ऐसा ‘मायरा’ कभी सुना या देखा नहीं होगा ! जाने आखिर क्या है ये ‘मायरा’ ?

2.21 करोड़ नकद II 100 बीघा जमीन II 14 किलो चांदी II 1000 गाड़ियों का काफिला लेकर मायरा भरने पहुंचे 6 भाई II

  • 2.21 करोड़ नकद
  • 100 बीघा जमीन
  • 14 किलो चांदी
  • 1000 गाड़ियों का काफिला
  • मायरा भरने पहुंचे 6 भाई


मायरा भरने की परंपरा में मामा अपने भांजे-भांजी की शादी में कपड़े , पैसे समेत अन्य सामान लेकर जाते हैं . साथ ही बहन के ससुराल वालों के लिए भी अपनी अपनी स्थिति अनुसार उपहार ले जाते हैं. मगर राजस्थान के नागौर जिले में भाई अपनी बहनों के द्वार करोड़ों रुपए का मायरा भर आते हैं .

मुगलों के समय से  नागौर का मायरा प्रसिद्ध था . आज फिर नागौर का मायरा इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है . नागौर के 6 भाइयों ने एक बार फिर मायरे को चर्चा का विषय बना दिया . दूध व्यापारियों ने अपनी सबसे छोटी बहन के यहां 8 करोड़ का मायरा भरा. बहन के द्वार पर भाई बैलगाड़ी लेकर पहुंचे तो लोग एक बार हंसने लग गए थे. लेकिन फिर पीछे आ रहा 1000 गाड़ियों के काफिला , देशी घी और चीनी से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली देख पूरा गांव चौंक गया .

दरअसल , नागौर जिले के ढिगसरा निवासी भागीरथ राम मेहरिया (भाजपा नेता) , अर्जुनराम मेहरिया (पूर्व अध्यक्ष अखिल भारतीय वीर तेजा जन्मस्थली संस्थान खरनाल) , प्रहलाद , मेहराम , उम्मेदाराम मेहरिया ने अपनी बहन भंवरी देवी के यहां मायरा भरा , जिसकी चर्चा जोरों पर है .

मायरा क्यों बना चर्चा का विषय ?
करीब 2 करोड़ कैश , 100 बीघा जमीन , सोना-चांदी से भरा मायरा 

ढिगसरा का मेहरिया परिवार जब रायधनु के गोदारा परिवार में मायरा लेकर पहुंचा तो सब लोग हैरान रह गए. ऐसा इसलिए क्योंकि वह नागौरी नस्ल के बैलों की जोड़ी लेकर पहुंचे थे.
लेकिन फिर बैलगाड़ी के पीछे 1000 गाड़ियों का काफिला और गाड़ियों के काफिले के आगे नया टैक्टर ट्रॉली था. करीब दो किलोमीटर लंबे काफिले में आगे चल रहे टैक्टर ट्रॉली को धान, चीनी और दूसरे अनाज से भरा गया था .

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