राम का अर्थ है स्वयं का प्रकाश ; अपने भीतर प्रकाश । “रवि” शब्द “राम” शब्द का पर्याय है ।
रामनवमी शुभ समय :
बृहस्पतिवार, 30 मार्च, 2023 को राम नवमी
राम नवमी मुहूर्त – 11:45 AM से 2:16 PM तक
आज यानी 30 मार्च को रामनवमी है ,जो की प्रभु श्री राम के भक्तो द्वारा बड़े हर्षो उल्लास से मनाया जाता है । आज के दिन न केवल पुरे भारत वर्ष में अपितु विश्व के हर कोने में जहा जहा भी श्री राम के भक्त सनातन धर्म अनुयायी रहते है , सभी बड़े प्रेम हर्षो उल्लास से इस पर्व को मनाते है । पुरे देश में कोने कोने में लोग एक दूसरे को बधाई शुभकामना देते है । देशभर में झाकिया निकाली जाती है । मंदिरो एवं अन्य जगहों पर भण्डारो का आयोजन किया जाता है । सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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- 30 मार्च को देशभर में राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा.
- भगवान विष्णु के अवतार श्रारीम का जन्म अयोध्या में हुआ था.
- चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी पर श्रीराम का जन्म हुआ.
- नवरात्रि का समापन 30 मार्च से हो रहा है.
- नवरात्रि में नवमी का विशेष महत्व है.
- राम नवमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है.
Ram Navami 2023: आज यानि 30 मार्च 2023 को नवरात्रि के नौवें दिन बुधवार को राम नवमी है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम चंद्र जी का जन्म माता कौशल्या के गर्भ से राजा दशरथ के घर में हुआ था. इस दिन अयोध्या समेत पूरे देश में एक अलग ही धूमधाम देखने को मिलती है. दुल्हन की तरह सजी अवधपुरी. हर घर को दीयों और रोशनी से सजाया जाता है. मनोहारी झांकियां निकाली जाती हैं.
ऐसा लगता है जैसे भगवान रामचंद्र जी एक बार फिर अवधपुरी में बस गए हैं. वहीं इस बार राम नवमी का पावन पर्व अयोध्या वासियों के लिए बेहद खास होने जा रहा है , क्योंकि मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है, भगवान राम बहुत जल्द अपने गर्भगृह में विराजमान होने वाले हैं. लेकिन क्या आपको पता है राम नवमी क्यों मनाई जाती है. अगर नहीं तो आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण .
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क्यों मनाई जाती है राम नवमी (Why is Ram Navami Celebrated)
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था. रामलला के जन्म के शुभ दिन को रामनवमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है. अयोध्या के राजा दशरथ के घर में जन्म लेने के बाद भगवान विष्णु अपने सातवें अवतार में मनुष्यों के सामने प्रकट हुए. श्री राम का जन्म देश के महान राजा दशरथ और कौशल्या के ज्येष्ठ पुत्र के रूप में हुआ था. दुनिया को मर्यादा, सरलता, अच्छाई, धैर्य, सदाचार का पाठ पढ़ाने वाले श्री राम के जन्म दिवस को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है.
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राम नवमी पूजा विधि
30 मार्च की सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल पर राम दरबार की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इसके बाद गंगाजल से उनका अभिषेक करें. उन्हें वस्त्र अर्पित करें. अक्षत, चंदन, कमल का फूल, तुलसी का पत्ता, पंचामृत, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, फूल, माला आदि अर्पित करें. इसके बाद रामचरितमानस का पाठ करें. यदि आपके पास समय कम है तो राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद राम दरबार की आरती उतारें.
