अश्विन ने WTC फाइनल में जगह नहीं मिलने पर तोड़ी चुप्पी, कहा: मैं खेलना चाहता था

‘मैं खेलना चाहता था…’, अश्विन ने WTC फाइनल में जगह नहीं मिलने पर तोड़ी चुप्पी; बताया पूरा सच

Bhरतीय टीम को ओवल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में 209 रनों से निराशाजनक हार झेलनी पड़ी थी। इस हार के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा के कई फैसलों पर सवाल उठे।

उसमें सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहा था रविचंद्रन अश्विन जैसे नंबर एक गेंदबाज को टीम में जगह नहीं मिलना। कई दिग्गजों ने अश्विन को जगह नहीं मिलने पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। लेकिन हर किसी को इंतजार था कि खुद अश्विन इस पर क्या बोलेंगे? अब टीम इंडिया के स्टार स्पिनर ने भी इस पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए निराशा व्यक्त की है।

आपको बता दें कि साल 2021 में इंग्लैंड की सरजमीं पर ही खेले गए WTC फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ सिर्फ अश्विन ही एकमात्र असरदार गेंदबाज साबित हुए थे। उन्होंने चार विकेट भी झटके थे। लेकिन उसके बाद हुई टेस्ट सीरीज में तत्कालीन कप्तान विराट कोहली ने उन्हें मौका नहीं दिया था। वहां से शायद उनके मन में यह साफ था कि इंग्लैंड में चार पेसर और एक स्पिनर की मानसिकता के साथ ही टीम जाएगी। इसलिए शायद उन्हे मुकाबला शुरू होने से पहले ही यह पता था कि वह यह खिताबी मुकाबला शायद नहीं खेल पाएंगे। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक खास इंटरव्यू में इसको लेकर पूरा सच बताया है।

‘मैं खेलना चाहता था…’

इस इंटरव्यू में अश्विन ने बताया कि, मैं इस फाइनल मुकाबले में बेशक खेलना चाहता था। क्योंकि टीम को यहां तक लाने में मेरा भी योगदान था। मैंने पिछले फाइनल में चार विकेट भी लिए थे। साल 2018-19 के बाद से विदेश में मेरा प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। मैं फिलहाल ना खेल पाया और ना ही खिताब हमें मिल पाया। मैं इस फैसले को कोच और कप्तान के नजरिए से देख रहा हूं और उन्हें समझने की कोशिश कर रहा हूं। जब हम 2021 में इंग्लैंड में थे तब ही टीम ने शायद यहां मन बना लिया था कि चार पेसर और एक स्पिनर ही सफल होंगे। इसलिए मैच शुरू होने से 48 घंटे पहले ही शायद मुझे पता था कि मुझे खेलने का मौका नहीं मिलेगा।

WTC 2021-23 में कैसा रहा था अश्विन का प्रदर्शन?

रविचंद्रन अश्विन WTC की दूसरी साइकिल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज थे। वहीं ओवरऑल वह नाथन लायन और कगिसो रबाडा के बाद दूसरे स्थान पर थे। उन्होंने 13 मैचों में कुल 61 विकेट झटके थे। फिर भी यह खिलाड़ी फाइनल मुकाबले में टीम का हिस्सा नहीं था। यह जानकर हर क्रिकेट जानकर को आश्चर्य होना लाजिमी है। यही सबसे बड़ा कारण भी टीम इंडिया की हार का रहा। सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर और सौरव गांगुली जैसे दिग्गजों ने इस फैसले पर हैरानी जताई थी। अश्विन ने इस पर भी कहा कि, उन्हें अच्छा लगा यह जानकर की उन्हें लगता था कि वह खेलें। पर वह ना खेले और ना ही टीम इंडिया खिताब जीत पाई।

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