उज्जैन में तीन दिवसीय श्रीरामकथा का आयोजन किया गया. इसमें कथा सुनाने कवि डॉ कुमार विश्वास पहुंचे हुए हैं.
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उज्जैन. महाकाल की नगरी उज्जैन में विक्रमोत्सव चल रहा है. इस दौरान रामकथा करने आए डॉ कुमार विश्वास आरएसएस को लेकर दिए बयान से सुर्खियों में आ गए हैं. बयान के बाद उन्हें लोगों की आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा. साथ ही बीजेपी ने भी कुमार पर हमला बोला था. लेकिन बाद में कुमार विश्वास ने अपने बयान पर मांफी मांगी .
मध्यप्रदेश के उज्जैन में विक्रमोत्सव जारी है. यहां तीन दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया था. इसमें जाने-माने कवि डॉ कुमार विश्वास कथा सुनाने उज्जैन आए थे. कालिदास अकादमी परिसर में श्री रामकथा के दूसरे दिन डॉ कुमार विश्वास ने ‘शंकर के राम’ पर आधारित प्रसंग सुनाया. यहां बड़ी संख्या में कुमार को सुनने लोग पहुंचे. वहीं कुमार विश्वास ने आरएसएस और वामपंथियों को लेकर एक एक बयान दिया था. उसके बाद से राजनीति गर्म होने लगी और कुमार विश्वास के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होने लगे.
कांग्रेस ने की तारीफ. आरएसएस और वामपंथ के नेताओं पर कुमार विश्वास के बयान पर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा-सरकारी खर्चे पर सरकारी मंच पर सरकार के मंत्रियों और सांसदों के सामने सच कहने का साहस कुमार विश्वास ने किया है.कुमार विश्वास के साहस को मैं धन्यवाद देता हूं.
कुमार विश्वास ने बयान पर मांगी माफी
आयोजन स्थल पर विवाद की वजह से डॉ कुमार कड़ी सुरक्षा में देखे गए. जिन्होंने मंच पर पहुंचते ही अपने दिए बयान को लेकर माफी मांगी. उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा मैंने अपने ऑफिस में काम करने वालों के लिए कहा था- मैं माफी चाहता हूं, मेरा उद्देश्य ठेस पहुंचाना नहीं. कुमार ने राजनीतिक लोगों से आग्रह किया कि लाखों लाख की संख्या में जो इस देश का युवा तैयार हो रहा है. सनातन धर्म के खिलाफ हुए षड्यंत्रों के लिए मेरे माध्यम कुछ तर्क लेकर इस लड़ाई को कमजोर मत करिए.
रामकथा आयोजन के निर्देशक के नाम से फर्जी लेटर वायरल
कुमार विश्वास ने कहा कि राजनीति अपनी जगह है मैंने भी की थी. दो बार की दोनों बार मैं चुनाव कैंपियन का चेयरमैन रहा. दोनों दल आमने-सामने थे. एक बार एक पार्टी, एक बार एक पार्टी. हारे जीते लेकिन मैं फिर उस नाराज मित्र से कहना चाहता हूं. राजनीति में था कुछ भी बोल देते थे मेरा हृदय नहीं दुखता था, लेकिन राम नीति में हूं. कुछ बोलते हो तो मेरा मन दुखता है. वहीं कुमार विश्वास की टिप्पणी के बाद एक लेटर महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ का भी वायरल हो गया. पीठ के निर्देशक ने बताया कि यह लेटर फर्जी है.