अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है? सरकार के खिलाफ कब कब आया, पढ़िए NDA एवं INDIA के पैतरें

अविश्वास प्रस्ताव क्या होता है? सरकार के खिलाफ कब कब आया, पढ़िए NDA एवं INDIA के पैतरें

आजकल अविश्वास प्रस्ताव की बड़ी चर्चा है। आखिर ये अविश्वास प्रस्ताव होता क्या है ? कब-क्यों पेश किया जाता है, इससे जुडी जानकारी आपको बताते हैं…

2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनी और सरकार के पहले कार्यकाल में तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी, जिसके खिलाफ 330 वोट पड़े थे। सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर बहुमत से जीत हासिल कर ली थी। नतीजतन सरकार सफलता पूर्वक बच गयी थी।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी की संसद में वापसी हो गई है और अब वह इस पर बहस में हिस्सा ले सकते है। गौरतलब है कि तीन दिन में 18 घंटे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा की जाएगी और प्रधानमंत्री मोदी 10 अगस्त को इस पर जवाब दे सकते हैं।

अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस किसने दिया :
मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति के नामा नागेश्वर राव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। हालांकि, नंबर गेम के लिहाज से सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है। यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी की सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है।

क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव?
किसी मुद्दे पर विपक्ष की नाराजगी होती है तो लोकसभा सांसद नोटिस लेकर आता है। जैसे इस बार मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष नाराज है और वह लगातार सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है। सरकार को घेरने के लिए वह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इसे स्वीकर भी कर लिया है और आज से बहस शुरू होनी है। अविश्वास पर चर्चा के लिए 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है. गौरव गोगोई के नोटिस को 50 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. चर्चा के बाद इस पर वोटिंग की जाएगी।

कब लाया जाता है ये प्रस्ताव :
संविधान के अनुच्छेद-75 के मुताबिक, सरकार यानी प्रधानमंत्री और उनका मंत्रीपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। लोकसभा में जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं इसलिए सरकार को इसका विश्वास प्राप्त होना जरूरी है। ऐसे में अगर किसी विपक्षी पार्टी को लगता है कि सरकार के पास बहुमत नहीं है या सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है तो वह अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। इसी के आधार पर लोकसभा के रूल 198(1) से 198(5) के तहत कहा गया है कि विपक्षी दल सरकार के खिलाफ अविश्वास का नोटिस लोकसभा स्पीकर को सौंप सकता है।

NDA और INDIA के पैतरे :
बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास लोकसभा में स्पष्ट बहुमत है। कुल 538 सांसदों में से 365 सरकार के साथ हैं और इसके खिलाफ रहने वाले सांसदों की संख्या 156 है तो नंबर गेम के लिहाज से विपक्ष सरकार को परेशानी में ड़ालने की स्थिति में नहीं है। इस कदम से विपक्ष को चर्चा करने और सरकार को घेरने का मौका मिलेगा। चर्चा के दौरान संभव है कि पीएम मोदी मौजूद रहेंगे।

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