आखिर इमरती ने ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री क्यों कहा, पढ़िए इस खबर में…

  • इमरती ने सिंधिया को कहा- हमारे मुख्यमंत्री
  • बीजेपी की बैठक में फिसली जुबान
  • बाद में बोलीं:जो निकलना था निकल गया,बजरंगबली की कृपा है

ग्वालियर में सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने BJP की संभागीय बैठक के मंच से सिंधिया को ‘हमारे मुख्यमंत्री’ कह दिया।

दरअसल इमरती देवी की जुबान फिसल गई, हालांकि उन्हें फौरन अपनी गलती का अहसास हुआ। वे मुस्कुराते हुए सिंधिया की तरफ देखने लगीं। फिर हमारे नेता कहकर उन्होंने अपना भाषण जारी रखा।इमरती के सिंधिया को मुख्यमंत्री कहते ही वहां मौजूद अन्य मंत्री व अफसर उन्हें हैरानी से देखते रह गए।

कार्यक्रम के बाद जब मीडियाकर्मियों ने इमरती से पूछा कि आपने मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री कह दिया था, तो इस पर वह बोलीं कि जैसी बजरंगी बली की इच्छा, अब उन्होंने ही कहलवाया है। बाकी तो दिल्ली में बैठे वरिष्ठ नेता ही सब तय करेंगे।दरअसल ग्वालियर में भिंड रोड स्थित होटल आदित्य में शनिवार दोपहर भाजपा की संभागीय बैठक थी। बैठक में सभी 15 मंडल के नए अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेता, जिलाध्यक्ष भाजपा व मंत्रीगण मौजूद थे। मंच पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मौजूद थे। इसी समय मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष व पूर्व मंत्री इमरती देवी सुमन मंच पर भाषण देने आईं। इमरती ने मंच से सिंधिया के लिए बोलते हुए कहा कि ‘हमारे मुख्यमंत्री… कह दिया। हालांकि गलती का अहसास होने पर उन्होंने जब सिंधिया की तरफ देखा तो सिंधिया ने कोई भाव प्रकट नहीं किए।

इससे पहले भी इमरती सिंधिया को मुख्यमंत्री बताकर चर्चा में रही हैं।यह पहला मौका नहीं है कि जब इमरती देवी अपने बयान व बोल के लिए चर्चा में हैं। इससे पहले भी BJP की बैठकों व कार्यक्रम में अपनी हार के लिए भाजपा के नेताओं को जिम्मेदार ठहराना आदि के लिए वह चर्चित रही हैं। इस बार उन्होंने सिंधिया को मुख्यमंत्री बताकर फिर बहस को जन्म दे दिया हैI

कार्यक्रम के बाद में जब मीडिया ने जुबान फिसलने को लेकर इमरती से सवाल किया तो वो बोलीं कि ‘दिल्ली में जो हमारे बड़े बैठे हैं, वरिष्ठ नेतृत्व बैठा है, जैसी उनकी सलाह होगी, जैसा वो निर्णय लेंगे वही होगा।’ जब उनसे पूछा कि आपने मन से मुख्यमंत्री कह दिया इस पर उनका कहना था कि ‘भगवान की कृपा है, जो निकलना था निकल गया, बजरंगबली की कृपा है।’ 

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