अब भारत में भी हो सकेगी कृत्रिम बारिश, पढ़िए कहा और किसने कर दिखाया ये करिश्मा

अब भारत में भी हो सकेगी कृत्रिम बारिश, पढ़िए कहा और किसने कर दिखाया ये करिश्मा

  • IIT कानपुर ने करवाई कृत्रिम बारिश
  • एयरक्राफ्ट से आसमान में कराया केमिकल ब्लास्ट

अक्सर खबरें आती रहती थी कि चीन ने चीन की दीवाल पर कृत्रिम बारिश करवाई, सभी रोमांचित हो खबरें पढ़ते थे। अब वही कृत्रिम बारिश अपने देश में भी संभव हो गयी है और यह कमाल कर दिखाया है आईआईटी कानपुर ने।

कानपुर: आपको बता दें कि लंबे समय से क्लाउड सीडिंग के जरिए कृत्रिम बारिश के प्रयासों में लगे आईआईटी कानपुर ने बड़ी सफलता हासिल कर ली है। सेशना एयरक्राफ्ट की मदद से आईआईटी परिसर के ऊपर हवा में केमिकल पाउडर ब्लास्ट किया गया, जिसके बाद बारिश हुई। यह परीक्षण डीजीसीए की अनुमति के बाद हुआ। इस पूरे परीक्षण के इंचार्ज प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस टेस्ट फ़्लाइट और हवा में केमिकल ब्लास्ट की पुष्टि की है।

उल्लेखनीय है कि आईआईटी कानपुर इस प्रोजेक्ट में 2017 से लगा हुआ था। कोरोना की वजह से प्रयोग के कुछ उपकरण अमेरिका से दो साल बाद पहुंच पाए अन्यथा और पहले यह कारनामा यथार्थ कर दिया जाता। डीजीसीए की इजाजत के बाद अब इसका सफल प्रयोग किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने क्लाउड सीडिंग परीक्षण की अनुमति तो 2018 में ही दे दी थी लेकिन उपकरण अमेरिका में फंस जाने के कारण इसका परीक्षण संभव नहीं हो पाया था।

कृत्रिम बारिश के फायदे :
जरूरत पड़ने पर प्रदूषण और सूखा से राहत पाने के लिए कराई जा सकती है कृत्रिम बारिश।
कृत्रिम बारिश का एक फायदा तो ये होगा कि ज्यादा वायु प्रदूषण और सूखे की स्थिति में बारिश कराकर लोगों को बड़ी राहत दी जा सकती है। दिल्ली, चेन्नई, बैंगलोर, नोएडा, मुंबई जैसे प्रदूषित बड़े शहरों में वायु प्रदूषण से लोगों को तुरंत राहत दी जा सकती है। इससे प्रदूषण का स्तर तुरंत कम किया जा सकेगा।
तो वही दूसरी ओर जिन स्थानों पर सूखा के हालात होंगे वहा पर भी इस बारिश से फायदा होगा। हसथ ही अगर यह तकनिकी आगे जाकर और सुलभ हुई और किफायती हुई तो जिन फसलों को बारिश जरुरत होगी और वहा अगर सूखा पड़ा तो कृत्रिम बारिश से फसल को बचाया जा सकेगा। इसी प्रकार के अन्य बहुत सारे फायदे लिए जा सकते है। हालांकि यह सब अभी अपने प्रारंभिक चरण में है परन्तु उक्त सफलता से उम्मीद की एक किरण जरूर मिल गयी है।

कैसे हुआ परीक्षण :
आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी से उड़े सेशना एयरक्राफ्ट जो कि एक से दो किलोमीटर ऊपर जाकर बादलों के बीच केमिकल ब्लास्ट कराया गया। इसके बाद क्लाउड सीडिंग होकर बारिश हुई है। यह सब कुछ आईआईटी कानपुर के ऊपर ही किया गया जिसका परीक्षण सफल रहा। इस सफल टेस्ट फ्लाइट के नतीजों का आंकलन करने के बाद यह तय किया जाएगा आगे इसके और कितनी बार टेस्ट करने हैं।

निश्चित रूप से यह खबर बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

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