कही सोशल मीडिया आपको भी तो बेवकूफ नहीं बना रही, भेड़ चाल में मत आइये, बुद्धिमान है तो बुद्धि का प्रदर्शन भी कीजिये, पढ़िए खबर सब समझ आ जायेगा

कही सोशल मीडिया आपको भी तो बेवकूफ नहीं बना रही, भेड़ चाल में मत आइये, बुद्धिमान है तो बुद्धि का प्रदर्शन भी कीजिये, पढ़िए खबर सब समझ आ जायेगा

आपको याद ही होगा अभी हाल ही में बीते 04 जून को बिहार के भागलपुर में एक फ्लाईओवर का बड़ा हिस्सा टूट कर नदी में जा समाया।कहा जा रहा है कि पूरी पुल का यह करीब दस प्रतिशत हिस्सा था जो टूटा है। आपको बता दें अभी कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है अलबत्ता बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार ने कहां है की तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पुल के इस हिस्से को जानबूझकर गिराया गया है। उल्लेखनीय है कि इस फ्लाईओवर की कीमत 1710 करोड़ है।

बहरहाल इस आर्टिकल में हमारा मकसद आपको पुल की कीमत या तकनीकी खामी या कैसे और क्यों टूटा यह सब बताना नहीं है, हम इस लेख में सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो के संबंध में बताने वाले हैं जिसमें दिखाया गया है कि पुल टूट गया उसमें आगे कैप्शंस में लिखा गया है कि, जैसा कि पुल की कीमत 1750 करोड़ है और देश की कुल जनसंख्या 140 करोड है, और अगर ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक को एक एक करोड़ दे दिया जाता तो भी 1610 करोड़ बचते। अगर आप उस वायरल वीडियो के पोस्ट के कमेंट सेक्शन में देखेंगे तो पाएंगे कि लोगों ने तरह तरह के कमेंट किए हैं ज्यादातर लोगों ने पोस्ट के कैप्शन के समर्थन में कमेंट किए हैं लेकिन हम आपको आज बताएंगे कि यह पोस्ट में जो कैप्शंस लिखा है गणित आंकड़ों के रूप में वह कितना बचकाना है, और ऐसा लगता है की पोस्ट लिखने वाले और साथ ही उसमें कमेंट करने वाले लोग गणित में खासे कच्चे हैं या यूं कहें की गणित का उन्हें ज्ञान नहीं है अन्यथा या नहीं लिखा जाता कि 1610 करोड़ बचते आइए हम गणित के ही माध्यम से आपको बताने का प्रयास करते हैं कि कहां गलती है और आप खुद समझ जाएंगे कि हमारे देश में लोग भावनाओं में बह के बिना सही मूल्यांकन किए कुछ भी लिख देते हैं और भेड़ चाल में आकर बाकी लोग भी उन्हीं भावनाओं में बह गए उसी गलत मूल्यांकन में खुद को बहा देते हैं और अनजाने में ही गलत बातों का समर्थन कर बैठते हैं जबकि मुद्दे का सिर कहीं धड़ कहीं और शरीर कहीं और ही होता है। 

हलाकि राहत की  बात यह है कि जहां सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में भेड़ चाल में आते हुए बहुसंख्यक लोग वीडियो में लिखी बात का अंधभक्ति की तरह समर्थन किए जा रहे हैं (बिना गणितीय आंकड़ों की सच्चाई जाने) तो वही कुछ लोग गणितीय आंकड़ों की सच्चाई को समझ कर उस वीडियो पर लिखी बात का विरोध करते एवं उसका मजाक बनाते भी कमेंट सेक्शन में देखे जा सकते हैं, उदाहरण के लिए एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में लिखा है कि, भाई लगता है गणित में कमजोर है।

गणित के नजरिए से वायरल वीडियो में जो आंकड़ा लिखा गया है उसकी सच्चाई समझने का प्रयास करते हैं….

देश की कुल जनसंख्या है 140 करोड़ यानी 1,400,000,0000000000 = 14×10E15

पुल की कीमत 1750 करोड़ आंकी गई है (हालांकि असलियत में व कीमत 1710 करोड़ है) यानी 17,500,000,000 = 175×10E8

अब देश की कुल जनसंख्या में से पुल की कीमत को घटा देंगे>>

1,400,000,0000000000 – 17,500,000,000 =139999982500000000 = 1399999825×10E8 

अब आप खुद सोचिए की वायरल वीडियो के आंकड़े के हिसाब से पुल की कुल राशि में से घटाने पर यह जो राशि शेष बच रही वह कहां से आएगी। कुल मिलाकर देश के प्रत्येक नागरिक को अगर 10000000 रुपए दिए जाने हैं और पुल के 1750 करोड़ रुपए पैसे दिए जाने हैं तो 1610 करोड रुपए बचेंगे नहीं बल्कि इतने अतिरिक्त 1399999825×10E8 रूपयो की और जरूरत पड़ेगी।

उक्त वायरल वीडियो और उसके गणितीय आंकड़ों की सच्चाई पाठकों के सामने लाने के पीछे हमारा एकमात्र मकसद और उद्देश्य यह है कि कि हम भारतीय लोग आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सही जो कुछ भी हमारे सामने परोस दिया जाता है हम उसे कभी भावुक, क्रोध, ग्लानि, तनाव, गम, खुशी आदि भावनाओं में बहकर हम उसका समर्थन या अनुसरण करने लग जाते हैं, बिना ये सोचे समझे कि, वायरल हुए वीडियो या लेख में जो बातें कही जा रही हैं वह सही है, तर्कसंगत है या फिर कोरा बकवास और झूठ का पुलिंदा तो नही। 

उक्त लेख लिखने का मकसद सिर्फ इतना है की जब भी कोई बात, किसी भी तरीके से हमारे सामने लाई जाए या परोसी जाए तो हम उसका समर्थन, अनुसरण या फिर विरोध करने से पहले उसकी अच्छे से जांच कर ले, ताका दूध और पानी का पानी हो जाए। वैसे भी बुद्धिमान आदमी वही है जो गलत को गलत और सही को सही कहता है,ना कि भेड़ चाल में चलने लगे।

इस लेख का सार यही है कि खुद का दिमाग लगाइए, भेड़ चाल में मत आइए। अगर आप बुद्धिमान हैं तो अपनी बुद्धि का प्रदर्शन भी कीजिए।

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