श्रीराम के जन्म पर बनाएं ये भोग (Ram Navami Bhog)
राम नवमी के अवसर पर आपको श्रीराम के लिए चावल की खीर बनानी चाहिए. जिसका भोग लगाकर प्रसाद बांटना शुभ होता है. रामनवमी के अवसर पर कई जगहों पर हलुआ पूरी भी बनती है क्योंकि इसी दिन चैत्र नवरात्रि का नवां दिन होता है जिसमें मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. श्रीराम के भोग में पंचामृत वो भी तुलसी की पत्ती डालकर जरूर बनाएं क्योंकि श्रीराम को ये बहुत प्रिय है. वहीं कई लोग पंचामृत के साथ पिसे हुए धनिया में गुड़ और शक्कर मिलाकर पंजीरी भी बांटी जाती है. रामनवमी के अवसर पर खोए और अन्न से बने मिष्ठानों का भी भोग लगाया जाता है लेकिन श्रीराम को चावल से बनी खीर अतिप्रिय है .
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Ram Navami Bhog : चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम नवमी मनाया जाता है . इस साल 30 मार्च 2023 को राम नवमी का पर्व पड़ा है और इसी दिन को राम जन्मोत्सव के तौर पर भी मनाते हैं . मान्यता है कि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन अयोध्या नरेश दशरथ और माता कौशल्या से श्रीराम का जन्म हुआ था . श्रीराम भगवान विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं और हर साल उसी तिथि पर राम जन्मोत्सव मनाया जाता है . इस दिन भगवान राम की पूजा के समय आपको ये भोग जरूर लगाना चाहिए जिससे भगवान राम की कृपा आपके और आपके परिवार पर बनी रहे .
रामनवमी का महत्व
हिंदु धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था अत: इस शुभ तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार होते है।
राम का अर्थ है स्वयं का प्रकाश; अपने भीतर प्रकाश। “रवि” शब्द “राम” शब्द का पर्याय है। रवि शब्द में, ‘आर’ का अर्थ है प्रकाश और “वी” का अर्थ है विशेष। इसका अर्थ है हमारे भीतर अनन्त प्रकाश। राम हमारे हृदय का प्रकाश हैं। इस प्रकार राम हमारी आत्मा का प्रकाश हैं।
रामनवमी के पीछे का ज्ञान:
राम नवमी को भगवान राम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है । खुशी और उल्लास के इस त्योहार को मनाने का उद्देश्य हमारे भीतर “ज्ञान के प्रकाश का उदय” है। भगवान राम का जन्म राजा दशरथ और रानी कौशल्या से हुआ था। राम नवमी का त्यौहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान राम का जन्म इसी दिन हुआ था और वे जुगों से मर्यादा पुरुषोत्तम के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए दुनिया में श्री राम के रूप में अवतार लिया।
भगवान राम उनका अपना प्रकाश है, लक्ष्मण (भगवान राम के छोटे भाई) का अर्थ है सतर्कता, शत्रुघ्न का अर्थ है जिसका कोई दुश्मन नहीं है या जिसका कोई विरोधी नहीं है। भरत का अर्थ है योग्य। अयोध्या (जहाँ राम का जन्म हुआ है) का अर्थ है एक ऐसी जगह जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता।
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रामनवमी शुभ समय:
बृहस्पतिवार, 30 मार्च, 2023 को राम नवमी
राम नवमी मुहूर्त – 11:45 AM से 2:16 PM तक
इस दिन का महत्व इतना है कि लोग नवमी के दिन नए घर , दुकान या प्रतिष्ठान में पूजा अर्चना करके प्रवेश करते हैं। इस दिन मां दुर्गा के 9 वें रूप सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
राम नवमी भजन :
❀ राम सिया राम, सिया राम जय जय राम
❀ जन्म बधाई भजन: घर घर बधाई बाजे रे देखो
❀ कभी राम बनके, कभी श्याम बनके भजन
❀ जय जय सुरनायक जन सुखदायक
❀ सीता राम, सीता राम, सीताराम कहिये
❀ अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
❀ भए प्रगट कृपाला दीनदयाला
❀ राम भजन
“जय श्री राम“
by Er .Umesh Shukla @ ‘VIRAT24’ news