अब चीन की खैर नहीं, भारत के इस गिफ्ट से अब वियतनाम भी चीन पर पड़ेगा भारी
गौरतलब है कि चीन एक ऐसा देश है जो अपने पड़ोसियों को अपनी ताकत के डैम पर आँखें तरेरता रहता है। भारत के साथ ऐसा करने की कोशिश की तो देश की सरकार ने सेना को खुली छूट दी और सेना ने चीन की सेना की साड़ी केकड़ी निकाल दी , परन्तु चीन अब भी वियतनाम, ताइवान, नेपाल आदि छोटे देशो को सताता रहता है। परन्तु अबइसाहि चलेगा क्युकी बहरत ने वियत्नाम को हथियारों से लैस INS Kirpan गिफ्ट किया है। कुल मिलाकर चीन की साजिश होगी नाकाम
अब चीन की साजिश पर चौतरफा प्रहार किया जाएगा। भारत ने वियतनाम को INS Kirpan दिया है जो हथियारों से लैस है।
भारतीय नौसेना ने वियतनाम को बड़ा गिफ्ट दिया है। दरअसल, आईएनएस कृपाण को भारत की 32 साल की सेवा के बाद वियतनाम को सौंप दिया है। शनिवार को वियतनाम में हुई एक सेरेमनी में नेवी चीफ एडमिरल आर.हरि कुमार ने आईएनएस कृपाण को वियतनाम पीपल्स नेवी के चीफ को सौंपा।
वहीं वियतनाम ने भारत के इस कदम का स्वागत किया है और कहा है कि यह सिर्फ भारत और वियतनाम की मजबूत दोस्ती का सबूत ही नहीं है बल्कि इससे वियतनाम की साउथ चाइन सी में ताकत भी बढ़ेगी।
आईएनएस कृपाण की खूबियां :
आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है। इस जहाज का वजन 1460 टन, 91 मीटर लंबा, 11 मीटर ऊंचा और अधिकतम स्पीड 25 नॉट है। इस जहाज पर क्रू मेंबर्स में 10 अफसर और 116 नाविक होते हैं। ये जहाज सतह से मार गिराने वाली मिसाइलों, मीडियम रेंज की गन और तरह-तरह के हथियारों से लैस है। इसमें चेतक हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता है।
28 जून को वियतनाम के लिए हुआ था रवाना :
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पिछले महीने की गई घोषणा के अनुरूप पोत को वियतनाम को उपहार के तौर पर दिया जा रहा है। आईएनएस कृपाण (INS Kirpan) 28 जून को भारत से वियतनाम के लिए रवाना हुआ था और 8 जुलाई को वियतनाम के कैम रान्ह पहुंचा था। नौसेना ने एक बयान में कहा नौसेना प्रमुख की यात्रा भारतीय नौसेना और वियतनाम पीपुल्स नेवी के बीच उच्च स्तर की द्विपक्षीय रक्षा भागीदारी के साथ-साथ क्षेत्र में आसियान केंद्रीयता की भारत की मान्यता का प्रतीक है।