इटली ने भारतीय सेना को सम्मान देने के लिए बनाया खास स्मारक, पढ़िए इतिहास से जुडी ख़ास वजह
गौरतलब है कि इटली ने भारतीय सेना के द्वितीय विश्व युद्ध में दिए गए योगदान को सम्मान देने के लिए ख़ास स्मारक बनाया है। ऐसा करके इटली ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बलिदान होने वाले भारतीय सैनिकों को सम्मान दिया है। इटली के मोनटोने इलाके में भारतीय सैनिकों के सम्मान में एक स्मारक का अनावरण किया गया। इस स्मारक का अनावरण कम्यून ऑफ मोनोटोन और इटली के सैन्य इतिहासकारों ने किया।
इटली में भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाए गए स्मारक पर भारतीय सेना की पट्टिका भी लगाई गई है। स्मारक पर इटैलियन भाषा में ‘ओमिनेस सब ओडेम सोल’ लिखा हुआ है, जिसका मतलब है कि ‘हम सभी एक सूरज के नीचे रहते हैं’।
आपको बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों का अहम योगदान रहा था। यह ख़ास स्मारक उसी योगदान के प्रति सम्मान स्वरुप बनाया गया है।
अनावरण कार्यक्रम के दौरान भारतीय राजदूत, भारतीय सेना के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
50 हजार से ज्यादा सैनिकों ने लिया था हिस्सा :
इटली के लिए लड़ते हुए भारतीय सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय सेना की चौथी, आठवीं और दसवीं डिविजन के 50 हजार से ज्यादा सैनिकों ने युद्ध में हिस्सा लिया था। भारतीय सैनिक द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कितनी वीरता से लड़ी थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस समय भारत के 20 सैनिकों को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया था। आकड़ो पर गौर करें तो युद्ध के दौरान 23,722 सैनिक घायल हुए और 5782 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार इटली के पेरुगिया में मोनटोने में वी.सी यशवंत घाडगे सनडायल मेमोरियल का अनावरण किया गया है। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में इटली की तरफ से लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया है। साथ ही बलिदानी नायक यशवंत घाडगे को विक्टोरिया क्रॉस से सम्मानित किया गया। यशवंतराव घाडगे ऊपरी टिबेर घाटी में युद्ध के दौरान बलिदान हुए थे। भारतीय सैनिकों के सम्मान में बनाए गए स्मारक के अनावरण के मौके पर इटली में भारत की राजदूत डॉ. नीना मल्होत्रा, भारतीय सेना के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में भारतीय मूल के नागरिक और इटली की सेना के अधिकारी मौजूद रहे।