क्या आपके मन में भी होती है घबराहट, बढ़ जाती है हार्ट बीट, हो सकते हैं गंभीर बीमारी के संकेत

क्या आपके मन में भी होती है घबराहट, लगता है डर, बढ़ जाती है हार्ट बीट, इस बीमारी के हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव…
कई बार ऐसा होता है कि हमें मन में किसी बात को लेकर डर लगने लगता है। बार-बार मन में उसी बात को लेकर डर सताता रहता है। जब डर लगता है तो हमारी हार्ट बीट अचानक तेज होने लगती है।
कई बार तेज पसीना भी आ जाता है।
ये लक्षण स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, ये लक्षण एंग्जायटी की शुरुआत है। इससे आपकी मेंटल हेल्थ खराब हो सकती है। जब एंग्जायटी बढ़ने लगती है तो व्यक्ति धीरे—धीरे डिप्रेशन की ओर चला जाता है। जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

निर्णय लेने की क्षमता होती है प्रभावित
एक्सपर्ट्स के अनुसार, जब एंग्जायटी होने लगती है तो मन में डर और हमेशा चिंता की भावना होती है। जिसको एंग्जायटी होती है वह व्यक्ति किसी भी काम को लेकर घबरा जाता है। चिंता और घबराहट की वजह से व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है। आजकल युवाओं में यह समस्या काफी देखने को मिलती है। हालांकि कई बार तो लोगों को पता भी नहीं चलता कि उन्हें एंग्जायटी हो रही है। ऐसे में इसके लक्षणों की पहचान कर समय पर मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह लेने इस एंग्जायटी की समस्या से बचाव किया जा सकता है।

Anxiety symptoms (एंग्जायटी के लक्षण)
- अत्यधिक डर लगना
- तेज धड़कन
- ऋपसीना आना
- कांपना
- सांस फूलना
- गले में कुछ फंसा महसूस करना
- छाती में दर्द
- जी मिचलाना
मेंटल हेल्थ पर पड़ता है असर
एक्सपर्ट्स के अनुसार, कई मामलों में एड्रेनल फटीग भी एंग्जायटी अटैक आने की वजह हो सकता है। युवाओं में इस प्रकार की मानसिक समस्या का असर लंबे समय तक रह सकता है। इससे रोजाना के काम करने में परेशानी आ सकती है। मेंटल हेल्थ खराब होने से फिजिकल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। कई मामलों में युवा नशीले पदार्थों के सेवन की तरफ भी बढ़ने लगते हैं। कई लोग तो अपनी एंग्जाइटी या डिप्रेशन की समस्या के बारे में बात करने से बचते हैं। इस कारण युवा खराब मेंटल हेल्थ का शिकार होने के बाद भी डॉक्टर की मदद नहीं ले पाते हैंI

एंग्जायटी से ऐसे करें बचाव
अगर आपको भी किसी बात को लेकर डर लगता है और घबराहट होती है तो ये एंग्जायटी के लक्षण हो सकते हैं। इससे बचने के लिए आप रोजाना ध्यान और योग करें। इसके अलावा सुबह—शाम वॉक पर जाएं। आप अपने किसी दोस्त या करीबी से अपने मन की बातों को शेयर करें। एंग्जायटी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें। अकेले बैठे सोचते ना रहें। रोजाना कुछ फिजिकल एक्टिविटी करें।