
आखिर बच्चो ने उत्तरपुस्तिका में ऐसा क्या लिख दिया,जिसकी चारो तरफ हो रही चर्चा ! क्या होगा इसका परिणाम ? जानें इस ख़बर में…
म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मंडल इन दिनों 10वी , 12वी की बोर्ड परीक्षा करवा रहा है । परीक्षा अभी भी निरंतर जारी है। वही दूसरी तरफ उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन के दौरान टीचर को छात्रों की अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तरपुस्तिका में छात्र प्रश्नों के सही उत्तर लिखने के बजाय मर्मस्पर्शी दुहाई लिखकर दे रहें है , कि सर प्लीज हमें पास कर दीजीए , हमारे परिवार में समस्या आ गई थी ,इसलिए हम पढ़ नही पाए , या फिर ऐसा लिख रहे कि…सर मैं गरीब परिवार से हूं , पढ़ाई के साथ काम भी करता हूं , इसलिए इस बार अच्छे से पढ़ाई नही कर पाया ,अबकी पास कर दो सर ,अगली बार शिकायत का मौका नही दूंगा ; इसी प्रकार कुछ ने तो यहा तक लिख डाला कि सर प्लीज हमे पास कर दो नही तो हमारे घरवाले हमारी शादी कर देगे ,मेरी जिंदगी खराब हो जायेगी ; इसी प्रकार से पास होने के लिए एक से बढ़कर एक मर्मस्पर्षी , तो कुछ खौफनाक आदि तरह तरह की बाते उत्तरपुस्तिका में लिखी देखने को मिल रही हैं।
हालांकि छात्रों की इस तरह की दरख्वास्त का उत्तरपुस्तिका की मूल्यांकन करने वाले टीचरों पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ रहा है और सभी टीचर्स पूरी ईमानदारी के साथ कॉपी चेक करने का काम कर रहे हैं ।
दरअसल उपरोक्त मामला जबलपुर के एमएलबी (MLB) स्कूल का है , जहां करीब एक लाख कॉपी (उत्तरपुस्तिका) चेक होने के लिए आई है , जिसे की टीचर जांचने में जुटे हुए है।
उत्तर पुस्तिकाएं जांच रहे शिक्षक वीके तिवारी ने बताया कि आज के परिवेश में देखा जा रहा है , कि छात्र इमोशनली ब्लैकमेल करने में ज्यादा विश्वास रखने लगे है। परीक्षा कॉपी की जांच के दौरान बहुत से छात्र-छात्राएं आंसर शीट में लिखते है कि मेरे पिता नहीं है , मम्मी की तबियत खराब थी , इसलिए हम पढ़ नहीं पाए , और भी कई तरह की भावुक बातें , पर छात्र ये समझ लें कि , इस तरह की बातें लिखने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। जो छात्र विषय से संबंधित सही उत्तर लिखेगा वही पास होगा। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि ये सब पहली बार हुआ हो , इससे पहले भी बहुत बार इस तरह के मामले सामने आए है । कभी-कभी तो यह भी हुआ है कि उत्तरपुस्तिका में नोट तक निकले है । परंतु हम टीचर्स जो कि छात्रों को शिक्षा देकर उनका भविष्य संवारने का करते है । हम टीचर्स पूरी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ उत्तरपुस्तिकाएं जांच रहे हैं और जो छात्र/छात्रा जितना सही या गलत उत्तर लिख रहा/रही है , उसे उस तरह के पूर्णांक दे रहें हैं । भावनाओं में बहके किसी को कम या अधिक नंबर दे दें ,यह कतई संभव नहीं , अतः छात्र अपनी पढ़ाई – लीखाई पर ध्यान दें नाकी इन फालतू बातो में ।
