ओवरब्रिज/फ्लाईओवर बनने के बाद भी लगता है जाम : रीवा
रतहरा से रेलवे रोड के बीच तीन ओवरब्रिज हैं_
समान ओवरब्रिज ₹43.50 करोड़,सिरमौर चौक ओवरब्रिज ₹22.46 करोड़,रेलवे ओवरब्रिज ₹34 करोड़ की लागत से बन कर तैयार हुआ है।
*सबसे ज्यादा जाम स्कूल/कार्यालय लगने/छुटने के समय लगता है।
उल्लेखनीय है कि सिरमौर चौक रीवा फ्लाईओवर के (extension) एक्सटेंशन का कार्य शुरू हो चुका है।जबकि रतहरा से रेलवे रोड के बीच तीन ओवरब्रिज/फ्लाईओवर बनकर तैयार हो चुके है और चौथा ओवरब्रिज कलेक्ट्रेट गेट के सामने से ढेकहा तिराहे तक बनना प्रस्तावित है,जिसकी लागत लगभग ₹175 करोड़ है ।यह ओवरब्रिज रीवा शहर का सबसे लंबा ओवरब्रिज होगा जिसकी लंबाई 1600 मीटर होगी।शहर में लगने वाले बदस्तूर जाम के मद्देनजर इन ओवरब्रिज का निर्माण किया गया ताकि हाईवे रोड से आवागमन करने वाले शहरवासी सुगमता से अपने अपने गंतव्य स्थल तक बिना किसी परेशानी के आ जा सके।परंतु इन तमाम इंतजामों के बाद भी प्रतिदिन सड़क पर जाम लगता है।समान ओवरब्रिज में मुख्यतः ज्योति स्कूल के छुट्टी के समय तो वही सिरमौर चौक में लगभग हर घंटे जाम की स्तिथि निर्मित होती रहती है।जाम लगने के पीछे बहुत से कारण है जैसे यातायात व्यवस्था पर्याप्त न होना,ओवरब्रिज के नीचे लगने वाले ठेले एवं गुमतिया,सड़क पर बेतरकीब खड़े ऑटो/टैक्सी/बाइक्स।इन जगहों पर पार्किंग व्यवस्था न होने से भी जाम लगता है।यातायात पुलिस व्यवस्था बनाने की लगातार कोशिश करती है परंतु वह पर्याप्त नहीं है।शहरवासी भी जहा तहा अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते है।हालाकि गलत पार्क्ड (parked) गाड़ियों को यातायात पुलिस चिन्हित कर चालानी कार्यवाही करती है पर इतने पर भी व्यवस्था सुधर नहीं रही।जाम के कारण जहा लोगो को आवागमन में असुविधा होती है तो वही दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है।
अगर शहर की इन सड़कों पर यूं ही जाम लगता रहेगा तो करोड़ों की लागत से बने इन फ्लाईओवर्स की उपयोगिता पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है!ऐसे में सवाल उठता है कि रीवा की जनता को आखिर अनचाहे जाम से छुटकारा कब मिलेगा!
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