्चे अंडों से बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें प्लास्टिक की थैलियों में रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है। जब सांप बड़े हो जाते हैं, तो उन्हें फार्म हाउस से ले जाकर उनका जहर निकाले हैं और फिर उसका सिर काट देते हैं। सांप के मर जाने के बाद उनका मांस निकालकर अलग रख दिया जाता है, जिसका इस्तेमाल दवाओं, चमड़े के प्रोडक्ट्स और मीट के लिए किया जाता है। इन सबके कारण, सांपों के मांस की अच्छी कीमत मिलती है।