बीजेपी काट सकती है वरुण गाँधी का टिकट! पढ़िए संभावित वजह
वरुण गाँधी पीलीभीत से लोकसभा सांसद है। बीजेपी के टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और विजयी हुए। शुरू में सब ठीक रहा परन्तु पिछले कुछ वर्षों से कई मौको और मुद्दों पर वरुण के ब्यान पार्टी लाइन से इतर रहे है या यूँ कहे कि कई बार तो वो पार्टी को ही कठघरे में खड़ा कर देते रहे है। जिससे यह समझना उतना मुश्किल नहीं कि वरुण गांधी और बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के मध्य सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
आपको बता दें कि यह तल्खी किसान आंदोलन के समय भी देखी गयी थी जब उन्होंने इस आंदोलन को लेकर नेतृत्व से अलग राय रखते दिखे थे।
ऐसे में राजनितिक गलियारों में ये चर्चा आम है कि वरुण गांधी 2024 में लोकसभा का चुनाव भाजपा से लड़ेंगे भी या नहीं। ऐसे कयास लगाए जा रहे है।
पार्टी कर रही कद छोटा :
उल्लेखनीय है की वरुण गांधी ने कई बार भाजपा नेतृत्व से असहमति जताई है, लेकिन पार्टी ने उन्हें लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा। परन्तु कई राज्यों में चुनाव होने पर भी उन्हें चुनाव प्रचार में अहमियत नहीं दी गयी।
आपको बता दें कि उन्हें कई राज्यों में हुए चुनाव प्रचार में ज्यादा अहमियत नहीं दी गई। यूपी में भी उन्हें कोई अहम भूमिका नहीं सौंपी गई है। इससे साफ है कि नेतृत्व वरुण गांधी को नजरअंदाज कर रहा है। इतना ही नहीं उनकी मां मेनका गांधी को भी 2019 में दोबारा मोदी सरकार में कोई भी मंत्री पद नहीं दिया गया। जबकि इसके इतर पहले 2014-19 के दौरान वह महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं, लेकिन अब वह भी बेटे की तरह ही महज सांसद हैं और भाजपा के किसी बड़े आयोजन में मंच पर भी नहीं देखी जाती है।
क्या हैं विकल्प :
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार वरुण गांधी को पीलीभीत लोकसभा सीट से शायद इस बार टिकट न दिया जाए। उनकी जगह पर जिले के ही एक ओबीसी विधायक को मौका मिल सकता है, जो लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। इसके जरिए भाजपा ओबीसी वर्ग को एक संदेश देने की कोशिश करेगी।
अब चर्चा है कि पीलीभीत से संजय सिंह गंगवार को लोकसभा का टिकट मिल सकता है। वह शहर विधानसभा सीट से दो बार से विधायक हैं। उनकी यूपी भाजपा के संगठन में अच्छी पकड़ है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी करीब माने जाते हैं।