आखिर क्या है वजह मप्र के सत्तर हजार आगनबाडियो में ताले लटकने की ? मासूमो के स्वास्थ्य के साथ किस तरह से है ये खिलवाड़…

मप्र की सत्तर हजार आंगनबाड़ियों में लटक रहे ताले !

मासूमो को नहीं मिल रहा है पोषण आहार !

मध्यप्रदेश में 15 मार्च से प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , सहायिकी , सुपरवाइजर और परियोजना अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए हड़ताल पर चले गए है I

महिला बाल विकास विभाग की यह हड़ताल मासूमों के पोषण पर भारी पड़ रही है। प्रदेश की 70 हजार आंगनबाड़ियों में बीती 15 मार्च से ही ताले लटके है, और यह हड़ताली अमला सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने मैदान पर है।

हालात ये हैं कि महिला एवं बाल विकास सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी पालन नहीं करवा पा रहा जिसमें ज़रुरतमंद बच्चों तक 300 दिन का पोषक आहार पहुंचाना जरूरी है। जबलपुर में आशा-उषा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी काम बंद हड़ताल कर दी है।

प्रदेश भर की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले लटके हुए, इस वजह से ना ही बच्चों को पोषण आहार मिल पा रहा है और ना ही गर्भवती महिलाओं की केयर हो रहीं है। 15 मार्च से महिला बाल विकास विभाग का अमला सड़कों पर है। जबलपुर में भी 2483 आंगनबाड़ियों में पदस्थ कार्यकर्ता हड़ताल पर है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ 92 सेक्टर में पदस्थ सुपरवाइजर और 13 परियोजना अधिकारी भी काम से दूर है, जिसके कारण केंद्र बंद है, और बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है इतना ही नहीं गर्भवती महिलाएं भी पौष्टिक आहार से दूर है।

नौनिहालों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रदेश में 20 मार्च से 3 अप्रैल तक पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जाना था जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल के चलते पहले ही स्थगित किया जा चुका है और लगातार आगे बढ़ती हड़ताल मासूमों की सेहत पर भारी पड़ रही है। देखना होगा कि सरकार आखिर कब हालातों को संभाल पाती है। 

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