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कंप्यूटर,मीडिया,फाइनेंस,कानूनी नौकरियों के लगभग 30 करोड़ लोगों की नौकरी खा जाएगी ये टेक्नोलॉजी, रिपोर्ट में हुए खुलासे से लोग हैरान
- 30 करोड़ लोगों की नौकरी खा जाएगा एआई ‘AI’
- रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा
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एक तरफ जहा इकीसवीं सदी यानी आधुनिक युग में विज्ञानं, टेक्नोलॉजी दिनों दिन नए नए रिसर्च कर कीर्तिमान खड़ा कर रहा है तो वही दूसरी ओर भारत जैसे देश जिनकी जनसँख्या दिनों दिन बढ़ रही है (मौजूदा जनसँख्या आंकलन:140 करोड़) की टेंशन भी बढ़ा रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्युकी नै टेक्नॉलजी कुछ यूँ आ रही कि जो काम दस आदमी मिलकर के करते है वो काम नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनी नई मशीने अकेले ही कर देती है। जैसे कि एक जेसीबी अकेले ही कई मजदूरों का कार्य अकेले ही करने में सक्षम है। जिससे होता ये है कि मैनपॉवर की डिमांड लगातार घटती जा रही है। अब ऐसी स्तिथि से उन देशो को तो फायदा है जहा जनसँख्या कम है परन्तु वो देश जहा जनसंख्या ज्यादा है और लगातार बढ़ती ही जा रही है ऐसे देशो में लोगो की नौकरी पर खतरा बढ़ रहा है क्युकी मैनपॉवर डिमांड कम होती जा रही है। जो कि एक चिंतनीय विषय है पर शायद अभी हमारी सरकार का उस ओर ध्यान ही नहीं है।
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हम बात कर रहे है नई और उन्नत तकनिकी जिसे कहा जाता है आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस यानी AI, जिसके बारे में टेक एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे है कि आने वाले समय में यह अलग-अलग क्षेत्रों में लगभग तीस करोड़ लोगो की नौकरी खा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गोल्डमैन सैक्स के अर्थशास्त्रियों की तरफ से एक रिपोर्ट मीडिया में आयी है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 300 मिलियन से अधिक पूर्णकालिक नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) प्लेटफॉर्म जैसे चैटजीपीटी (ChatGPT) द्वारा स्वचालित की जा सकती हैं। अब जब स्वचालित यानी ऑटोमेटेड हो जायेगी तो फिर मैनपॉवर डिमांड तो ख़त्म या कम होगी ही। तो स्वाभाविक है नौकरियों में छटनी होगी।
आपको बता दें कि 2023 तक दुनिया भर में 30 करोड़ नौकरियां वैश्विक कार्यबल के 18 प्रतिशत से अधिक के लिए जिम्मेदार हैं।
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नौकरियां जिन पर है ज्यादा खतरा :
- टेक नौकरियां जैसे कोडिंग और कंप्यूटर इंजीनियरिंग
- पत्रकारिता, विज्ञापन और कंटेंट राइटिंग जैसी मीडिया नौकरियां
- कानूनी नौकरियां जैसे पैरालीगल और लॉ असिस्टेंट
- मार्केट रिसर्च एनालिस्ट नौकरियां
- फाइनेंस और ट्रेडिंग नौकरियां
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ऐसा नहीं है कि सिर्फ AI ही एक ऐसी तकनिकी है जिससे लोगो की नौकरी छिनने का खतरा है, बल्कि लगभग हर नई टेक ऐसा विकल्प ला रही है जो दिनों दिन मैनपॉवर की डिमांड को कम रही है। जिसके कारन लोगो की नौकरी जाने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। लोग तो यहाँ तक कह रहे है कि ऐसी कैसी है विज्ञान की उन्नति और नई तकनिकी जो लोगो की मुसीबत में इजाफा कर रही है अलबत्ता उद्योगपति खेमे के लिए जरूर ये तकनिकी खुशियों से भरी है क्युकी मशीने न तो छुट्टी मांगती है और ना ही बीमार पड़ती है और ना ही यूनियन बना कर तनख्वाह भत्ते आदि बढ़ाने बाबत हड़ताल करती है।
आजकल वैसे भी हर इंडस्ट्री में कही न कही सिस्टम ऑटोमेटेड हो चूका है जिसने लोगो के रोजगार छीनने का काम किया है। उदाहरण के लिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ले लीजिये जहा अब पेंट करने का कार्य व्यक्ति नहीं बल्कि जायंट रोबोटिक आर्म कर रहे है। ऐसे हजारो उदहारण भरे पड़े है।
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देश के आई टी मंत्री क्या कहते है:
अभी हाल ही में एक साछात्कार के दौरान मंत्री ने कहा है कि भारत देश में AI से लोगो को ज्यादा नौकरियां मिलने के आसार है। नौकरी छिनने के सवाल पर उन्होंने कहा फिलहाल ऐसा कोई खतरा देश में नहीं है। हालांकि टेक एक्सपर्ट्स उनके ब्यान को लेकर जुदा राय रखते है।
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तो सवाल यही है कि, ये कैसा विज्ञान और उसकी तकनिकी है जो लोगो की मुसीबत कम करने की बजाय बढ़ाने का कार्य कर रही है ????
कही ये दिशाहीन विज्ञान तो नहीं जिसकी ओर दुनिया चल नहीं रही बल्कि दौड़ लगा रही है !!!
by Er. Umesh Shukla for ‘VIRAT24’ news