Signs and Symptoms of Kidney Disease: किडनी रोगों की ओर इशारा करते हैं ये संकेत, यहां जानें किडनी खराब होने पर कैसे लक्षण दिखते हैं… किडनी के कई काम होते हैं.
एक हेल्दी किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर निकलने का कार्य करती है …
किडनी के कई काम होते हैं. एक हेल्दी किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर निकालने के काम को निभाती है, हड्डियों को मजबूत बनाने में भी यह कई तरह से मददगार है, और यह खून में खनिजों की सही मात्रा को बरकरार रखने का काम भी करती है. कुछ संभावित संकेत हैं, जो बताते हैं कि आपको किडनी की बीमारी हो सकती है. खास बातें किडनी शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को छानने के लिए जिम्मेदार होती हैं. लाखों लोग किडनी की कई तरह की बीमारियों के साथ जी रहे हैं.
Symptoms Of Kidney Damage: किडनी का रोल हमारे शरीर में बहुत अहम है. हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं, जो मुख्य रूप से यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे अपशिष्ट उत्पादों को छानने का काम करती हैं. किडनी हमारे खून को साफ करने का काम करती हैं. लेकिन कई बार किन्हीं कारणों से किडनी में परेशानियां हो जाती हैं. भारत में ही किडनी रोगों से बहुत से लोग पीडि़त हैं. लेकिन किडनी रोगों के लक्षण समझ न आने के कारण अक्सर इससे जुड़ी परेशानियों का पता देर से चलता है. जो किडनी की सेहत पर बुरा असर डालती हैं और कई बार तो स्थिति किडनी फेलियर यानी किडनी खराब होने की भी हो जाती है. किडनी की बीमारी के लक्षण कई हैं, लेकिन कभी-कभी लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं या अन्य स्थितियों के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं.
Sign Of Kidney Disease: शरीर दे रहा है ये इशारे तो समझ जाएं बहुत जल्द डैमेज होने वाली किडनियां,ऐसे पहचानें लक्षण किडनी को डैमेज होने से बचाने के लिए White Salt कर दें बंद , इसके अलावा किडनी की बीमारी वाले लोगों को लक्षण जल्दी महसूस नहीं होते हैं. जबकि यह जानने का एकमात्र तरीका है कि आपको किडनी की बीमारी है या नहीं, टेस्ट करवाना चाहिए.अगर आपके पास हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी फेल्योर का पारिवारिक इतिहास या 60 वर्ष से अधिक उम्र के कारण किडनी की बीमारी का खतरा है, तो किडनी की बीमारी के लिए सालाना टेस्ट करना जरूरी है. यहां हम बात कर रहे हैं संभावित संकेतों की जो बताते हैं कि आपको किडनी की बीमारी हो सकती है.
बहुत ज्यादा थकान महसूस करना : अगर आपको लगता है कि अब आप पहले की तुलना में जल्दी थक रहे हैं, तो किडनी से जुड़ी किसी समस्या की ओर संकेत हो सकता है. असल में किडनी फंक्शन में दिक्कत होने से रक्त में विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों का निर्माण हो सकता है. ऐसे में थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है. इतना ही नहीं यह ध्यान केंद्रित करने में परेशानी कर सकता है.
नींद की कमी और गहरी नींद न आना : अगर किडनी की समस्या है, तो आपको यह भी देखने को मिल सकता है कि आपकी नींद में समस्या हो रही है. जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पाती तो विषाक्त पदार्थ रक्त में ही रहते हैं और यह सोने और नींद से जुड़ी समस्याएं दे सकता है. सामान्य लोगों की तुलना में क्रोनिक किडनी रोगियों में स्लीप एपनिया बहुत आम है.
भूख में कमी और मसल्स क्रेम्प्स : किडनी की कार्यक्षमता में कमी के चलते भूख में कमी हो सकती है. साथ ही लो कैल्शियम लेवल और खराब नियंत्रित फास्फोरस मसल्स क्रैम्प्स में योगदान कर सकता है.
त्वचा से जुड़ी समस्याएं : किडनी के कई काम होते हैं. एक हेल्दी किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर निकालने के काम को निभाती है, हड्डियों को मजबूत बनाने में भी यह कई तरह से मददगार है, और यह खून में खनिजों की सही मात्रा को बरकरार रखने का काम भी करती है. ऐसे में अगर किडनी खराब होती है या किडनी की सेहत पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ता है, तो त्वचा से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. जब किडनी अब आपके रक्त में खनिजों और पोषक तत्वों का सही संतुलन नहीं रख पाते हैंं,तो ड्राई और खुजली वाली त्वचा खनिज और हड्डी की बीमारी के संकेत दिख सकते हैं, जो अक्सर बेहतर किडनी की बीमारी के साथ होती है.
आंखों के नीचे सूजन : अक्सर देखा गया है कि लोग अपनी आंखों के नीचे आने वाली सूजन को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन यह किडनी में खराबी की ओर संकेत हो सकता है.
किडनी खराब होने पर या किडनी रोग होने पर दिखने वाले मूत्र संबंधी संकेत : बार-बार पेशाब आना हो सकता है किडनी की समस्या का संकेत : अगर पहले के मुकाबले आप बार बार पेशाब का प्रेशर महसूस कर रहे हैं, तो यह किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है. असल में किडनी के फिल्टर क्षतिग्रस्त होने पर पेशाब करने की इच्छा में वृद्धि हो सकती है. पेशाब में खून या झागदार पेशाब : आपको मूत्र पर ध्यान देना चाहिए. हेल्दी किडनी आमतौर पर रक्त से अपशिष्ट को मूत्र बनाने के लिए शरीर में रखते हैं, लेकिन जब किडनी के फिल्टर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो ये रक्त कोशिकाएं मूत्र में “रिसाव” करना शुरू कर सकती हैं.